प्रारंभिक परीक्षा
खान और खनिज संशोधन विधेयक, 2025
- 21 Aug 2025
- 58 min read
संसद ने खनिज और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025 पारित किया है, जिसका उद्देश्य महत्त्वपूर्ण खनिजों (क्रिटिकल मिनरल्सों) के उत्पादन को बढ़ावा देना और नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (NCMM) को सतत् एवं शून्य-अपशिष्ट खनन के माध्यम से आगे बढ़ाना है।
खान और खनिज (संशोधन) विधेयक, 2025 के प्रमुख प्रावधान क्या हैं?
- क्रिटिकल मिनरल्स पर ज़ोर: खनिज और खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 (MMDR Act) में संशोधन करके पट्टाधारकों को बिना अतिरिक्त रॉयल्टी दिये अपनी मौज़ूदा लीज़ में महत्त्वपूर्ण एवं सामरिक खनिज शामिल करने की अनुमति दी गई है।
- संस्थागत सुधार: सरकार को खनिज विनिमय (Mineral Exchanges) स्थापित करने का अधिकार प्रदान किया गया है। राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण न्यास (NMET) का नाम बदलकर राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण एवं विकास न्यास (NMEDT) किया गया है तथा रॉयल्टी 2% से बढ़ाकर 3% कर दी गई है ताकि अन्वेषण और खदान विकास के लिये अधिक धन उपलब्ध हो सके।
- अन्वेषण और उत्पादन: विधेयक सतत्, शून्य-अपशिष्ट, गहराई में स्थित एवं अपतटीय खनन (जैसे अंडमान सागर के पॉलीमेटालिक नोड्यूल) को बढ़ावा देता है। इसके अंतर्गत कैप्टिव माइंस पर 50% बिक्री सीमा को हटा दिया गया है, जिससे अब अंतिम उपयोग के बाद अप्रतिबंधित बिक्री संभव होगी।
- इसके अलावा, गहराई में स्थित खनिजों के लिये लीज़ क्षेत्रों में एक बार के विस्तार की अनुमति ( खनन पट्टों के लिये 10% तक और कम्पोज़िट लाइसेंस (Composite licences) के लिये 30% तक) दी गई है।
क्रिटिकल मिनरल्स एवं NCMM क्या हैं?
क्रिटिकल मिनरल्स
- परिचय: आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये आवश्यक खनिजों को क्रिटिकल मिनरल्स (Critical Minerals) कहा जाता है। इनकी आपूर्ति से जुड़े जोखिम मुख्यतः दुर्लभता या खनन/प्रसंस्करण के सीमित भौगोलिक संकेंद्रण के कारण उत्पन्न होते हैं।
भारत के पास क्रिटिकल मिनरल्स के सीमित भंडार हैं और यह बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर है —
- भारत में क्रिटिकल मिनरल्स के भंडार सीमित हैं और यह काफी हद तक आयात पर निर्भर है (100% लिथियम और निकल, 93% ताँबा)।
क्रम सं. |
महत्त्वपूर्ण खनिज (Critical Mineral) |
प्रतिशत (2020) |
प्रमुख आयात स्रोत (2020) |
1. |
लिथियम (Lithium) |
100% |
चिली, रूस, चीन, आयरलैंड, बेल्जियम |
2. |
कोबाल्ट (Cobalt) |
100% |
चीन, बेल्जियम, नीदरलैंड, अमेरिका, जापान |
3. |
निकल (Nickel) |
100% |
स्वीडन, चीन, इंडोनेशिया, जापान, फिलीपींस |
4. |
वैनाडियम (Vanadium) |
100% |
कुवैत, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका, ब्राज़ील, थाईलैंड |
5. |
नायोबियम (Niobium) |
100% |
ब्राज़ील, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया |
6. |
जर्मेनियम (Germanium) |
100% |
चीन, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, फ्राँस, अमेरिका |
7. |
रीनियम (Rhenium) |
100% |
रूस, ब्रिटेन, नीदरलैंड, दक्षिण अफ्रीका, चीन |
8. |
बेरिलियम (Beryllium) |
100% |
रूस, ब्रिटेन, नीदरलैंड, दक्षिण अफ्रीका, चीन |
9. |
टैंटलम (Tantalum) |
100% |
ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया, अमेरिका |
10. |
स्ट्रॉन्शियम (Strontium) |
100% |
चीन, अमेरिका, रूस, एस्टोनिया, स्लोवेनिया |
11. |
ज़िरकोनियम (ज़िरकॉन) |
80% |
ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया, अमेरिका |
12. |
ग्रेफाइट (प्राकृतिक) |
60% |
चीन, मेडागास्कर, मोज़ाम्बिक, वियतनाम, तंज़ानिया |
13. |
मैंगनीज़ (Manganese) |
50% |
दक्षिण अफ्रीका, गेबॉन, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, चीन |
14. |
क्रोमियम (Chromium) |
≤2.5% |
दक्षिण अफ्रीका, मोज़ाम्बिक, ओमान, स्विट्ज़रलैंड, तुर्की |
15. |
सिलिकॉन (Silicon) |
<1% |
चीन, मलेशिया, नॉर्वे, भूटान, नीदरलैंड |
- पहचान: भारत ने 30 क्रिटिकल मिनरल्स/महत्त्वपूर्ण खनिजों की पहचान की है, जिनमें से 24 खनिज को एमएमडीआर अधिनियम, 1957 (MMDR Act, 1957) की अनुसूची-I के भाग D में सूचीबद्ध किया गया है। इनके खनन पट्टे (Mining Leases) और लाइसेंस की नीलामी करने का विशेषाधिकार केंद्र सरकार को प्राप्त है।
- अनुप्रयोग:
- सिलिकॉन, टेल्यूरियम, इंडियम, गैलियम → सौर पैनलों में
- डिस्प्रोसियम, नियोडिमियम → पवन टरबाइन में
- लिथियम, निकल, कोबाल्ट → इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बैटरियों और ऊर्जा भंडारण (Energy Storage) में
- वैश्विक खनिज कूटनीति: भारत KABIL (NALCO-HCL-MECL का संयुक्त उद्यम) के माध्यम से विदेशों में खनिजों की पहचान करता है, उनका अन्वेषण, अधिग्रहण और विकास करता है। इसमें अर्जेंटीना में वर्ष 2026 से शुरू होने वाले 5 लिथियम खनिज ब्लॉक्स शामिल हैं, साथ ही ज़ाम्बिया और ऑस्ट्रेलिया में भी परियोजनाएँ चल रही हैं। भारत महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कई देशों और अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के साथ साझेदारी कर रहा है।
- सिलिकॉन, टेल्यूरियम, इंडियम, गैलियम → सौर पैनलों में
नेशनल क्रिटिकल मिनरल्स मिशन (NCMM):
- NCMM को खान मंत्रालय के तहत 2025 में लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य भारत की क्रिटिकल मिनरल्स आपूर्ति शृंखला को सुरक्षित करना, घरेलू और विदेशी स्रोतों से उपलब्धता सुनिश्चित करना और प्रौद्योगिकी, विनियमन, वित्त, नवाचार और कौशल विकास के माध्यम से मूल्य शृंखलाओं को बढ़ाना है।
- यह त्वरित अनुमोदन के साथ समग्र सरकारी दृष्टिकोण अपनाता है, भंडार, प्रसंस्करण पार्क और उत्कृष्टता केंद्र विकसित करता है, पुनर्चक्रण और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी को बढ़ावा देता है।
- यह प्रिज्म पहल के माध्यम से स्टार्टअप्स/एमएसएमई को भी समर्थन प्रदान करता है।
- भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) को 2024-25 से 2030-31 तक 1,200 अन्वेषण परियोजनाओं का कार्य सौंपा गया है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न
प्रिलिम्स:
प्रश्न. निम्नलिखित खनिजों पर विचार कीजिये: (2020)
- बेंटोनाइट
- क्रोमाइट
- कायनाइट
- सिलिमनाइट
भारत में, उपर्युक्त में से कौन-सा/से आधिकारिक रूप से नामित प्रमुख खनिज है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 4
(c) केवल 1 और 3
(d) केवल 2, 3 और 4
उत्तरः (d)
प्रश्न. हाल में तत्त्वों के एक वर्ग, जिसे ‘दुलर्भ मृदा धातु’ कहते है की कम आपूर्ति पर चिंता जताई गई। क्यों? (2012)
- चीन, जो इन तत्त्वों का सबसे बड़ा उत्पादक है द्वारा इनके निर्यात पर कुछ प्रतिबन्ध लगा दिया गया है।
- चीन, ऑस्ट्रेलिया कनाडा और चिली को छोड़कर अन्य किसी भी देश में ये तत्त्व नहीं पाये जाते हैं।
- दुर्लभ मृदा धातु विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॅानिक सामानों के निर्माण में आवश्यक है इन तत्त्वों की माँग बढती जा रही है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: (c)
प्रश्न. भारत में गौण खनिज के प्रबंधन के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)
1- इस देश में विद्यमान विधि के अनुसार रेत एक ‘गौण खनिज’ है।
2- गौण खनिजों के खनन पट्टे प्रदान करने की शक्ति राज्य सरकारों के पास है, किन्तु गौण खनिजों को प्रदान करने से संबंधित नियमों को बनाने के बारे में शक्तियाँ केन्द्र सरकार के पास हैं।
3- गौण खनिजों के अवैध खनन को रोकने के लिए नियम बनाने की शक्ति राज्य सरकारों के पास है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: (a)
प्रश्न. भारत में ज़िला खनिज फाउंडेशन का/के क्या उद्देश्य है/हैं? (2016)
- खनिज समृद्ध ज़िलों में खनिज अन्वेषण गतिविधियों को बढ़ावा देना खनन कार्यों से प्रभावित व्यक्तियों के हितों की रक्षा करना
- राज्य सरकारों को खनिज अन्वेषण के लिये लाइसेंस जारी करने हेतु अधिकृत करना
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: (b)
मेन्स:
प्रश्न. विश्व में खनिज तेल के असमान वितरण के बहुआयामी प्रभावों की विवेचना कीजिये। (2021)