रैपिड फायर
सागरमाला फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SMFCL)
- 27 Jun 2025
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स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स
सागरमाला फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (SMFCL) की स्थापना भारत की पहली समुद्री क्षेत्र-विशिष्ट गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) के रूप में की गई है, जिसका उद्देश्य भारत के समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में वित्तीय पहुँच को मज़बूत करना है।
सागरमाला फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SMFCL)
- परिचय: SMFCL बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के तहत एक मिनी रत्न (श्रेणी-I) केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (CPSU) है।
- पहले इसे सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड के नाम से जाना जाता था।
- अधिदेश एवं लाभार्थी:
- SMFCL बंदरगाह प्राधिकरणों, शिपिंग कंपनियों, जहाज़ निर्माण और लॉजिस्टिक्स फर्मों, MSME, समुद्री स्टार्टअप, बजरा ऑपरेटरों (Barge Operators), क्रूज तथा मछली पकड़ने वाले जहाज़ों के मालिकों और समुद्री शैक्षिक एवं अनुसंधान संस्थानों जैसे हितधारकों को लघु, मध्यम व दीर्घकालिक अनुकूलित वित्तपोषण प्रदान करता है।
- यह क्रूज पर्यटन, समुद्री शिक्षा, जहाज़ निर्माण और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भी समर्थन देता है, जबकि इसका उद्देश्य वित्तपोषण अंतराल को पाटना और समुद्री बुनियादी ढाँचे के विकास में तेज़ी लाना है।
- नीति संरेखण: SMFCL समुद्री अमृत काल विजन 2047 के साथ संरेखित है, जिसका लक्ष्य भारत को वैश्विक समुद्री शक्ति बनाना है।
- यह सागरमाला कार्यक्रम का पूरक है तथा सतत् और एकीकृत समुद्री विकास के लिये राष्ट्रीय नीली अर्थव्यवस्था रणनीति को सुदृढ़ करता है।
- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी:
- NBFC एक वित्तीय संस्था है जो कंपनी अधिनियम, 1956 या 2013 के तहत पंजीकृत है, जो उधार देने, प्रतिभूतियों में निवेश, पट्टे, किराया खरीद और बीमा जैसी गतिविधियों में संलग्न है।
- बैंकों के विपरीत NBFC के पास बैंकिंग लाइसेंस नहीं होता है और वे मांग जमा (जैसे, बचत या चालू खाते) स्वीकार नहीं कर सकते हैं।
- NBFC को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा RBI अधिनियम, 1934 के तहत विनियमित किया जाता है।
और पढ़ें: RBI द्वारा NBFC की समीक्षा।