रैपिड फायर
आदि कर्मयोगी अभियान पर राष्ट्रीय सम्मेलन
- 11 Sep 2025
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जनजातीय कार्य मंत्रालय ने भारत मंडपम, नई दिल्ली में एकीकृत जनजातीय विकास अभिकरणों (ITDA) के परियोजना अधिकारियों के साथ आदि कर्मयोगी अभियान पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।
- इस कार्यक्रम का केंद्रबिंदु आदि कर्मयोगी अभियान, PM-जनमान, और धरती आबा अभियान जैसी प्रमुख जनजातीय विकास पहलें थीं, जिनका उद्देश्य ज़मीनी स्तर पर नेतृत्व और सेवा वितरण को सशक्त बनाना है।
- आदि कर्मयोगी अभियान: विश्व का सबसे बड़ा ज़मीनी स्तर का जनजातीय नेतृत्व कार्यक्रम, जिसके अंतर्गत 1 लाख गाँवों में 20 लाख परिवर्तनकारी नेताओं को सामाजिक परिवर्तन के उत्प्रेरक के रूप में तैयार किया जा रहा है।
- धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान: यह एक अभिसरण-आधारित मिशन है, जिसका लक्ष्य समन्वित योजना के माध्यम से जनजातीय गाँवों में आवश्यक सेवाएँ, योजनाएँ और अवसंरचना व्यापक रूप से उपलब्ध कराना है।
- प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (PM-JANMAN): एक लक्षित पहल, जिसका उद्देश्य विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTG) को आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, विद्युतीकरण और आजीविका सुनिश्चित करना है।
- एक प्रमुख आकर्षण आदि संस्कृति का शुभारंभ था। इसे जनजातीय समुदायों की संस्कृति और पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित एवं प्रोत्साहित करने के लिए विश्व का पहला डिजिटल विश्वविद्यालय के रूप में परिकल्पित किया गया है, साथ ही यह एक ऑनलाइन बाज़ार भी होगा जहाँ विश्व भर के लोग जनजातीय कारीगरों द्वारा बनाए गए उत्पादों तक पहुँच सकेंगे। यह मंच तीन प्रमुख घटकों को एकीकृत करता है:
- आदि विश्वविद्यालय (डिजिटल जनजातीय कला अकादमी): वर्तमान में जनजातीय नृत्य, चित्रकला, शिल्पकला, संगीत और लोककथाओं पर 45 गहन पाठ्यक्रम प्रदान कर रहा है।
- आदि संपदा (सामाजिक-सांस्कृतिक भंडार): पाँच विषयों में फैले 5,000 से अधिक चयनित दस्तावेज़ों का संग्रह, जिसमें चित्रकला, नृत्य, वस्त्र एवं परिधान, कलाकृतियाँ और आजीविका शामिल हैं।
- आदि हाट (ऑनलाइन बाज़ार): वर्तमान में TRIFED से जुड़ा हुआ है और आगे चलकर यह जनजातीय कारीगरों के लिये एक समर्पित ऑनलाइन बाज़ार बनेगा, जो उन्हें सतत् आजीविका और उपभोक्ताओं तक सीधी पहुँच प्रदान करेगा।
- समेकित आदिवासी विकास एजेंसियाँ (ITDAs): वर्ष 1970 और 1980 के दशक में स्थापित की गईं, ये विशेषीकृत संस्थाएँ अनुसूचित जनजातियों तक सार्वजनिक सेवाओं और विकास कार्यक्रमों की प्रभावी पहुँच सुनिश्चित करने के लिये बनाई गई हैं।
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