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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    हिन्द महासागर के आर्थिक महत्त्व को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा शुरू किये गए सूचना समेकन केंद्र-हिन्द महासागर क्षेत्र (IFC-IOR) के बारे में समेकित जानकारी प्रदान करें। साथ ही इस क्षेत्र की सुरक्षा हेतु भारत द्वारा किये जा रहे अन्य तकनीकी प्रयासों पर भी चर्चा करें।

    01 Jan, 2019 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकी

    उत्तर :

    भूमिका:


    सूचना समेकन केंद्र-हिंद महासागर क्षेत्र (IFC-IOR) का परिचय देते हुए उत्तर आरंभ करें-

    गुरुग्राम में नौसेना के सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र में हिंद महासागर क्षेत्र के लिये IFC की स्थापना की गई। इस केंद्र के माध्यम से समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये हिंद महासागरीय देशों के साथ ह्वाइट शिपिंग या वाणिज्यिक शिपिंग संबंधी जानकारी का आदान-प्रदान किया जाएगा।

    विषय-वस्तु


    विषय-वस्तु के पहले भाग में IFC के बारे में बताते हुए इसके महत्त्व पर चर्चा करेंगे-

    IFC-IOR की स्थापना इस क्षेत्र के लिये तथा उससे परे समुद्री सूचना केंद्र के रूप में कार्य करने और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के दृष्टिकोण से की गई है। भारत के साथ पहले से ही ह्वाइट शिपिंग सूचना विनिमय समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले देशों में लगभग 21 देश IFC के साझेदार हैं। शुरुआत में सूचनाओं का आदान-प्रदान वर्चुअल माध्यम, यथा- टेलीफोन कॉल, फैक्स, ई-मेल और वीडियो कॉन्प्रेंसिंग द्वारा किया जाएगा। इसके बाद बेहतर इंटरकनेक्शन और समय पर प्राप्त सूचनाओं के त्वरित विश्लेषण के लिये IFC-IOR में दूसरे देशों के संपर्क अधिकारी भी तैनात किये जाएंगे।

    महत्त्व

    • भारत के साथ ह्वाइट शिपिंग सूचना विनिमय समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले सभी देश अब IFC में अपने संपर्क अधिकारी नियुक्त कर सकते हैं।
    • इसके अतिरिक्त यह केंद्र समुद्री सूचना संग्रह और साझाकरण में समुद्री अभ्यास और प्रशिक्षण संबंधी जानकारियों को भी साझा करेगा।
    • IFC-IOR की स्थापना से पूरे क्षेत्र में आपसी सहयोग और सूचना का आदान-प्रदान सुनिश्चित होगा। इसके अलावा यह क्षेत्र में व्याप्त चिंताओं और खतरों को समझने में भी सहायक होगा।
    • IFC-IOR एक अलग मंच है जिसमें हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (IONS) के सभी सदस्यों के भाग लेने की उम्मीद है। 2008 में लॉन्च किये गए IONS के द्वारा हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सहयोग बढ़ने की उम्मीद है।

    विषय-वस्तु के दूसरे भाग में हम इस क्षेत्र की सुरक्षा हेतु किये जा रहे अन्य तकनीकी प्रयासों पर चर्चा करेंगे-

    ट्रांस-रीजनल मैरीटाइम नेटवर्क (T-RMN)

    • भारत द्वारा हाल ही में ट्रांस-रीजनल मैरीटाइम नेटवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किये गए जिसका संचालन इटली द्वारा किया जाता है।
    • यह समझौता समुद्रों में होने वाले वाणिज्यिक यातायात संबंधी गतिविधियों के बारे में सूचनाओं के विनिमय की सुविधा प्रदान करेगा।

    इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट एंड एनालिसिस सेंटर (IMAC)

    • समुद्री सुरक्षा को लेकर निगरानी तंत्र को मज़बूत करने के लिये वर्ष 2014 में इसकी स्थापना की गई थी।
    • यह भारतीय नौसेना, तटरक्षक बल और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड की संयुक्त पहल है एवं नेशनल कमांड कंट्रोल कम्युनिकेशन एंड इंटेलिजेंस नेटवर्क की नोडल संस्था है।

    नेशनल कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन एंड इंटेलिजेंस नेटवर्क (NC3IN)

    • भारतीय नौसेना द्वारा नौसेना के 20 और तटरक्षक बल के 31 स्टेशनों सहित कुल 51 स्टेशनों को जोड़ने हेतु NC3IN की स्थापना की गई।
    • NC3IN सभी तटीय रडार शृंखलाओं को जोड़ने वाला एकल केंद्र बिंदु है और लगभग 7,500 किलोमीटर लंबी समुद्र तट की एक समेकित तथा वास्तविक स्थिति को प्रदर्शित करता है।

    निष्कर्ष


    अंत में संतुलित, संक्षिप्त एवं सारगर्भित निष्कर्ष लिखें-

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