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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

  • 06 May 2025
  • 6 min read

स्रोत: बिज़नेस लाइन

चर्चा में क्यों?

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (RWBCIS) के अंतर्गत समग्र भारत में दर्ज सभी दावों में से 97% का निपटान कर दिया गया है।

  • गोवा , छत्तीसगढ़ , तेलंगाना और तमिलनाडु ने राज्य में दर्ज सभी दावों का पूर्ण निपटान कर लिया है, जबकि त्रिपुरा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, आंध्र प्रदेश और सिक्किम में निपटान दर 91% से 51% है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) क्या है?

  • परिचय: वर्ष 2016 में शुरू की गई PMFBY एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना है, जिसे प्राकृतिक आपदाओं, कीटों अथवा रोगों के कारण होने वाली फसल हानि के लिये किसानों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
    • वर्ष 2023-24 तक, PMFBY के अंतर्गत नामांकित किसानों की संख्या और कवर किये गए भूमि क्षेत्र के संदर्भ में विश्व की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना बन गई है।
  • प्रमुख विशेषताएँ:
    • पात्रता: अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसलों का उत्पादन करने वाले बटाईदारों और असामी काश्तकारों सहित सभी किसान योजना के अंतर्गत कवरेज के लिये पात्र हैं। 
      • PMFBY में सहभागिता स्वैच्छिक है, कुल लाभार्थियों में गैर-ऋणी किसान 55% हैं।
    • जोखिम कवरेज:
      • प्राकृतिक आपदाएँ: इसमें बाढ़, अनावृष्टि, चक्रवात, ओलावृष्टि, भूस्खलन और बेमौसम वर्षा शामिल हैं।
      • कीट एवं रोग कवरेज: इसके अंतर्गत कीट हमलों और फसल रोगों से सुरक्षा प्रदान की जाती है।
      • पश्च फसल नुकसान (व्यक्तिगत जोत के आधार पर) : कटाई के 14 दिनों के भीतर, विशेष रूप से "कटी और फैली हुई" स्थिति में रखी गई फसलों के लिये होने वाले नुकसान की प्रतिपूर्ति की जाती है।
      • स्थानीय आपदाएँ: सरकार व्यक्तिगत जोत के आधार पर स्थानीय आपदाओं के लिये क्षतिपूर्ति प्रदान करती है।
      • रोकी गई बुवाई (अधिसूचित क्षेत्र के आधार पर): यदि अधिसूचित क्षेत्र में अधिकांश बीमित किसान इरादे और लागत के बावजूद प्रतिकूल मौसम के कारण बुवाई करने में असमर्थ हैं, तो वे क्षतिपूर्ति के रूप में बीमित राशि का 25% तक का दावा कर सकते हैं।
      • प्रीमियम दरें: किसान किफायती प्रीमियम का भुगतान करते हैं - खरीफ फसलों के लिये 2%, रबी फसलों के लिये 1.5% और वार्षिक वाणिज्यिक या बागवानी फसलों के लिये 5%।
      • सरकार पूर्वोत्तर, जम्मू और कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश के किसानों को प्रीमियम पर पूर्ण सब्सिडी देती है।
    • तकनीकी एकीकरण: 
      • उपग्रह इमेजरी और ड्रोन: फसल क्षेत्र का अनुमान लगाने, उपज विवादों को हल करने और फसल नुकसान का आकलन करने के लिये उपयोग किया जाता है।
      • फसल कटाई प्रयोग (CCE): CCE-एग्री ऐप राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (NCIP) पर सीधे डेटा अपलोड करने में सक्षम बनाता है, जिससे पारदर्शी उपज मूल्यांकन सुनिश्चित होता है।
      • यह डिजीक्लेम, फसलों के वास्तविक समय अवलोकन और फोटोग्राफ्स का संग्रह (CROPIC), और मौसम सूचना नेटवर्क डेटा सिस्टम (WINDS) का भी उपयोग करता है।
    • भुगतान: PMFBY का उद्देश्य फसल कटाई के दो महीने के भीतर दावों का निपटान करना है, ताकि किसानों को ऋण के जाल में फँसने से बचाने के लिये समय पर वित्तीय सहायता प्रदान की जा सके।

पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना  

  • प्रतिकूल मौसम के कारण किसानों को होने वाले वित्तीय नुकसान से बचाने के लिये इसे वर्ष 2016 में लॉन्च किया गया था।
  • RWBCIS पूर्वनिर्धारित मौसम संकेतकों - जैसे वर्षा, तापमान, आर्द्रता और वायु की गति - से विचलन के आधार पर क्षतिपूर्ति प्रदान करता है, जो क्षेत्र-स्तरीय मूल्यांकन के बिना फसल हानि के लिये प्रॉक्सी के रूप में कार्य करता है।
    • जबकि, PMFBY प्राकृतिक आपदाओं, कीटों या बीमारियों के कारण हुई वास्तविक फसल हानि के आकलन के आधार पर क्षतिपूर्ति प्रदान करती है

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स

प्रश्न.  'प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये :(2016)

इस योजना के अंतर्गत कृषकों को वर्ष के किसी भी मौसम में उनके द्वारा किसी भी फसल की खेती करने पर दो प्रतिशत की एकसमान दर से बीमा किश्त का भुगतान करना होगा।

यह योजना, चक्रवात एवं गैर-मौसमी वर्षा से होने वाले कटाई-उपरांत घाटे को बीमाकृत करती है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2

उत्तर: (b)

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