रैपिड फायर
जंपिंग स्पाइडर
- 19 Jun 2025
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स्रोत: द हिंदू
कर्नाटक में खोजी गई नई जंपिंग स्पाइडर (कूदने वाली मकड़ी) प्रजाति स्पार्टेयस करिगिरी, भारत में स्पार्टेयस और सोनोइटा जेनेरा (साल्टिसिडे परिवार के स्पार्टेइनी उपपरिवार का हिस्सा) की पहली दर्ज उपस्थिति को चिह्नित करती है, जिसे पहले केवल दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका से ही जाना जाता था।
- इस प्रजाति का नाम कर्नाटक के करिगिरी या हाथी पहाड़ी (Elephant Hill) के नाम पर रखा गया है।
- सोनोइटा सीएफ. लाइटफुटी, जिसे पहले अफ्रीका तक ही सीमित माना जाता था, कर्नाटक में खोजा गया था, यह खोज इस प्रजाति के विस्तारित क्षेत्र या भारत में इसके प्रवेश की संभावना को दर्शाती है।
जंपिंग स्पाइडर (स्पार्टेयस करिगिरी)
- वितरण: विश्व स्तर पर अमेरिका, यूरोप, एशिया, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है तथा उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में बहुतायत में पाया जाता है।
- जैवविविधता: साल्टिसिडे सबसे बड़ा मकड़ी परिवार हैं, जिसमें आर्डर एरेनी और क्लास एराक्निडा के अंतर्गत 5,000 से अधिक प्रजातियाँ हैं।
- शारीरिक विशेषताएँ: छोटी रोएँदार मकड़ियाँ (<0.5 इंच), जिनमें 8 आँखें होती हैं, दो बड़ी सामने वाली आँखें शिकार करने, पथप्रदर्शन/नेविगेशन और प्रणय निवेदन के लिये हाई-रिज़ॉल्यूशन दृष्टि प्रदान करती हैं।
- दौड़ने, चढ़ने और कूदने में सक्षम, सुरक्षित लैंडिंग के लिये रेशम ड्रैगलाइन का उपयोग करती हैं।
- शिकार व्यवहार: सक्रिय मांसाहारी जो पीछा करके, नकल करके (जैसे, चींटी जैसा दिखकर) और छलावरण का उपयोग करके सूक्ष्म कीटों का शिकार करते हैं।
- कुछ प्रजातियाँ सुविधानुसार पराग और फूलों के रस का भी उपभोग करती हैं।
- कूदने की प्रक्रिया: हाइड्रॉलिक लेग प्रेशर के माध्यम से शरीर की लंबाई से 50 गुना अधिक दूरी तक कूद सकती हैं, मांसपेशियों से नहीं।
- प्रजनन: मादाएँ रेशम से ढके अंडा-कोषों की रक्षा करती हैं, स्पाइडरलिंग्स (शिशु मकड़ियाँ) निरंतर केंचुली उतारकर वयस्क बनती हैं।
- प्रमुख प्रजातियाँ: युफ्रिस ओम्निसुपरस्टेस (हिमालयन जंपिंग स्पाइडर), माउंट एवरेस्ट पर 22,000 फीट की ऊँचाई पर पाई जाती हैं, यह मकड़ियों का ज्ञात सर्वोच्च निवास स्थान है।
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