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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

पर्सपेक्टिव: भारत-श्रीलंका संबंध

  • 22 Aug 2023
  • 14 min read

प्रिलिम्स के लिये:

भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति, आर्थिक और प्रौद्योगिकी सहयोग समझौता (ETCA), बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिये बंगाल की खाड़ी पहल (बिम्सटेक), भारत-श्रीलंका मुक्त व्यापार समझौता, बौद्ध धर्म।

मेन्स के लिये:

भारत-श्रीलंका संबंध: महत्त्व, चुनौतियाँ, आगे की राह।

संदर्भ

हाल ही में श्रीलंका के राष्ट्रपति ने भारत का दौरा किया। चूँकि श्रीलंका भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' नीतिऔर विज़न द सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन (SAGAR) में एक महत्त्वपूर्ण भागीदार है, इसलिये इस यात्रा ने दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही दोस्ती को मज़बूत किया और सभी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी और पारस्परिक लाभकारी सहयोग की संभावनाओं को और बढ़ा दिया है।

भारत, श्रीलंका का निकटतम पड़ोसी है। भारत और श्रीलंका के द्विपक्षीय संबंधों का इतिहास 2,500 वर्षों से भी अधिक पुराना है, दोनों देशों ने बौद्धिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषायी संबंधों की विरासत का निर्माण किया है। हाल के वर्षों में इस रिश्ते को उच्चतम राजनीतिक स्तर पर करीबी संपर्कों, बढ़ते व्यापार और निवेश, विकास, शिक्षा, संस्कृति तथा रक्षा के क्षेत्रमें सहयोग के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय हित के प्रमुख मुद्दों की व्यापक समझ के रूप में चिह्नित किया गया है।

हाल ही में भारत और श्रीलंका के बीच हस्ताक्षरित प्रमुख समझौता ज्ञापन:

  • पशुपालन और डेयरी के क्षेत्र में आशय की संयुक्त घोषणा (Joint Declaration of Intent- JDI)।
  • नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग।
  • श्रीलंका के त्रिंकोमाली ज़िले में आर्थिक विकास परियोजनाओं के लिये सहयोग ज्ञापन।
  • श्रीलंका में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) आवेदन स्वीकृति के लिये NPCI इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NPIL) और लंका पे के बीच नेटवर्क टू नेटवर्क समझौता।
  • सैमपुर सौर ऊर्जा परियोजना हेतु ऊर्जा परमिट जिसके तहत श्रीलंका 100 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगा।

SriLanka

भारत और श्रीलंका के बीच संबंध:

  • ऐतिहासिक संबंध: भारत और श्रीलंका के बीच प्राचीन काल से ही सांस्कृतिक, धार्मिक और व्यापारिक संबंधों का एक वृहद् इतिहास रहा है।
    • दोनों देशों के बीच मज़बूत सांस्कृतिक संबंध हैं, श्रीलंका के कई निवासी अपनी विरासत भारत से जोड़ते हैं। बौद्ध धर्म, जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई, श्रीलंका में भी एक महत्त्वपूर्ण धर्म है।
  • भारत से वित्तीय सहायता: भारत ने श्रीलंका के अभूतपूर्व आर्थिक संकट के दौरान उसे लगभग 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता प्रदान की, जो श्रीलंका को संकट से बचाने के लिये महत्त्वपूर्ण थी।
    • विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी के कारण श्रीलंका वर्ष 2022 में एक विनाशकारी वित्तीय संकट की चपेट में आ गया जो वर्ष 1948 में ब्रिटेन से आज़ादी के बाद सबसे खराब स्थिति थी।
  • ऋण पुनर्गठन में भूमिका: भारत ने श्रीलंका को उसके ऋण के पुनर्गठन में मदद करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund- IMF) और लेनदारों के साथ सहयोग करने में भूमिका निभाई है।
    • भारत, श्रीलंका के वित्तपोषण और ऋण पुनर्गठन के लिये अपना समर्थन पत्र सौंपने वाला पहला देश बन गया।
  • कनेक्टिविटी के लिये संयुक्त दृष्टिकोण: दोनों देश एक संयुक्त दृष्टिकोण पर सहमत हुए हैं जो व्यापक कनेक्टिविटी पर ज़ोर देता है, जिसमें लोगों के बीच कनेक्टिविटी, नवीकरणीय ऊर्जा सहयोग, लॉजिस्टिक्स, बंदरगाह कनेक्टिविटी और बिजली व्यापार के लिये ग्रिड कनेक्टिविटी शामिल है।
  • क्षेत्रीय और हिंद महासागर संदर्भ: दोनों महत्त्वपूर्ण हिंद महासागर के देश हैं और उनके संबंधों को व्यापक क्षेत्रीय एवं हिंद महासागर संदर्भ में देखा जाता है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में भारत की भागीदारी: कुछ भारतीय कंपनियाँ श्रीलंका के उत्तर-पूर्व में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएँ विकसित कर रही हैं, जो ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ते सहयोग का संकेत है।
  • आर्थिक और प्रौद्योगिकी सहयोग समझौता (ETCA): दोनों देश ईटीसीए के तहत अपनी अर्थव्यवस्थाओं को एकीकृत करने और विकास को बढ़ावा देने के लिये संभावना तलाश रहे हैं।
  • बहु-परियोजना पेट्रोलियम पाइपलाइन पर समझौता: भारत और श्रीलंका दोनों भारत के दक्षिणी भाग से श्रीलंका तक एक बहु-उत्पाद पेट्रोलियम पाइपलाइन स्थापित करने पर सहमत हुए हैं।
    • इस पाइपलाइन का उद्देश्य श्रीलंका को ऊर्जा संसाधनों की सस्ती और विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित करना है। आर्थिक विकास तथा प्रगति में ऊर्जा की महत्त्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए पेट्रोलियम पाइपलाइन की स्थापना पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
  • भारत का UPI अपनाना: श्रीलंका ने अब भारत की UPI सेवा को अपनाया है, जो दोनों देशों के बीच फिनटेक कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
    • व्यापार निपटान के लिये रुपए के उपयोग से श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को और मदद मिल रही है। यह श्रीलंका की आर्थिक सुधार तथा वृद्धि में मदद के लिये ठोस कदम है।
  • आर्थिक संबंध: अमेरिका और ब्रिटेन के बाद भारत, श्रीलंका का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है। श्रीलंका अपने 60% से अधिक के निर्यात हेतु भारत-श्रीलंका मुक्त व्यापार समझौते का लाभ उठाता है। भारत, श्रीलंका में एक प्रमुख निवेशक भी है।
  • रक्षा: भारत और श्रीलंका संयुक्त सैन्य (मित्र शक्ति) तथा नौसेना अभ्यास (SLINEX) आयोजित करते हैं।
  • समूहों में भागीदारी: श्रीलंका बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिये बंगाल की खाड़ी पहल (बिम्सटेक) तथा SAARC जैसे समूहों का भी सदस्य है जिनमें भारत अग्रणी भूमिका निभाता है।
  • पर्यटन: वर्ष 2022 में भारत 100,000 से अधिक पर्यटकों के साथ श्रीलंका के लिये पर्यटकों का सबसे बड़ा स्रोत था।

दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों का महत्त्व:

  • क्षेत्रीय विकास पर ध्यान: भारत का विकास पड़ोस से निकटता से जुड़ा हुआ है और श्रीलंका अपने विकास को बढ़ावा देने के लिये दक्षिणी अर्थव्यवस्था के साथ एकीकरण चाहता है।
  • भौगोलिक स्थिति: श्रीलंका भारत के दक्षिणी तट पर स्थित है, जो पाक जलडमरूमध्य द्वारा अलग किया गया है। इस निकटता ने दोनों देशों के बीच संबंधों को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
    • हिंद महासागर व्यापार और सैन्य अभियानों के लिये रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण जलमार्ग है तथा प्रमुख शिपिंग लेन के क्रॉस रोड पर श्रीलंका का स्थान इसे भारत के लिये एक महत्त्वपूर्ण नियंत्रण बिंदु बनाता है।
  • व्यवसाय करने में आसानी एवं पर्यटन: UPI को अपनाने से भारत और श्रीलंका के बीच आर्थिक एकीकरण तथा व्यापार करने में आसानी होगी। यह न केवल व्यापार को सुविधाजनक बनाएगा बल्कि दोनों देशों के बीच पर्यटन के लिये कनेक्टिविटी भी बढ़ाएगा।

भारत-श्रीलंका संबंधों में चुनौतियाँ:

  • मत्स्य पालन विवाद: भारत और श्रीलंका के बीच लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों में से एक पाक जलडमरूमध्य तथा मन्नार की खाड़ी में मछली पकड़ने के अधिकार से संबंधित है। भारतीय मछुआरों को अक्सर समुद्री सीमा पार करने एवं श्रीलंकाई जल में अवैध मछली पकड़ने के आरोप में श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया जाता है।
    • इससे तनाव पैदा हो गया है और कभी-कभी दोनों देशों के मछुआरों के साथ घटनाएँ भी होती रहती हैं।
  • सीमा सुरक्षा और तस्करी: भारत तथा श्रीलंका के बीच सुभेद्य समुद्री सीमा (Porous Maritime Boundary) सीमा सुरक्षा एवं नशीले पदार्थों और अवैध आप्रवासियों सहित सामानों की तस्करी के मामले में चिंता का विषय रही है।
  • तमिल जातीय मुद्दा: श्रीलंका में जातीय संघर्ष, विशेष रूप से तमिल अल्पसंख्यकों से जुड़ा, भारत-श्रीलंका संबंधों में एक संवेदनशील विषय रहा है। भारत ऐतिहासिक रूप से श्रीलंका में तमिल समुदाय के कल्याण और अधिकारों के बारे में चिंतित रहा है।
  • चीन का प्रभाव: भारत ने श्रीलंका पर चीन के बढ़ते आर्थिक और रणनीतिक प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की है, जिसमें बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं तथा हंबनटोटा बंदरगाह के विकास में चीनी निवेश शामिल है। इसे कभी-कभी क्षेत्र में भारत के अपने हितों के लिये एक चुनौती के रूप में देखा जाता है।

आगे की राह

  • आर्थिक सहयोग बढ़ाना: दोनों देश व्यापार असंतुलन को कम करने और अधिक आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर सकते हैं। पूरक हितों वाले क्षेत्रों की पहचान करने तथा निवेश को बढ़ावा देने से पारस्परिक रूप से लाभप्रद परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
  • बाहरी संबंधों को संतुलित करना: जबकि अन्य देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखना आवश्यक है, भारत और श्रीलंका दोनों को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि उनके द्विपक्षीय संबंध मज़बूत रहें तथा बाहरी शक्तियों से अनावश्यक रूप से प्रभावित न हों।
  • सुरक्षा सहयोग को सुदृढ़ बनाना: सुरक्षा मामलों पर सहयोग और खुफिया जानकारी साझा करने से आम खतरों से निपटने तथा दोनों देशों के बीच विश्वास को मज़बूत करने में मदद मिल सकती है।
  • तमिल जातीय मुद्दे को संबोधित करना: तमिल समुदाय के कल्याण और अधिकारों का सम्मान तथा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये भारत श्रीलंका के साथ जुड़ाव जारी रख सकता है। श्रीलंका में स्थिरता एवं समावेशिता को बढ़ावा देने के लिये जातीय सुलह व सत्ता के हस्तांतरण के प्रयासों का समर्थन करना महत्त्वपूर्ण हो सकता है
  • लोगों के बीच कनेक्टिविटी: सांस्कृतिक आदान-प्रदान, पर्यटन और शैक्षिक संबंधों को प्रोत्साहित करने से दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क तथा समझ को बढ़ावा मिल सकता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. कभी-कभी समाचारों में देखा जाने वाला एलीफेंट पास का उल्लेख निम्नलिखित में से किस मामले के संदर्भ में किया जाता है? (2009)

(a) बांग्लादेश|
(b) भारत
(c) नेपाल
(d) श्रीलंका

उत्तर: (d)


मेन्स:

प्रश्न. भारत-श्रीलंका के संबंधों के संदर्भ में विवेचना कीजिये कि किस प्रकार आतंरिक (देशीय) कारक विदेश नीति को प्रभावित करते हैं। (2013)

प्रश्न. 'भारत श्रीलंका का बरसों पुराना मित्र है।' पूर्ववर्ती कथन के आलोक में श्रीलंका के वर्तमान संकट में भारत की भूमिका की विवेचना कीजिये। (2022)

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