प्रारंभिक परीक्षा
साहित्य अकादमी युवा एवं बाल साहित्य पुरस्कार 2025
- 20 Jun 2025
- 6 min read
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
साहित्य अकादमी ने वर्ष 2025 के लिये 24 भारतीय भाषाओं में 23 लेखकों को युवा पुरस्कार और 24 लेखकों को बाल साहित्य पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की।
साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार और साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार क्या है?
साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार
- परिचय: वर्ष 2011 में स्थापित यह वार्षिक पुरस्कार 35 वर्ष या उससे कम आयु के युवा भारतीय लेखकों को साहित्य अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त अंग्रेज़ी सहित 24 भारतीय भाषाओं में से किसी में भी उनके मौलिक साहित्यिक कार्यों के लिये प्रदान किया जाता है।
- पुरस्कार के मुख्य घटक: 50,000 रुपए नकद पुरस्कार, एक उत्कीर्ण ताम्र पट्टिका और एक प्रशस्ति-पत्र।
- पात्रता मानदंड: कार्य मौलिक (रचनात्मक या आलोचनात्मक) होना चाहिये, पिछले 5 वर्षों के भीतर प्रकाशित हुआ हो और कम से कम 49 पृष्ठ लंबा होना चाहिये।
- प्रत्येक लेखक को प्रति भाषा केवल एक बार यह पुरस्कार दिया जाता है।
- अनुचित (अयोग्य) कृतियों में अनुवाद, संक्षेपण, शोध-प्रबंध, ई-पुस्तकें, मरणोपरांत प्रकाशित रचनाएँ और प्रवासी भारतीय (NRI), भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO) या दोहरी नागरिकता रखने वाले लेखकों की कृतियाँ शामिल हैं।
- चयन प्रक्रिया: सार्वजनिक प्रविष्टियों का आह्वान → विशेषज्ञों द्वारा प्रारंभिक मूल्यांकन → तीन सदस्यीय भाषा निर्णायक मंडल द्वारा अंतिम चयन → कार्यकारी बोर्ड द्वारा अनुमोदन → एक विशेष समारोह में विजेताओं की घोषणा।
साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार
- परिचय: इस पुरस्कार की स्थापना वर्ष 2010 में की गई थी। यह प्रतिवर्ष उन उत्कृष्ट बाल साहित्य कृतियों को सम्मानित करने हेतु प्रदान किया जाता है, जो 9 से 16 वर्ष की आयु के पाठकों के लिये लिखी गई हों और साहित्य अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त 24 भारतीय भाषाओं में से किसी एक में हों।
- पुरस्कार के घटक: 50,000 रुपए की पुरस्कार राशि, उत्कीर्ण पट्टिका (प्लाक), एक शॉल और प्रशस्ति पत्र।
- पात्रता मानदंड:
- कृति मौलिक और रचनात्मक होनी चाहिये तथा पिछले 5 वर्षों के भीतर प्रकाशित हुई हो।
- किसी भाषा में पुरस्कार पर विचार करने हेतु कम से कम 3 पात्र पुस्तकें होनी चाहिये।
- पौराणिक कथाओं के रूपांतरण स्वीकार्य हैं।
- मरणोपरांत कृतियाँ पात्र हैं यदि लेखक का निधन उस 5-वर्षीय अवधि के भीतर हुआ हो।
- अनुवाद, संकलन, संक्षेपण, शोध-प्रबंध तथा साहित्य अकादमी के बोर्ड सदस्यों, फेलो (Fellows) या भाषा सम्मान प्राप्तकर्त्ताओं की कृतियाँ अपात्र मानी जाती हैं।
साहित्य अकादमी और इसके पुरस्कार क्या हैं?
- परिचय: यह एक स्वायत्त संगठन है जिसकी स्थापना वर्ष 1952 में की गई थी और इसका औपचारिक उद्घाटन वर्ष 1954 में हुआ था। इसका उद्देश्य भारत की विभिन्न भाषाओं में साहित्य के प्रचार-प्रसार को समर्पित है। इसे सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत वर्ष 1956 में एक सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया गया था।
- इसका मुख्यालय दिल्ली में स्थित है तथा इसके क्षेत्रीय कार्यालय कोलकाता, बेंगलुरु, मुंबई, चेन्नई और अगरतला में हैं।
- कार्य:
- अंतर-भाषीय साहित्यिक संवाद, परस्पर अनुवाद, और साहित्यिक कृतियों के प्रकाशन को प्रोत्साहित करता है।
- पत्रिकाएँ, मोनोग्राफ, संकलन, विश्वकोश, ग्रंथ-सूचियाँ तथा साहित्य का इतिहास प्रकाशित करता है।
- पुरस्कार एवं सम्मान: साहित्य अकादेमी प्रत्येक मान्यता प्राप्त भाषा में एक-एक कर कुल 24 वार्षिक साहित्य पुरस्कार प्रदान करती है, साथ ही भारतीय भाषाओं से और भारतीय भाषाओं में अनूदित कृतियों के लिये 24 अनुवाद पुरस्कार भी प्रदान करती है।
- यह अकादेमी गैर-मान्यता प्राप्त भाषाओं तथा शास्त्रीय/मध्यकालीन साहित्य में योगदान के लिये भाषा सम्मान भी प्रदान करती है।
- प्रख्यात साहित्यकारों को फेलोशिप (जैसे आनंद कुमारस्वामी और प्रेमचंद फैलोशिप) के माध्यम से सम्मानित किया जाता है और उन्हें अकादेमी के फेलो तथा मानद फेलो के रूप में चयनित किया जाता है।
- साहित्य अकादेमी पुरस्कार: वर्ष 1954 में स्थापित, ये वार्षिक साहित्यिक सम्मान साहित्य अकादेमी द्वारा उन उत्कृष्ट पुस्तकों को प्रदान किये जाते हैं जो संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित 22 भाषाओं, साथ ही अंग्रेज़ी और राजस्थानी में साहित्यिक उत्कृष्टता के लिये प्रकाशित हुई हों।
- यह ज्ञानपीठ पुरस्कार के बाद भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला दूसरा सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान है।