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हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH): प्रचंड

  • 06 Oct 2022
  • 3 min read

हाल ही में स्वदेश में विकसित बहु-भूमिका वाले हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH), प्रचंड को औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया, यह उच्च ऊँचाई वाले युद्ध क्षेत्रों में संचालन के लिये उपयुक्त है।

Prachanda

हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर

  • परिचय:
    • LCH दुनिया का एकमात्र लड़ाकू हेलीकॉप्टर है जो 5,000 मीटर की ऊँचाई पर हथियारों और ईंधन के काफी भार के साथ उतरने एवं उड़ान भरने में सक्षम है।
    • यह हेलीकॉप्टर रडार संकेतकों (सिग्नेचर) से बचाव के लिये रडार-अवशोषित तकनीकी का उपयोग करता है जिसमें क्रैश-प्रूफ संरचना एवं लैंडिंग गियर है।
      • दबावयुक्त केबिन परमाणु, जैविक और रासायनिक (NBC) आकस्मिक व्यय से सुरक्षा प्रदान करता है।
    • यह हेलीकॉप्टर काउंटरमेजर डिस्पेंसिंग सिस्टम से लैस है जो इसे दुश्मन के रडार या दुश्मन की मिसाइलों से बचाता है।
    • LCH हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित दो फ्राँसीसी मूल के शक्ति इंजनों द्वारा संचालित है।
  • उत्पत्ति:
    • वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के समय पहली बार एक ऐसे स्वदेशी हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर की आवश्यकता महसूस की गई थी जो सभी भारतीय युद्ध क्षेत्र परिदृश्यों में सटीक हमला कर सके।
      • इसका आशय एक ऐसे हेलीकाप्टर के निर्माण से था जो रेगिस्तान की भीषण गर्मी और अत्यधिक ठंड वाले ऊँचे क्षेत्रों में, उग्रवाद-रोधी परिदृश्यों, युद्ध की स्थिति में कार्य कर सके।
    • भारत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित सब 3-टन केटेगरी हेलीकॉप्टर चेतक और चीता का उपयोग कर रहा है।
      • इन एकल इंजन वाहनों में से अधिकांश उपयोगी हेलीकाप्टर थे। भारतीय सेना चीता के सशस्त्र संस्करण लांसर का भी उपयोग करती है।
    • इसके अतिरिक्त भारतीय वायु सेना वर्तमान में रूसी मूल के MI-17 और इसके वेरिएंट MI-17 IV तथा MI-17 V5 का उपयोग करती है जिसका अधिकतम टेक-ऑफ वजन 13 टन है, जिसे वर्ष 2028 से चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जाना है।
    • सरकार ने अक्तूबर 2006 में LCH परियोजना को मंज़ूरी दी थी और HAL को इसे विकसित करने का काम सौंपा गया था। 
  • महत्त्व:
    • LCH में शत्रु की वायु रक्षा प्रणाली को समाप्त करने, अन्वेषण व बचाव करने, टैंक-रोधी और काउंटर सरफेस फोर्स ऑपरेशंस आदि जैसी भूमिकाओं को पूरा करने की क्षमता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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