रैपिड फायर
चिल्का झील के मड क्रैब मत्स्य पालन हेतु MSC प्रमाणन
- 26 Jun 2025
- 3 min read
स्रोत: बिज़नेस लाइन
भारत के अंतर्देशीय मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिये केंद्रीय अंतर्देशीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान (ICAR-CIFRI) और चिल्का विकास प्राधिकरण (CDA) की अगुवाई में एक संयुक्त पहल का उद्देश्य चिल्का झील के मड क्रैब मत्स्य पालन के लिये मरीन स्टीवर्डशिप काउंसिल (Marine Stewardship Council- MSC) प्रमाणन प्राप्त करना है।
MSC प्रमाणन
- मरीन स्टीवर्डशिप काउंसिल (MSC) एक अंतर-राष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन है जो अपने इको-लेबल और प्रमाणन कार्यक्रम के माध्यम से सतत् मत्स्य पालन को बढ़ावा देता है।
- MSC प्रमाणन वाइल्ड-कैप्चर फिशरीज़ के लिये विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त इको-लेबल है जो सस्टेनेबल फिश स्टॉक, कम पर्यावरणीय प्रभाव और अनुकूली, प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित करता है। यह भविष्य में स्वस्थ महासागरों और सतत् समुद्री भोजन को सुरक्षित करने हेतु ज़िम्मेदारी पूर्वक मछली पकड़ने को बढ़ावा देता है।
- यह प्रमाणन निर्यात मूल्य को बढ़ाता है, जैव विविधता संरक्षण को समर्थन देता है तथा आजीविका की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
- चिल्का मड क्रैब भारत का पहला अंतर्देशीय मत्स्य पालन है जिसे MSC स्थिरता प्रमाणन के लिये नामित किया गया है।
भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र की स्थिति
- वैश्विक स्तर पर भारत दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक है, जो वैश्विक उत्पादन में 8% और वैश्विक मत्स्य निर्यात में 4% का योगदान देता है। वैश्विक स्तर पर भारत जलीय कृषि उत्पादन के मामले में दूसरे स्थान पर है, झींगा उत्पादन में अग्रणी है और मछली पकड़ने के उत्पादन में तीसरे स्थान पर है।
- अंतर्देशीय मत्स्य पालन कुल मत्स्य उत्पादन में 75% से अधिक का योगदान देता है।
- प्रमुख मछली उत्पादक राज्यों में आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक शामिल हैं।
- सरकार की पहल:
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