रैपिड फायर
भारत-दक्षिण अफ्रीका पनडुब्बी सहयोग समझौते
- 30 Jun 2025
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
भारत और दक्षिण अफ्रीका ने जोहान्सबर्ग में आयोजित 9वीं संयुक्त रक्षा समिति (JDC) बैठक के दौरान पनडुब्बी सहयोग पर दो समझौतों पर हस्ताक्षर किये।
भारत-दक्षिण अफ्रीका संयुक्त रक्षा समिति (JDC)
- यह एक द्विपक्षीय संस्थागत तंत्र है, जिसकी स्थापना वर्ष 2000 में रक्षा सहयोग पर हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (MoU) के तहत रक्षा संबंधों को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से की गई थी।
- भारत और दक्षिण अफ्रीका के संबंध सामूहिक उपनिवेश-विरोधी संघर्ष में निहित हैं और दोनों देशों के बीच औपचारिक रक्षा सहयोग की शुरुआत वर्ष 1996 में रक्षा उपकरणों पर एक MoU के माध्यम से हुई थी।
- JDC की सह-अध्यक्षता दोनों देशों के रक्षा सचिव करते हैं और यह एक उच्च स्तरीय मंच के रूप में कार्य करता है, जहाँ वर्तमान सहयोग की समीक्षा की जाती है तथा रक्षा नीति, सैन्य प्रशिक्षण, रक्षा उत्पादन एवं अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में आपसी रुचि के नए आयामों की पहचान की जाती है।
- यह समिति रक्षा सहयोग एवं अधिग्रहण से संबंधित दो उप-समितियों की निगरानी भी करती है और संरचित संवाद, समुद्री सुरक्षा तथा अफ्रीका में भारत की रणनीतिक पहुँच को भी सुदृढ़ करने में सहायक होती है।
दक्षिण अफ्रीका
- यह अफ्रीका का सबसे दक्षिणी देश है, जिसकी सीमा नामीबिया, बोत्सवाना, ज़िम्बाब्वे (उत्तर), मोज़ाम्बिक, इस्वातिनी (उत्तर-पूर्व और पूर्व) और लेसोथो (एन्क्लेव) से लगती है।
- इसकी तीन राजधानियाँ हैं: प्रिटोरिया (कार्यकारी), केप टाउन (विधायी), ब्लोमफोंटेन (न्यायिक)।
- दक्षिण अफ्रीका की समुद्री सीमाएँ हिंद महासागर और अटलांटिक महासागर दोनों से मिलती हैं।
- इसकी प्रमुख भौगोलिक विशेषताओं में ड्राकेंसबर्ग पर्वत, लिम्पोपो और ऑरेंज नदियाँ तथा हाइवेल्ड (घास के मैदान वाला पठार), बुशवेल्ड (वृक्षों से युक्त मैदान) और ग्रेट एस्कार्पमेंट (पहाड़ी किनारा) जैसी भू-आकृतियाँ शामिल हैं।
अफ्रीका के समर्थन में भारत की पहलें
- बुनियादी अवसरंचना और प्रशिक्षण सहयोग: भारत ने ग्रामीण प्रौद्योगिकी पार्क, खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएँ, व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किये हैं; साथ ही फसल प्रसंस्करण, खाद निर्माण, सिंचाई एवं कृषि यंत्रीकरण में प्रशिक्षण प्रदान किया है।
- त्रिपक्षीय सहयोग: अफ्रीकी देशों में कृषि विशेषज्ञों को तैनात करने तथा खाद्य सुरक्षा एवं सिंचाई योजना का समर्थन करने के लिये FAO, USAID और SITA (अफ्रीका के लिये भारत की व्यापार प्राथमिकताओं का समर्थन) के साथ साझेदारी की गई।
- 3A फ्रेमवर्क: यह फ्रेमवर्क अफ्रीका की स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप किफायती, उपयुक्त और अनुकूलनीय कृषि प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देता है।
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