इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

एथिक्स


एथिक्स

सिविल सेवा में पब्लिसिटी स्टंट

  • 31 Oct 2023
  • 2 min read

राज्य विधानसभा चुनावों में चुनाव आयोग के पर्यवेक्षक की भूमिका निभाने वाले एक IAS अधिकारी ने आधिकारिक सरकारी वाहन के सामने खड़े होकर ली गई अपनी एक तस्वीर इंस्टाग्राम पर साझा कर सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।

हालाँकि चुनाव आयोग ने अधिकारी के इंस्टाग्राम पोस्ट को लेकर कड़ी आपत्ति व्यक्त की और उसे तुरंत सामान्य पर्यवेक्षक के कर्त्तव्यों से मुक्त कर दिया। साथ ही अगली सूचना तक चुनाव संबंधी किसी भी ज़िम्मेदारी से वंचित कर दिया।

अधिकारी को तत्काल अपना निर्वाचन क्षेत्र छोड़ने का निर्देश दिया गया। इसके अतिरिक्त सोशल मीडिया पोस्ट में दिखाई गई कार सहित राज्य के अंतर्गत सरकार द्वारा प्रदान की गई सभी सुविधाएँ वापस ले ली गईं।

बहरहाल, अधिकारी ने बयान दिया कि उसके द्वारा सोशल मीडिया पर किये गए पोस्ट में कुछ भी अनुचित नहीं था और ऐसा करने की मंशा के बारे में स्पष्टीकरण दिया। उसने कहा, "एक लोक सेवक का अन्य सार्वजनिक अधिकारियों के साथ आधिकारिक ड्यूटी के दौरान जनता द्वारा वित्तपोषित वाहन का उपयोग करना तथा जनता के साथ तस्वीरें साझा करना प्रचार या आत्म-प्रचार के लिये नहीं था।"

क्या आपके अनुसार एक लोक सेवक का सोशल मीडिया पर अपने आधिकारिक कर्त्तव्यों को साझा करने का कार्य संभावित रूप से सिविल सेवाओं के लिये आचार संहिता का उल्लंघन है? उपरोक्त परिदृश्य में आप सरकारी कार्यालयों में विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों के लिये किस प्रकार के प्रशिक्षण का सुझाव देंगे?

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2