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संशोधित हरित भारत मिशन

  • 18 Jun 2025
  • 11 min read

स्रोत: IE

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने 17 जून, 2025 को मनाए जाने वाले विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस (World Day to Combat Desertification and Drought) पर 2021-2030 के लिये संशोधित ग्रीन इंडिया मिशन (GIM) योजना जारी की।

विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस

  • यह दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिवर्ष 17 जून को मरुस्थलीकरण और सूखे के बारे में जागरूकता बढ़ाने तथा सतत् भूमि प्रबंधन को बढ़ावा देने हेतु मनाया जाता है। 
  • यह वर्ष 1994 में मरुस्थलीकरण रोकथाम पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNCCD) को अपनाए जाने का प्रतीक है, जो पर्यावरण, विकास और सतत् भूमि प्रबंधन को एक साथ जोड़ने वाला एकमात्र वैश्विक और कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता है।
  • वर्ष 2025 के लिये इस दिवस की थीम है- 'भूमि को पुनर्स्थापित करें, अवसरों को खोलें' (Restore the Land. Unlock the Opportunities)।  

ग्रीन इंडिया मिशन (GIM) क्या है?

  • परिचय: ग्रीन इंडिया मिशन (GIM) भारत की राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन कार्ययोजना (NAPCC) के तहत 8 मिशनों में से एक है, जिसे फरवरी 2014 में लॉन्च किया गया था। 
    • इसका उद्देश्य शमन और अनुकूलन रणनीतियों के संयोजन के माध्यम से जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करना, मुख्य रूप से वन-आधारित पारिस्थितिकी तंत्र के पुनर्स्थापन पर ध्यान केंद्रित करना है।
  • प्रगति एवं चुनौतियाँ:
    • वर्ष 2023 तक, भारत के वन क्षेत्र में धीरे-धीरेवृद्धि हुई है, GIM और संबंधित पहलों के माध्यम से वर्ष 2015-16 और वर्ष 2020-21 के बीच 11.22 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र को वृक्षारोपण के दायरे में लाया गया है।
    • हालाँकि, चुनौतियों में वित्तपोषण अंतराल, आक्रामक प्रजातियों के वृक्षारोपण और पुराने वनों का अपर्याप्त संरक्षण शामिल हैं
    • राष्ट्रीय नीति के अनुसार 33% वन क्षेत्र प्राप्त करने और वर्ष 2030 तक भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिये GIMका प्रभावी कार्यान्वयन आवश्यक है।

पक्ष

ग्रीन इंडिया मिशन (GIM) 2014

संशोधित GIMयोजना (2021-2030)

विज़न एवं उद्देश्य

  • इसका उद्देश्य वन आवरण का संरक्षण, पुनर्स्थापन एवं संवर्द्धन तथा अनुकूलन व शमन के माध्यम से जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करना है।
  • मुख्य उद्देश्यों को बरकरार रखा गया है, जो अब पेरिस समझौते के तहत भारत के NDC लक्ष्यों केअनुरूप है, जिसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक 2.5-3.0 बिलियन टन CO2-समतुल्य कार्बन सिंक का निर्माण करना है।
  • यह अरावली, पश्चिमी घाट, भारतीय हिमालयी क्षेत्र, मैंग्रोव, उत्तर-पश्चिम भारत के शुष्क क्षेत्रों जैसे संवेदनशील परिदृश्यों को लक्षित करते हुए सूक्ष्म-पारिस्थितिकी तंत्र के दृष्टिकोण पर केंद्रित है।

लक्ष्य

  • 5 मिलियन हेक्टेयर गैर-वन भूमि पर वनरोपण।
  • अन्य 5 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में वन गुणवत्ता में सुधार करना।
  • प्रतिवर्ष 50-60 मिलियन टन CO2 का पृथक्करण।
  • 24-25 मिलियन हेक्टेयर में वनरोपण/पुनर्स्थापन (GIM और अभिसरण के माध्यम से)।
  • GIM2030 तक 1 mha का प्रत्यक्ष उपचार करेगा ।
  • अनुमानित कार्बन सिंक/पृथक्करण: 3.39 बिलियन टन CO₂ तक।

उप-मिशन

5 घटक:

  • वन आवरण में सुधार
  • पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली
  • शहरी हरियाली (Urban greening)
  • कृषि/सामाजिक वानिकी
  • आर्द्रभूमि पुनर्स्थापन

3 घटक:

  • वन गुणवत्ता एवं पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ
  • वनरोपण एवं पारिस्थितिकी तंत्र बहाली
  • वन-आश्रित समुदायों के लिये आजीविका संवर्द्धन 

निगरानी एवं मूल्यांकन

  • ज़मीनी स्तर पर सर्वेक्षण
  • भारतीय वन सर्वेक्षण (FSI) के माध्यम से सुदूर संवेदन
  • सामाजिक अंकेक्षण की योजना 

5-स्तरीय निगरानी प्रणाली जिसमें शामिल हैं:

  • सभी वृक्षारोपण गतिविधियों (सरकारी, निजी, गैर सरकारी संगठन) पर नज़र रखने के लिये GIS और राष्ट्रीय वनरोपण डैशबोर्ड का उपयोग करते हुए एक समर्पित सेल के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी।
  • कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा स्व-निगरानी।
  • ग्राम सभाओं द्वारा सामाजिक अंकेक्षण।
  • भारतीय वन सर्वेक्षण (FSI) और विशेषज्ञ एजेंसियों द्वारा उपग्रह आधारित निगरानी।
  • जवाबदेही और पारदर्शिता के लिये चिह्नित स्थलों का तीसरे पक्ष द्वारा मूल्यांकन।

जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्ययोजना (NAPCC)

  • NAPCC जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिये सतत् विकास सुनिश्चित करने हेतु भारत की व्यापक नीतिगत रूपरेखा है। 
  • इसे वर्ष 2008 में एक रणनीतिक और बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण के माध्यम से निम्न-कार्बन, जलवायु-अनुकूल विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
  • इसमें निम्नलिखित 8 राष्ट्रीय मिशन शामिल हैं, जो सामूहिक रूप से ऊर्जा, जल, कृषि, पारिस्थितिकी तंत्र और शहरी आवास जैसे प्रमुख क्षेत्रों को संबोधित करते हैं, इसका लक्ष्य समावेशी और सतत् जलवायु अनुकूलन प्राप्त करना है।
  • राष्ट्रीय सौर मिशन
  • उन्नत ऊर्जा दक्षता के लिये राष्ट्रीय मिशन
  • राष्ट्रीय सतत् आवास मिशन
  • राष्ट्रीय जल मिशन
  • हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने के लिये राष्ट्रीय मिशन
  • हरित भारत के लिये राष्ट्रीय मिशन
  • राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन
  • जलवायु परिवर्तन के लिये रणनीतिक ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन

वन क्षेत्र बढ़ाने हेतु सरकार द्वारा कौन-सी पहलें की गई हैं?

  • राष्ट्रीय वनरोपण कार्यक्रम (NAP), जिसे वर्ष 2000 में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा विक्षिप्त वनों एवं आस-पास के क्षेत्रों को पुनर्जीवित करने हेतु शुरू किया गया था, को अब एकीकृत कार्यान्वयन के लिये ग्रीन इंडिया मिशन के साथ विलय कर दिया गया है।
  • वर्ष 2020 में शुरू की गई नगर वन योजना (NVY) का लक्ष्य वर्ष 2024-25 तक शहरी और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में 600 नगर वन तथा 400 नगर वाटिकाओं का निर्माण करना है।
  • विकास परियोजनाओं के लिये वन भूमि के उपयोग पर अंकुश लगाने हेतु प्रतिपूरक वनरोपण निधि (CAMPA) का प्रावधान किया गया है।
    • CAMPA तंत्र के अंतर्गत 90% धनराशि राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को आवंटित की जाती है, जबकि 10% धनराशि केंद्र सरकार अपने पास रखती है। 
  • वनरोपण के लिये बहु-विभागीय और अभिसारी दृष्टिकोण को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना, राष्ट्रीय बाँस मिशन और कृषि वानिकी उप-मिशन जैसी अन्य योजनाओं के साथ अभिसरण के माध्यम से भी अपनाया गया है।
  • CSR के अंतर्गत राज्य सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों, नागरिक समाज और कॉर्पोरेट संस्थाओं द्वारा योगदान।

  UPSC  सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स

प्रश्न. राष्ट्रीय स्तर पर अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये कौन सा मंत्रालय नोडल एजेंसी है? (2021)

(a) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
(b) पंचायती राज मंत्रालय
(c) ग्रामीण विकास मंत्रालय
(d) जनजातीय मामलों का मंत्रालय

उत्तर: (d)


प्रश्न. भारत में एक विशेष राज्य में निम्नलिखित विशेषताएँ हैं: (वर्ष 2012)

  1. यह उसी अक्षांश पर स्थित है जो उत्तरी राजस्थान से होकर गुज़रती है।
  2.  इसका 80% से अधिक क्षेत्र वन आच्छादित है। 
  3.  इस राज्य में 12% से अधिक वन क्षेत्र संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क का गठन करता है।

निम्नलिखित में से किस राज्य में उपरोक्त सभी विशेषताएँ हैं? 

(a) अरुणाचल प्रदेश
(b) असम
(c) हिमाचल प्रदेश
(d) उत्तराखंड

उत्तर: (a)

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