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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 सितंबर, 2023

  • 19 Sep 2023
  • 7 min read

हृदय स्वास्थ्य पर लेड एक्सपोज़र का वैश्विक प्रभाव

  • द लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि विश्व में कार्डियो-वैस्कुलर मौतों में लेड के संपर्क की महत्त्वपूर्ण भूमिका थी।
    • वर्ष 2019 में, लगभग 5.5 मिलियन लोगों ने लेड के संपर्क से कार्डियो-वैस्कुलर रोग से दम तोड़ दिया, जिसमें वैश्विक कार्डियो-वैस्कुलर मौतों का 30% शामिल है।
  • निम्न और मध्यम आय वाले देशों (Low- and middle-income countries- LMIC) को लेड के संपर्क से संबंधित स्वास्थ्य प्रभावों का खामियाज़ा भुगतना पड़ता है, लगभग 95% प्रभावित आबादी इन क्षेत्रों में रहती है।
    • लेड युक्त पेट्रोल के उन्मूलन के बावज़ूद, LMIC प्रभावित देशों में उच्च आय वाले देशों की तुलना में हृदय रोगों से छह गुना अधिक मौतें हुईं।
    • सबसे अधिक लेड ज़ोखिम वाले देशों में ईरान, अफगानिस्तान, यमन, पेरू, वियतनाम, फिलीपींस और मध्य अफ्रीका के कुछ देश शामिल हैं।
  • हृदय रोग के अलावा, लेड का संपर्क क्रोनिक किडनी रोग और बौद्धिक अक्षमताओं से जुड़ा है।
    • लेड के संपर्क में आने से पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में 765 मिलियन इंटेलिजेंस कोशेंट (Intelligence quotient- IQ) अंकों का नुकसान हुआ, जो पिछले अनुमानों की तुलना में LMIC में 80% अधिक है।
  • वर्ष 2019 में लेड के संपर्क में आने की आर्थिक लागत वैश्विक स्तर पर 6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर या वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 7% थी, जिसमें बच्चों में IQ हानि और हृदय रोग से होने वाली मौतें शामिल हैं।

और पढ़ें: लेड विषाक्तता

ऑपरेशन सजग

  • 'ऑपरेशन सजग' 18 सितंबर, 2023 को पश्चिमी तट पर भारतीय तट रक्षक (Indian Coast Guard- ICG) द्वारा आयोजित किया गया था।
    • 'ऑपरेशन सजग' एक मासिक, दिन भर चलने वाली ड्रिल है जो निरंतर फीडबैक लूप के रूप में कार्य करती है। ड्रिल का प्राथमिक लक्ष्य तटीय सुरक्षा तंत्र को फिर से वैध बनाना और समुद्र में जाने वाले मछुआरों के बीच जागरूकता बढ़ाना है।
    • इस अभ्यास/ड्रिल में समुद्र में सभी मछली पकड़ने वाली नौकाओं, नौकाओं और शिल्पों के लिये व्यापक दस्तावेज़ सत्यापन तथा क्रू पास की जाँच शामिल थी।
  • ICG की स्थापना अगस्त 1978 में तटरक्षक अधिनियम, 1978 द्वारा भारत के एक स्वतंत्र सशस्त्र बल के रूप में की गई थी।
    • ICG विश्व का चौथा सबसे बड़ा तटरक्षक बल है, इसने भारतीय तटों को सुरक्षित करने और भारत के समुद्री क्षेत्रों में नियमों को लागू करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • तटीय सुरक्षा को मज़बूत करने के लिये, ICG ने मछुआरों के लिये बायोमेट्रिक कार्ड जारी करने, राज्य के आधार पर मछली पकड़ने वाली नौकाओं के लिये रंग कोडिंग का कार्यान्वयन, तटीय मानचित्रण और समुद्री पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण सहित विभिन्न उपाय पेश किये हैं।

और पढ़ें… भारतीय तट रक्षक (ICG)

माली, नाइज़र और बुर्किना फासो ने एक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किये

हाल ही में तीन साहेल देशों माली, नाइजर और बुर्किना फासो के मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने माली की राजधानी ‘बमाको’ में एक पारस्परिक रक्षा समझौते की घोषणा की।

  • यह तीन देशों के बीच पारस्परिक रक्षा और सहायता के लिये एक रूपरेखा प्रदान करता है।
  • लिप्टाको-गौरमा चैटर के प्रावधानों के तहत इस समझौते पर हस्ताक्षर किये गए हैं, जिसने साहेल राज्यों के गठबंधन की स्थापना की थी।
  • माली, बुर्किना फासो और नाइजर के बीच के सीमावर्ती क्षेत्र लिप्टाको-गौरमा क्षेत्र का हिस्सा है।
  • यह गठबंधन तीन देशों के सैन्य व आर्थिक प्रयासों का एक संयोजन कहा जा सकता है जिसका लक्ष्य आतंकवाद और जिहादवाद का उन्मूलन करना है।
  • पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्रीय समूह ECOWAS द्वारा देश में हुए तख्तापलट को लेकर नाइजर पर हमला करने की धमकी के मद्देनजर भी यह समझौता महत्त्वपूर्ण हो गया है।
  • देश में हुए हालिया तख्तापलट की प्रतिक्रिया में नाइजर पर आक्रमण करने की पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्रीय समूह (ECOWAS) की धमकी के आलोक में यह संधि काफी महत्त्वपूर्ण है।

भारतीय अंतरिक्ष स्टार्ट-अप के लिये फंडिंग चुनौतियाँ

अंतरिक्ष स्टार्ट-अप के वित्तपोषण तंत्र के संबंध में चिंताएँ और मुद्दे बढ़ रहे हैं, जिससे संभावित क्षेत्र का विकास प्रभावित हो रहा है।

  • INSPAC के निदेशक के अनुसार, अंतरिक्ष क्षेत्र अगले 10 वर्षों में 8 बिलियन डॉलर के मौजूदा मूल्य से 44 बिलियन डॉलर तक बढ़ सकता है।
  • सरकार को स्टार्ट अप इंडिया योजना आदि की तर्ज़ पर अंतरिक्ष क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिये सॉफ्ट फंड और अतिरिक्त प्रोत्साहन स्थापित करने पर विचार करना चाहिये।
  • एक और चिंता यह है कि अंतरिक्ष क्षेत्र के निर्माण के लिये आवश्यक 95% उपकरणों को आयात करने की आवश्यकता है तथा भारत को आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में 10 वर्ष और लग सकते हैं।
  • भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में पहले से ही तेज़ी से विकास देखा जा रहा है क्योंकि IN-SPACe पोर्टल ने अब तक लगभग 420 स्टार्ट-अप पंजीकृत किये हैं।
  • भारत का मसौदा अंतरिक्ष गतिविधि विधेयक, 2017 तथा भारतीय अंतरिक्ष नीति, 2023 यदि प्रभावी ढंग से लागू किये जाते हैं तो आने वाले समय में उभरते क्षेत्र को आवश्यक प्रोत्साहन और शक्ति प्रदान की जाएगी।

और पढ़ें…

मसौदा अंतरिक्ष गतिविधियाँ विधेयक, 2017 और भारतीय अंतरिक्ष नीति, 2023

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