रैपिड फायर
तेंदुओं के अवैध शिकार में वृद्धि
- 05 May 2025
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स्रोत: डाउन टू अर्थ
शिकारी अब तेंदुओं को अधिक निशाना बना रहे हैं, क्योंकि सख्त संरक्षण कानूनों के कारण बाघों का शिकार करना कठिन हो गया है, जबकि तेंदुओं को ढूँढना आसान है और वे कम संरक्षित हैं, इस कारण अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में बाघों के अंगों के विकल्प के रूप में तेंदुओं की मांग बढ़ गई है।
- CITES के अनुसार, वर्ष 2020 से वर्ष 2023 के बीच विश्व भर में लगभग 12,000 तेंदुओं और उनके अंगों का व्यापार किया गया।
- अवैध शिकार और आवास स्थल के विनाश के कारण अफ्रीका, मध्य पूर्व एवं एशिया में तेंदुए अपने प्राकृतिक आवास क्षेत्र के 75% भाग से खत्म हो चुके हैं।
- पारंपरिक चिकित्सा, विलासिता की वस्तुओं और ट्राफियों के लिये, विशेष रूप से एशिया में, अवैध वन्यजीव व्यापार में तेंदुओं का शिकार किया जा रहा है तथा उन्हें बाघ के रूप में गलत लेबल कर बेचा जा रहा है ।
- दक्षिण अफ्रीका के कमज़ोर कानून और कैप्टिव ब्रीडिंग उद्योग वैश्विक अवैध बड़ी बिल्लियों (बाघ, तेंदुआ आदि) के व्यापार को बढ़ावा दे रहे हैं।
- भारत में तेंदुए की जनसंख्या (वर्ष 2024):
कुल: 13,874 (वर्ष 2018 से 1.08% की वार्षिक वृद्धि)।
- सर्वाधिक जनसंख्या: मध्य प्रदेश, उसके बाद महाराष्ट्र , कर्नाटक और तमिलनाडु।
- संरक्षण स्थिति: IUCN रेड लिस्ट (असुरक्षित), CITES (परिशिष्ट-I) और वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (अनुसूची-I)।
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