रैपिड फायर
पैसेज अभ्यास (PASSEX) 2025
- 13 Jun 2025
- 3 min read
स्रोत: द हिंदू
भारतीय नौसेना और यूके रॉयल नेवी ने उत्तरी अरब सागर में एक पैसेज अभ्यास (PASSEX) का आयोजन किया।
पैसेज अभ्यास (PASSEX)
- PASSEX: PASSEX उन संयुक्त नौसैनिक अभ्यासों को कहा जाता है जो मित्र देशों की नौसेनाओं के बीच तब किये जाते हैं जब उनके अभियानों का मार्ग एक-दूसरे से मिलता है। इसका उद्देश्य समुद्र में पारस्परिक संचालन क्षमता, संचार और रणनीतिक सहयोग को मज़बूत करना होता है।
- इसका उद्देश्य सामरिक युद्धाभ्यास, समुद्री क्षेत्र जागरूकता को बढ़ाना तथा हिंद-प्रशांत समुद्री सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करना है।
- प्रमुख विशेषताएँ: हेलीकॉप्टर नियंत्रण अभ्यास, बेड़े का संचालन, संयुक्त ASW संचालन, अधिकारियों का आदान-प्रदान, वास्तविक समय डेटा साझाकरण तथा निर्बाध समन्वय के लिये संचार प्रोटोकॉल परीक्षण।
- भारत के बेड़े में स्टील्थ फ्रिगेट INS तबर, एक पारंपरिक पनडुब्बी और P-8I लंबी दूरी का समुद्री विमान शामिल हैं।
- व्यापक दृष्टिकोण: यह भारत-यूके व्यापक रणनीतिक साझेदारी और भारत-यूके 2030 रोडमैप के अनुरूप है, साथ ही यह भारत के SAGAR दृष्टिकोण (क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा और विकास) एवं हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक उपस्थिति का भी समर्थन करता है।
INS तबर:
- यह रूस में अप्रैल 2004 में शामिल किया गया तलवार श्रेणी का तीसरा स्टील्थ फ्रिगेट तथा ब्रह्मोस मिसाइल ले जाने वाला पहला युद्धपोत है।
- पश्चिमी बेड़े के साथ मुंबई में तैनात यह जहाज़ वायु, सतह और जलतल (सब-सर्फेस) अभियानों के लिये सुसज्जित है। यह स्वतंत्र रूप से या किसी नौसैनिक कार्यबल के हिस्से के रूप में संचालित हो सकता है, और इसमें बराक-1 जैसे उन्नत हथियार तथा आधुनिक सेंसर लगे हुए हैं।
P-8:
- P-8I एक लंबी दूरी का समुद्री गश्ती और पनडुब्बी रोधी विमान है, जिसे अमेरिकी बोइंग ने भारत के लिये विकसित किया है।
- 1,200 समुद्री मील से अधिक की रेंज और 907 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के साथ, यह भारतीय तटों से दूर खतरों का पता लगाकर उन्हें निष्क्रिय कर सकता है, जिससे समुद्री सुरक्षा को मज़बूती मिलती है।
और पढ़ें: भारत के प्रमुख सैन्य अभ्यास