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भारतीय विरासत और संस्कृति

वेसाक समारोह

  • 27 May 2021
  • 7 min read

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर वर्चुअल ‘वेसाक वैश्विक समारोह’ को संबोधित किया।

  • यह कार्यक्रम संस्कृति मंत्रालय द्वारा अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) के सहयोग से आयोजित किया गया था, जिसमे दुनिया भर के बौद्ध संघों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया।

प्रमुख बिंदु

बुद्ध पूर्णिमा

  • इसका आयोजन धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध के जन्म के उपलक्ष्य में किया जाता है।
    • इसे वेसाक के नाम से भी जाना जाता है। वैश्विक समाज में बौद्ध धर्म के योगदान को देखते हुए वर्ष 1999 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस दिवस को मान्यता दी गई थी।
  • तथागत गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञानोदय और महापरिनिर्वाण के रूप में इसे 'तिहरा-धन्य दिवस' माना जाता है। 
  • बुद्ध पूर्णिमा आमतौर पर अप्रैल और मई माह के बीच पूर्णिमा को पड़ती है और यह भारत में एक राजकीय अवकाश है।
  • इस अवसर पर कई भक्त बिहार के बोधगया में स्थित यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल महाबोधि विहार जाते हैं।
    • बोधि विहार वह स्थान है, जहाँ भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था।

अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) 

  • यह सबसे बड़ा धार्मिक बौद्ध संघ है। 
  • इस निकाय का उद्देश्य वैश्विक मंच पर बौद्ध धर्म की भूमिका का निर्माण करना है, ताकि बौद्ध धर्म की विरासत को संरक्षित करने, ज्ञान साझा करने और मूल्यों को बढ़ावा देने में मदद मिल सके तथा वैश्विक वार्ता में सार्थक भागीदारी के साथ बौद्ध धर्म का संयुक्त प्रतिनिधित्व किया जा सके। 
  • नवंबर 2011 में नई दिल्ली में ‘वैश्विक बौद्ध मण्डली’ (GBC) की मेज़बानी की गई थी, जहाँ उपस्थित लोगों ने सर्वसम्मति से एक अंतर्राष्ट्रीय अम्ब्रेला निकाय- अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) के गठन के प्रस्ताव को अपनाया।
  • मुख्यालय: दिल्ली (भारत)

गौतम बुद्ध के विषय में

  • बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध का जन्म सिद्धार्थ गौतम के रूप में लगभग 563 ईसा पूर्व लुंबिनी में हुआ था और वे शाक्य वंश के थे।
  • गौतम ने बिहार के बोधगया में एक पीपल के पेड़ के नीचे बोधि (ज्ञानोदय) प्राप्त किया था।
  • बुद्ध ने अपना पहला उपदेश उत्तर प्रदेश में वाराणसी के पास सारनाथ गाँव में दिया था। इस घटना को धर्म चक्र प्रवर्तन (कानून के पहिये का घूमना) के रूप में जाना जाता है।
  • उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में 80 वर्ष की आयु में 483 ईसा पूर्व में उनका निधन हो गया। इस घटना को महापरिनिर्वाण के नाम से जाना जाता है।
  • उन्हें भगवान विष्णु के दस अवतारों में से आठवाँ अवतार माना जाता है।

बौद्ध धर्म

परिचय

  • भारत में बौद्ध धर्म की शुरुआत लगभग 2600 वर्ष पूर्व हुई थी।
  • बौद्ध धर्म की मुख्य शिक्षाएँ चार महान आर्य सत्य और अष्टांगिक मार्ग की मूल अवधारणा में समाहित हैं।
    • दुख (पीड़ा) और उसका विलुप्त होना बुद्ध के सिद्धांत के केंद्र में है।
  • बौद्ध धर्म का सार आत्मज्ञान या निर्वाण की प्राप्ति में है, जिसे इस जीवन में प्राप्त किया जा सकता है।
  • बौद्ध धर्म में कोई सर्वोच्च देवता या देवी नहीं है।

बौद्ध परिषद

बौद्ध परिषद

संरक्षक

स्थान

अध्यक्ष

वर्ष

पहली

अजातशत्रु 

राजगृह

महाकस्यप

483 ई.पू.

दूसरी 

कालाशोक 

वैशाली

सुबुकामि 

383 ई.पू.

तीसरी

अशोक 

पाटलिपुत्र

मोगालिपुत्र 

250 ई.पू.

चौथी

कनिष्क

कुण्डलवन 

वसुमित्र 

72 ई.

बौद्ध धर्म की शाखाएँ

  • महायान (मूर्ति पूजा), हीनयान, थेरवाद, वज्रयान (तांत्रिक बौद्ध धर्म), ज़ेन।

बौद्ध धर्म ग्रंथ (त्रिपिटक)

  • विनयपिटक (मठवासी जीवन पर लागू नियम), सुत्तपिटक (बुद्ध की मुख्य शिक्षाएँ या धम्म), अभिधम्मपिटक (एक दार्शनिक विश्लेषण और शिक्षण का व्यवस्थापन)।

भारतीय संस्कृति में बौद्ध धर्म का योगदान

  • अहिंसा की अवधारणा बौद्ध धर्म का प्रमुख योगदान है। बाद के समय में यह हमारे राष्ट्र के पोषित मूल्यों में से एक बन गई।
  • भारत की कला एवं वास्तुकला में इसका योगदान उल्लेखनीय है। सांची, भरहुत और गया के स्तूप वास्तुकला के अद्भुत नमूने हैं।
  • इसने तक्षशिला, नालंदा और विक्रमशिला जैसे आवासीय विश्वविद्यालयों के माध्यम से शिक्षा को बढ़ावा दिया।
  • पाली और अन्य स्थानीय भाषाओं की भाषा बौद्ध धर्म की शिक्षाओं के माध्यम से विकसित हुई।
  • इसने एशिया के अन्य हिस्सों में भारतीय संस्कृति के प्रसार को भी बढ़ावा दिया था।

बौद्ध धर्म से संबंधित यूनेस्को के विरासत स्थल

  • नालंदा, बिहार में नालंदा महाविहार का पुरातात्त्विक स्थल
  • साँची, मध्य प्रदेश में बौद्ध स्मारक
  • बोधगया, बिहार में महाबोधि विहार परिसर
  • अजंता गुफाएँ, औरंगाबाद (महाराष्ट्र)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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