प्रारंभिक परीक्षा
पीएम-वाणी योजना
- 18 Jun 2025
- 11 min read
स्रोत: बीएल
चर्चा में क्यों?
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने पीएम-वाणी (PM-WANI) योजना के तहत पब्लिक डेटा ऑफिस (PDO) से लिये जाने वाले शुल्क पर सीमा निर्धारित की है, ताकि सार्वजनिक वाई-फाई को सुलभ और किफायती बनाया जा सके, साथ ही सेवा प्रदाताओं को ब्रॉडबैंड कनेक्शन के लिये उचित मुआवजा भी मिल सके।
- TRAI ने यह अनिवार्य किया है कि इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISP) और दूरसंचार सेवा प्रदाता (TSP) पब्लिक डेटा ऑफिस (PDO) से 200 Mbps तक की ब्रॉडबैंड योजनाओं के लिये खुदरा शुल्क से अधिकतम दो गुना से ज़्यादा शुल्क नहीं ले सकते।
पीएम-वाणी योजना क्या है?
- परिचय: दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा वर्ष 2020 में लॉन्च किये गए प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (PM-WANI) का उद्देश्य ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में डिजिटल संचार बुनियादी अवसंरचना को मज़बूत करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए पूरे भारत में सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट की उपलब्धता का विस्तार करना है।
- यह योजना शहरी गरीबों और ग्रामीण आबादी को किफायती इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने के लिये बनाई गई है, साथ ही राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति, 2018 के लक्ष्यों को पूरा करने हेतु वाई-फाई सर्विस आउटलेट की स्थापना के माध्यम से छोटे एवं सूक्ष्म उद्यमियों के लिये रोज़गार को बढ़ावा दिया जाएगा।
- प्रवेश तंत्र: उपयोगकर्त्ता पीएम-वाणी सेवाओं का उपयोग अपने मोबाइल फोन में पीएम-वाणी एप्लिकेशन डाउनलोड करके, सूचीबद्ध हॉटस्पॉट का चयन करके और इंटरनेट उपयोग के लिये डिजिटल भुगतान करके कर सकते हैं।
- पीएम-वाणी इकोसिस्टम: इस योजना में 4 प्रमुख हितधारक शामिल हैं:
- पब्लिक डेटा ऑफिस (PDO): वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित करता है और उपयोगकर्त्ताओं को इंटरनेट सेवाएँ प्रदान करता है।
- पब्लिक डेटा ऑफिस एग्रीगेटर (PDOA): प्रमाणीकरण, लेखांकन और कई PDO का समेकन सुनिश्चित करता है।
- ऐप प्रदाता: मोबाइल एप्लिकेशन विकसित करता है और उनका प्रबंधन करता है जो सुलभ वाई-फाई हॉटस्पॉट दिखाते हैं।
- केंद्रीय रजिस्ट्री: इसे टेलीमैटिक्स विकास केंद्र (C-DoT) द्वारा संचालित किया जाता है और इसमें सभी PDO, PDOA और ऐप प्रदाताओं का रिकॉर्ड रखा जाता है।
- वर्ष 1984 में स्थापित, C-DoT DoT के अधीन एक स्वायत्त दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र है। यह सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत रजिस्ट्रीकृत सोसायटी के रूप में कार्य करता है।
- प्रमुख विशेषताएँ:
- पब्लिक डेटा ऑफिस (PDO) के लिये किसी लाइसेंस या रजिस्ट्रीकरण शुल्क की आवश्यकता नहीं है, जिससे छोटे विक्रेताओं और उद्यमियों की भागीदारी को प्रोत्साहन मिलता है।
- स्थानीय अवसंरचना (जैसे कि दुकानें, किराना स्टोर, चाय की दुकानें आदि) का उपयोग अंतिम छोर तक इंटरनेट कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिये किया जाता है।
- प्रमुख लाभ:
- यह डिजिटल समावेशन को बढ़ाता है और शहरी-ग्रामीण डिजिटल विभाजन को कम करता है।
- यह किफायती इंटरनेट सुलभता को सक्षम बनाता है और डिजिटल इंडिया मिशन को समर्थन देता है।
- यह उद्यमिता के माध्यम से असंगठित क्षेत्र में रोज़गार सृजन को प्रोत्साहित करता है।
- इंटरनेट सुलभता में सुधार शिक्षा, स्वास्थ्य, शासन और वाणिज्य जैसे क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं को सक्षम बनाकर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि में योगदान कर सकता है।
ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिये सरकार की क्या पहल हैं?
- राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (NBM): यह भारत में डिजिटल बुनियादी ढाँचे के विस्तार और सुदृढ़ीकरण हेतु एक प्रमुख पहल है।
- राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन (NBM 1.0), जिसे वर्ष 2019 में शुरू किया गया था, का उद्देश्य वर्ष 2022 तक सभी गाँवों में ब्रॉडबैंड पहुँच का विस्तार करना और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिये मौजूदा टेलीकॉम टावरों को फाइबरयुक्त बनाना है।
- राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 (2025–30), NBM 1.0 की उपलब्धियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य भारत के डिजिटल परिवर्तन को तेज़ करना, डिजिटल बुनियादी ढाँचे को सुदृढ़ करना तथा वैश्विक प्रतिस्पर्द्धात्मकता को बढ़ाना है।
- गति शक्ति संचार पोर्टल: गति शक्ति संचार पोर्टल को वर्ष 2022 में लॉन्च किया गया था ताकि ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) और दूरसंचार बुनियादी ढाँचा स्थापित करने की स्वीकृति प्रक्रिया को सरल और सुव्यवस्थित किया जा सके।
- दूरसंचार अधिनियम, 2023 एवं राइट ऑफ वे नियम, 2024: दूरसंचार अधिनियम, 2023 एवं राइट ऑफ वे नियम, 2024 का उद्देश्य देशभर में ब्रॉडबैंड अवसंरचना की स्थापना की प्रक्रिया को सरल और तीव्र बनाना है।
- संशोधित भारतनेट कार्यक्रम (2023): संशोधित भारतनेट कार्यक्रम का उद्देश्य रिंग टोपोलॉजी (एक नेटवर्क डिज़ाइन जहाँ कनेक्टेड डिवाइस एक गोलाकार डेटा चैनल बनाते हैं) में 2.64 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर (OF) कनेक्टिविटी प्रदान करना और मांग पर गैर-ग्राम पंचायत गाँवों को OF कनेक्टिविटी प्रदान करना है।
- यह पूर्वोत्तर, द्वीप समूह, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों, आकांक्षी ज़िलों और सीमावर्ती गाँवों सहित दूरदराज़ और वंचित क्षेत्रों पर केंद्रित है।
- पनडुब्बी OFC कनेक्टिविटी: चेन्नई-अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और कोच्चि-लक्षद्वीप के बीच पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर केबल के माध्यम से द्वीप क्षेत्रों तक उच्च गति की कनेक्टिविटी का विस्तार किया गया है, जिससे तटीय और दूरदराज़ के क्षेत्रों में डिजिटल पहुँच बढ़ गई है।
- मई 2025 तक, चेन्नई को पोर्ट ब्लेयर और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अन्य द्वीपों से जोड़ने वाली सबमरीन OFC परियोजना पूरी तरह से कार्यशील हो जाएगी, जिसकी वर्तमान बैंडविड्थ उपयोगिता 243.31 Gbps है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI)
- परिचय: भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) एक स्वतंत्र वैधानिक निकाय है जिसकी स्थापना वर्ष 1997 में भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997 के तहत भारत में दूरसंचार क्षेत्र को विनियमित करने के लिये की गई थी।
- संरचना: इसमें एक अध्यक्ष, दो से अधिक पूर्णकालिक सदस्य तथा दो से अधिक अंशकालिक सदस्य शामिल होंगे।
- महत्त्वपूर्ण कार्य:
- टैरिफ निर्धारण और संशोधन सहित दूरसंचार सेवाओं को विनियमित करना।
- सेवा की गुणवत्ता, निष्पक्ष प्रतिस्पर्द्धा और उपभोक्ता संरक्षण सुनिश्चित करना।
- दूरसंचार परिचालन में पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ावा देना।
- दूरसंचार और प्रसारण में नीति और लाइसेंसिंग मामलों पर सरकार को सलाह देना (अनुशंसाएँ सलाहकारी हैं, बाध्यकारी नहीं)।
- समान अवसर उपलब्ध कराना तथा व्यवस्थित क्षेत्रीय विकास और भारत की वैश्विक डिजिटल प्रतिस्पर्द्धात्मकता सुनिश्चित करने हेतु विनियम जारी करना।
- अपीलीय प्राधिकारी:
- 24 जनवरी, 2000 से प्रभावी TRAI अधिनियम में संशोधन के फलस्वरूप दूरसंचार विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण (TDSAT) की स्थापना की गई, जो न्यायिक और विवाद समाधान कार्यों को संभालेगा, जो पहले TRAI के अधिकार क्षेत्र में थे, जिससे नियामक और न्यायिक भूमिकाएँ अलग हो गईं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्सप्रश्न. निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2022)
उपर्युक्त में से कौन-से, ओपेन-सोर्स डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बनाए गए हैं ? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) |