ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

रैपिड फायर

निसार एवं सिंथेटिक अपर्चर रडार

  • 18 Jun 2025
  • 3 min read

स्रोत: द हिंदू

नासा-इसरो एसएआर (निसार) उपग्रह प्रक्षेपण के लिये श्रीहरिकोटा स्थित इसरो के अंतरिक्ष केंद्र पर पहुँचाया गया, जो प्रत्येक 12 दिन में दो बार लगभग सभी भूमि और बर्फ सतहों को स्कैन करेगा, जिससे पृथ्वी के पर्यावरण पर अभूतपूर्व डेटा प्राप्त होगा।

  • निसार मिशन के बारे में: यह नासा (अमेरिका) तथा इसरो (भारत) के बीच एक सहयोगी पृथ्वी-अवलोकन मिशन है, जिसका उद्देश्य पृथ्वी की स्थलीय एवं हिमीय सतहों का अभूतपूर्व विस्तार से अध्ययन करना है।
    • यह उपग्रह दो उन्नत रडार प्रणालियों—नासा का L-बैंड रडार एवं इसरो का S-बैंड रडार को एकीकृत करता है, जिससे यह दोनों रडार युक्त पहला उपग्रह बन जाता है।।
  • सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) के बारे में: SAR एक सक्रिय रिमोट सेंसिंग प्रौद्योगिकी है, जो माइक्रोवेव पल्स भेजती है तथा पृथ्वी की सतह से लौटने वाली प्रतिध्वनियों को रिकॉर्ड करके चित्र बनाती है।
    • ऑप्टिकल कैमरों के विपरीत (जो सूर्य के प्रकाश पर निर्भर होते हैं), SAR दिन और रात दोनों समय तथा सभी मौसम स्थितियों में कार्य करता है, क्योंकि माइक्रोवेव बादलों, धुएँ और हल्की वर्षा को भेद सकती है।
  • SAR की कार्यप्रणाली: SAR पृथ्वी की सतह पर माइक्रोवेव पल्स भेजता है और लौटने वाली प्रतिध्वनियों को रिकॉर्ड करता है। यह उपग्रह या विमान जैसे प्लेटफॉर्म की गति का उपयोग करके एक बड़े एंटीना का अनुकरण करता है तथा उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाले चित्र उत्पन्न करता है।
  • SAR के अनुप्रयोग:
    • पर्यावरण निगरानी: आर्द्रभूमि का मानचित्रण, दलदलों में तेल फैलाव का पता लगाना।
    • हिमानीमंडल अध्ययन: हिमखंडों और बर्फ की चादरों की निगरानी (जैसे अंटार्कटिका में)।
    • आपदा प्रबंधन: बाढ़, भूस्खलन और भू-भाग में बदलाव का पता लगाना।
    • कृषि एवं वानिकी: मृदा की नमी, वनस्पति की स्थिति एवं वनों की कटाई का आकलन।

अधिक पढ़ें: निसार उपग्रह

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2