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लेसर फ्लेमिंगो

  • 13 Jun 2025
  • 3 min read

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में बड़ी संख्या में लेसर फ्लेमिंगो (छोटे राजहंस) गुजरात के पोरबंदर स्थित छाया तालाब में पहुँचे हैं। यहाँ से वे भारत-पाकिस्तान सीमा के पास स्थित ग्रेट रण ऑफ कच्छ की ओर प्रजनन के लिये प्रवास करेंगे।

लेसर फ्लेमिंगो (फीनिकोनायस माइनर):

  • यह फ्लेमिंगो की सबसे छोटी प्रजाति है, जो उप-सहारा अफ्रीका, भारत, पाकिस्तान और अरब खाड़ी के कुछ हिस्सों में पाई जाती है।
  • भारत में यह मुख्य रूप से लवणीय जलाशयों और तटीय क्षेत्रों में निवास करती है।
  • IUCN द्वारा इसे निकट संकटग्रस्त (Near Threatened) श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। यह CITES के परिशिष्ट-II में सूचीबद्ध है। साथ ही, यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (WPA), 1972 की अनुसूची-IV के अंतर्गत संरक्षित है।

फ्लेमिंगो:

  • परिचय: फ्लेमिंगो लंबे, जलीय पक्षी होते हैं, जो अपनी लंबी, एस-आकार की गर्दन और पतली, स्तंभनुमा टाँगों (stick-like legs) के लिये जाने जाते हैं।
    • ये अत्यंत सामाजिक होते हैं और प्रायः बड़े झुंडों में देखे जाते हैं, जो उथले तथा सुपोषण के जलाशयों जैसे- लवणीय लैगून, साल्टपैन और क्षारीय झीलों में निवास करते हैं।
  • प्रजातियाँ: विश्वभर के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में फ्लेमिंगो की 6 प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से भारत में केवल 2 प्रजातियाँ (ग्रेटर फ्लेमिंगो और लेसर फ्लेमिंगो) पाई जाती हैं।
    • अन्य प्रजातियाँ:
      • चिली फ्लेमिंगो (फीनिकोप्टेरस चिलेंसिस)
      • अमेरिकन/कैरेबियन फ्लेमिंगो (फीनिकोप्टेरस रूबर)
      • एंडियन फ्लेमिंगो (फीनकूपर्स एंडिनस)
      • जेम्स या पुना फ्लेमिंगो (फीनकूपर्स जेम्सी)
  • आहार एवं रंग-रूप: फ्लेमिंगो शैवाल, शंख-घोंघे और क्रस्टेशियन का आहार करते हैं। उनके पंखों का रंग, जो सफेद से लेकर गुलाबी और नारंगी तक हो सकता है, उनके आहार में उपस्थित कैरोटीनॉयड पिगमेंट द्वारा निर्धारित होता है।
  • सामान्य प्रवास मार्ग:

Common Migratory Route_of_Lessor_Flamingos Lesser_Flamingo

और पढ़ें: फ्लेमिंगो, हिमालयन आइबेक्स और ब्लू शीप 

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