दृष्टि के NCERT कोर्स के साथ करें UPSC की तैयारी और जानें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


रैपिड फायर

वैनेडियम रेडॉक्स फ्लो बैटरी (VRFB) प्रणाली

  • 12 Nov 2025
  • 14 min read

स्रोत: पीआईबी

विद्युत व आवास और शहरी कार्य मंत्री ने 3 मेगावाट क्षमता वाली भारत की सबसे बड़ी और पहली मेगावाट-घंटा (MWh)-स्तरीय वैनेडियम रेडॉक्स फ्लो बैटरी (VRFB) प्रणाली का उद्घाटन किया।

  • यह ऐतिहासिक परियोजना लंबे समय के लिये ऊर्जा भंडारण (एलडीईएस) संबंधी समाधानों की दिशा में देश का एक बड़ा कदम है, जो नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण और ग्रिड तन्यकशीलता को बेहतर करता है।
  • वैनेडियम रेडॉक्स फ्लो बैटरी:  यह एक प्रकार की विद्युत रासायनिक ऊर्जा भंडारण प्रणाली है जो रेडॉक्स (अपचयन-ऑक्सीकरण) अभिक्रियाओं के माध्यम से विद्युत ऊर्जा को संग्रहीत करने और मुक्त करने के लिये विभिन्न ऑक्सीकरण अवस्थाओं में वैनेडियम आयनों का उपयोग करती है।
  • पारंपरिक बैटरियों के विपरीत, VRFB बाहरी टैंकों में रखे तरल विद्युत अपघट्य (इलेक्ट्रोलाइट्स) के रूप में ऊर्जा संग्रहीत करता है, जिससे यह मॉड्यूलर और आसानी से स्केलेबल हो जाता है। 
  • इसकी ऊर्जा क्षमता इलेक्ट्रोलाइट की मात्रा पर निर्भर करती है, जबकि विद्युत् उत्पादन सेल स्टैक के आकार द्वारा निर्धारित होता है, जिससे दोनों को स्वतंत्र रूप से बढ़ाया जा सकता है।

  • VRFB के लाभ:  VRFB स्केलेबल, लंबे समय तक चलने वाले और कुशल हैं, जो सतत् ऊर्जा भंडारण के लिये गैर-ज्वलनशील, पुनर्चक्रण योग्य वैनेडियम इलेक्ट्रोलाइट्स के साथ तेज प्रतिक्रिया, गहन निर्वहन और उच्च सुरक्षा प्रदान करते हैं।
  • नवीकरणीय एकीकरण के लिये VRFB का महत्त्व: सौर और पवन जैसे नवीकरणीय स्रोत मौसम की स्थिति के आधार पर  रुक-रुक कर विद्युत् उत्पन्न करते हैं।
    • VRFB अतिरिक्त सौर और पवन ऊर्जा का भंडारण करते हैं, लंबी अवधि का भंडारण प्रदान करते हैं तथा आंतरायिक उत्पादन के दौरान आपूर्ति और मांग को संतुलित करके ग्रिड स्थिरता को बढ़ाते हैं।
    • VRFB आयातित लिथियम-आयन बैटरियों पर निर्भरता कम करता है, आत्मनिर्भर भारत के अनुरूप ऊर्जा सुरक्षा को मज़बूत करता है।
और पढ़ें:  एल्युमीनियम-आयन बैटरी
close
Share Page
images-2
images-2