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भारत का पहला स्वदेशी पोलर रिसर्च पोत

  • 04 Jun 2025
  • 2 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE), जो भारत सरकार का एक उपक्रम है, ने नॉर्वे की कंपनी कॉन्सबर्ग के साथ भारत का पहला स्वदेशी पोलर रिसर्च वेसल (PRV) विकसित करने के लिये समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये हैं।

  • PRV एक ऐसा जहाज़ होता है जो ध्रुवीय क्षेत्रों (उत्तर तथा दक्षिण ध्रुव के आस-पास) और समुद्री क्षेत्रों में अनुसंधान का समर्थन करता है, जिसे राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र (NCPOR) की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार किया गया है।
  • PRV भारत के ध्रुवीय और समुद्री अनुसंधान मिशनों का समर्थन करेगा, जिससे इसके मौजूदा तीन अनुसंधान स्टेशन — अंटार्कटिका में भारती और मैत्री तथा आर्कटिक में हिमाद्री — को सुदृढ़ किया जाएगा।
    • इस पोत में उन्नत वैज्ञानिक उपकरण लगाए जाएंगे ताकि ध्रुवीय और दक्षिणी महासागर क्षेत्रों में समुद्री पारिस्थितिक तंत्र तथा गहरे समुद्र की जैवविविधता का अन्वेषण किया जा सके।
  • यह परियोजना भारत की सुरक्षा के लिये पारस्परिक और समग्र उन्नति (MAHASAGAR) के प्रति प्रतिबद्धता को और मज़बूत करेगी।
    • सागरमाला 2.0 के तहत भारत का लक्ष्य बुनियादी ढाँचे की कमी को पूरा करके तथा जहाज़ निर्माण, मरम्मत और पुनर्चक्रण को बढ़ाकर वैश्विक समुद्री नेता बनना है।
  • नॉर्वे के साथ यह सहयोग भारत के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत लक्ष्यों के अनुरूप है, जो देश में स्वदेशी जहाज़ निर्माण क्षमता को बढ़ावा देता है।

और पढ़ें: भारत का पहला शीतकालीन आर्कटिक अनुसंधान

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