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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स):27 अगस्त, 2022

  • 27 Aug 2022
  • 6 min read

अवध  बिहारी चौधरी

बिहार में 27 अगस्त, 2022 को राष्‍ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ विधायक अवध बिहारी चौधरी को सर्वसम्मति से राज्‍य विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया। राज्‍य में बदले राजनीतिक परिदृश्य में विजय कुमार सिन्हा के इस्तीफे के बाद अध्यक्ष पद रिक्‍त हो गया था। पीठासीन अधिकारी यानी विधानसभा अध्यक्ष विधानसभा एवं विधानसभा सचिवालय का प्रमुख होता है, जिसे संविधान, प्रक्रिया, नियमों एवं स्थापित संसदीय परंपराओं के तहत व्यापक अधिकार प्राप्त होते हैं। विधानसभा के परिसर में उसका प्राधिकार सर्वोच्च है। सदन की व्यवस्था बनाए रखना उसकी ज़िम्मेदारी होती है और वह सदन में सदस्यों से नियमों का पालन सुनिश्चित कराता हैं। विधानसभा अध्यक्ष सदन के वाद-विवाद में भाग नहीं लेता, बल्कि विधानसभा की कार्यवाही के दौरान अपनी व्यवस्थाएँ/निर्णय देता है, जो बाद में नज़ीर के रूप में संदर्भित की जाती हैं। विधानसभा में अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष सदन का संचालन करता है और दोनों की अनुपस्थिति में सभापति रोस्टर का कोई एक सदस्य यह ज़िम्मेदारी निभाता है।

भारत  का पहला ‘कार्यात्मक रूप से साक्षर’ ज़िला

मध्य प्रदेश का आदिवासी बहुल मंडला ज़िला भारत का पहला “कार्यात्मक रूप से साक्षर” (functionally literate) ज़िला बन गया है। वर्ष 2011 के सर्वेक्षण के दौरान मंडला ज़िले में साक्षरता दर 68% थी। वर्ष 2020 की एक अन्य रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि इस ज़िले में 2.25 लाख से अधिक लोग साक्षर नहीं थे, उनमें से अधिकांश वन क्षेत्रों के आदिवासी थे। लोगों को कार्यात्मक रूप से साक्षर बनाने के लिये एवं महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को शिक्षित करने हेतु स्कूल शिक्षा विभाग, आंँगनवाड़ी और सामाजिक कार्यकर्त्ताओं, महिला और बाल विकास विभाग के सहयोग से स्वतंत्रता दिवस वर्ष 2020 के अवसर पर एक बड़ा अभियान शुरू किया गया। इस अभियान के साथ पूरा ज़िला दो वर्ष के भीतर कार्यात्मक रूप से साक्षर ज़िले के रूप में तब्दील हो गया है। मंडला इस मुकाम तक पहुँचने वाला भारत का पहला ज़िला है, जहाँ सभी लोग अपना नाम लिखने, पढ़ने और गिनती करने में सक्षम हैं। कार्यात्मक साक्षरता में पढ़ने और लिखने के कौशल शामिल हैं जो दैनिक जीवन और रोज़गार कार्यों के प्रबंधन के लिये आवश्यक हैं। ऐसे कार्यों के लिए बुनियादी स्तर से परे पढ़ने के कौशल की आवश्यकता होती है। एक व्यक्ति को तब कार्यात्मक रूप से साक्षर कहा जाता है जब वह अपना नाम लिखने, गिनती करने और हिंदी में या प्रमुख भाषा के अलावा अन्य भाषा में पढ़ने और लिखने में सक्षम होता है।

‘खादी उत्सव’ 

अहमदाबाद में 27 अगस्त को प्रधानमंत्री अहमदाबाद के साबरमती तट पर ‘खादी उत्सव’ को संबोधित कर अपने दो दिवसीय गुजरात दौरे की शुरुआत करेंगे। खादी उत्सव भारत के स्वतंत्रता संग्राम में खादी के महत्त्व को दर्शाने  के लिये केंद्र के ‘आज़ादी के अमृत महोत्सव’ के तहत आयोजित किया जा रहा एक अनूठा आयोजन है। यह उत्सव साबरमती तट पर आयोजित किया जाएगा जिसमें गुजरात के विभिन्न ज़िलों की 7,500 महिला खादी कारीगर एक ही समय पर चरखा चलाएँगी। इस कार्यक्रम में वर्ष 1920 के बाद इस्तेमाल किये गए 22 चरखों को प्रदर्शित करके ‘चरखों की विकास यात्रा’ पर एक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। प्रदर्शनी में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इस्तेमाल किये गए ‘यरवदा चरखा’ के साथ विभिन्न चरखे प्रदर्शित किए जाएँगे, जो वर्तमान प्रौद्योगिकी और नवाचार पर आधारित हैं। इस दौरान ‘पांडुरु खादी’ के उत्पादन का ‘लाइव’ प्रदर्शन भी होगा। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री गुजरात राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के एक नए कार्यालय भवन और साबरमती नदी पर एक फुट-ओवर ब्रिज का उद्घाटन भी करेंगे। इसी क्रम में प्रधानमंत्री भुज में ‘स्मृति वन’ का भी उद्घाटन करेंगे, जो गुजरात में वर्ष 2001 के भूकंप के बाद लोगों द्वारा कठिन परिस्थितियों से उबरने के लिये दिखाई गई भावना को दर्शाता है। इसके अलावा वह भुज में विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।

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