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जैविक विविधता (पहुँच और लाभ साझाकरण) विनियमन, 2025

  • 06 May 2025
  • 9 min read

स्रोत: डाउन टू अर्थ

चर्चा में क्यों? 

राष्ट्रीय जैवविविधता प्राधिकरण (NBA) ने जैविक संसाधनों के उपयोग से उचित लाभ साझाकरण सुनिश्चित करने के लिये जैविक विविधता (जैविक संसाधनों और उससे संबंधित ज्ञान तक पहुँच तथा लाभों का उचित एवं न्यायसंगत बंटवारा) विनियमन 2025 को अधिसूचित किया।

जैविक विविधता (पहुँच और लाभ साझाकरण) विनियमन, 2025 की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • टर्नओवर से जुड़ा लाभ साझाकरण: सभी उपयोगकर्त्ता जिनका वार्षिक टर्नओवर 1 करोड़ रुपए से अधिक है, उन्हें प्रति वर्ष उपयोग किये गए संसाधनों की जानकारी के साथ एक विवरण साझा करना होगा।

वार्षिक टर्नओवर

लाभ साझाकरण दर 

[उत्पाद के वार्षिक सकल पूर्व-फैक्ट्री विक्रय मूल्य का %) (सरकारी करों को छोड़कर)]

5 करोड़ रुपए तक

शून्य

5 – 50 करोड़ रुपए

0.2%

50 – 250 करोड़ रुपए

0.4%

250 करोड़ रुपए से अधिक

0.6%

  • उच्च मूल्य वाले जैविक संसाधन: जैवविविधता अधिनियम, 2002 के अंतर्गत लाल चंदन, चंदन (Sandalwood), अगरवुड और संकटग्रस्त प्रजातियों जैसे उच्च मूल्य वाले जैविक संसाधनों के लिये लाभ साझाकरण बिक्री या नीलामी राशि का कम से कम 5% होना चाहिये, तथा वाणिज्यिक उपयोग के लिये 20% से अधिक हो सकता है।
  • डिजिटल अनुक्रम सूचना (DSI): वर्ष का 2025 विनियमन वर्ष 2014 के दिशानिर्देशों का स्थान लेता है, तथा DSI को शामिल करने के लिये इसके दायरे का विस्तार करता है, जिसे अब पहले के ढाँचे के विपरीत आनुवंशिक संसाधनों का हिस्सा माना जा सकता है।
    • DSI से तात्पर्य डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA), राइबोन्यूक्लिक एसिड (RNA) या जीवों के प्रोटीन से प्राप्त आनुवंशिक अनुक्रमों के डिजिटल प्रतिनिधित्व से है। यह अनिवार्य रूप से किसी जीव की आनुवंशिक संरचना का डिजिटल कोड है।
  • शोधकर्त्ता एवं बौद्धिक संपदा आवेदक: विनियमन में शोधकर्त्ताओं और बौद्धिक संपदा आवेदकों के लिये लाभ-साझाकरण अनिवार्य किया गया है, जिसमें एकत्रित लाभ का 10-15% NBA द्वारा रखा जाएगा।
  • कृषि योग्य औषधीय पादपों को छूट: कृषि योग्य औषधीय पादपों को लाभ साझाकरण करने से छूट दी गई है। 

पहुँच और लाभ साझाकरण क्या है?

  • परिचय: ABS का तात्पर्य जैविक संसाधनों (जैसे पादप, जानवर या आनुवंशिक सामग्री) तक पहुँच प्रदान करने की प्रक्रिया से है और यह सुनिश्चित करना है कि उनके उपयोग से होने वाले लाभ, चाहे मौद्रिक हों या गैर-मौद्रिक, स्रोत समुदायों या राष्ट्रों के साथ समान रूप से साझा किये जाएँ।
  • ABS प्रदाता से पूर्व सूचित सहमति (PIC) और आनुवंशिक संसाधनों और संबंधित लाभों के निष्पक्ष और न्यायसंगत बंटवारे के लिये पारस्परिक रूप से सहमत शर्तों (MAT) को स्थापित करने के लिये बातचीत पर निर्भर करता है।
  • रूपरेखा: यह जैवविविधता अभिसमय (CBD) में निहित है। CBD के तहत वर्ष 2010 में अंगीकृत नागोया प्रोटोकॉल, आनुवंशिक संसाधनों के अभिगम और उचित लाभ-साझाकरण के लिये विधिक रूप से बाध्यकारी रूपरेखा प्रदान करता है।
  • कोलंबिया के कैली में आयोजित CBD (2024) के COP-16 में DSI के उपयोग से लाभ साझा करने के लिये एक बहुपक्षीय तंत्र के लिये प्रमुख रूपरेखा को अंतिम रूप दिया गया।
  • भारत में ABS को जैवविविधता अधिनियम, 2002 और ABS विनियमन, 2025 के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है।

राष्ट्रीय जैवविविधता प्राधिकरण (NBA)

  • यह जैवविविधता अधिनियम, 2002 के तहत वर्ष 2003 में स्थापित वैधानिक निकाय है जो केंद्र को जैवविविधता संरक्षण, सतत् उपयोग और उचित लाभ-साझाकरण पर परामर्श देता है। 
    • इसका मुख्यालय चेन्नई में है तथा यह राज्य जैवविविधता बोर्ड (SBB) और स्थानीय जैवविविधता प्रबंधन समितियों (BMC) को शामिल करते हुए एक विकेंद्रीकृत संरचना के माध्यम से कार्य करता है।
    • जबकि SBB राज्य सरकारों को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं और वाणिज्यिक उपयोग को विनियमित करते हैं, BMC स्थानीय जैवविविधता के प्रलेखन और संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करते हैं।  
  • अपनी स्थापना के बाद से, NBA ने 28 राज्यों, 8 केंद्र शासित प्रदेशों में SBB के निर्माण का समर्थन किया है और लगभग 2,77,688 BMC की स्थापना में सहायता की है।

CoPs_of_CBD

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः (2023)

  1. भारत में जैवविविधता प्रबंधन समितियाँ नागोया प्रोटोकॉल के उद्देश्यों को हासिल करने के लिये प्रमुख कुंजी हैं।  
  2. जैवविविधता प्रबंधन समितियों के अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत जैविक संसाधनों तक पहुँच के लिये संग्रह शुल्क लगाने की शक्ति सहित पहुँच और लाभ सहभागिता निर्धारित करने के लिये महत्त्वपूर्ण प्रकार्य हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (c) 

व्याख्या: 

  • भारत में जैवविविधता शासन: भारत का जैवविविधता अधिनियम, 2002 (BD अधिनियम), नागोया प्रोटोकॉल से निकटतम रूप से संबंधित है, इसका उद्देश्य जैवविविधता अभिसमय (CBD) के प्रावधानों को लागू करना है।
  • नागोया प्रोटोकॉल ने आनुवंशिक संसाधनों में वाणिज्यिक एवं अनुसंधान के उपयोग को सुनिश्चित करने हेतु सरकार के ऐसे संसाधनों का संरक्षण करने वाले समुदाय के साथ लाभों को साझा करने की मांग की।
  • जैवविविधता अधिनियम, 2002 की धारा 41(1) के तहत राज्य में प्रत्येक स्थानीय निकाय अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर एक जैवविविधता प्रबंधन समिति का गठन करेगा। अतः कथन 1 सही है।
  • BMC का मुख्य कार्य स्थानीय लोगों के परामर्श से जन जैवविविधता रजिस्टर (Public Biodiversity Register- PBR) तैयार करना है। BMC, PBR में दर्ज सूचनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, विशेष रूप से बाहरी व्यक्तियों और एजेंसियों तक इसकी पहुँच को विनियमित करने के लिये उत्तरदायी होगी।
  • जन जैवविविधता रजिस्टर (PBR) तैयार करने के अतिरिक्त BMC अपने संबंधित क्षेत्राधिकार में निम्नलिखित के लिये भी ज़िम्मेदार है: -
    • जैविक संसाधनों का संरक्षण, सतत् उपयोग एवं पहुँच तथा लाभ को साझा करना।
    • वाणिज्यिक एवं अनुसंधान उद्देश्यों हेतु जैविक संसाधनों और/या संबद्ध पारंपरिक ज्ञान तक पहुँच का विनियमन।

मेन्स:

प्रश्न. भारत सरकार दवा कंपनियों द्वारा दवा के पारंपरिक ज्ञान को पेटेंट कराने से कैसे बचाव कर रही है?  (2019)

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