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3 DPSU को मिनीरत्न का दर्जा

  • 04 Jun 2025
  • 6 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

रक्षा मंत्रालय ने तीन प्रमुख रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (DPSU) — म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड (MIL), आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (AVNL) और इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (IOL) — को "मिनीरत्न (श्रेणी-I)" का दर्जा प्रदान करने को मंज़ूरी दी है।

  • DPSU का रूपांतरण: MIL, AVNL और IOL वे सात सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में से तीन हैं, जिन्हें वर्ष 2021 में पूर्ववर्ती आयुध निर्माणी बोर्ड (OFB) से अलग किया गया था, जो भारत सरकार के रक्षा क्षेत्र सुधारों का हिस्सा है।
    • MIL के उत्पादों में गोलाबारूद (छोटे से लेकर उच्च कैलिबर तक), मोर्टार, रॉकेट, ग्रेनेड और स्वनिर्मित विस्फोटक शामिल हैं।
    • AVNL के उत्पादों में MBT अर्जुन, T-90 टैंक्स, BMP-II सरथ (जलीय पैदल सेना युद्ध वाहन) और रक्षा गतिशीलता समाधान (स्टालियन, LPTA आदि) शामिल हैं।
    • IOL टैंक्स, तोपखाना और नौसैनिक हथियारों के लिये ऑप्टो-इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और दृष्टि उपकरणों में विशेषज्ञता रखता है।
  • मिनीरत्न श्रेणी-I दर्जा: जिन CPSE ने पिछले तीन वर्षों में लगातार लाभ कमाया है, कम-से-कम तीन वर्षों में कर-पूर्व लाभ 30 करोड़ रुपए या उससे अधिक है तथा जिनकी निवल संपत्ति सकारात्मक है, वे मिनीरत्न-I का दर्जा दिये जाने के लिये पात्र हैं।
    • मिनीरत्न कंपनियों को निवेश करने, पूंजी जुटाने और त्वरित निर्णय लेने के लिये अधिक स्वायत्तता प्राप्त होती है। इससे उनकी कार्यक्षमता, प्रतिस्पर्द्धात्मकता और वैश्विक पहुँच बढ़ती है।

भारत में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (CPSEs) का वर्गीकरण

श्रेणी

शुरुआत

मानदंड (Criteria)

उदाहरण

महारत्न

मई, 2010 में

  • नवरत्न का दर्जा प्राप्त होना चाहिए।
  • भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के नियमानुसार सार्वजनिक शेयरधारिता के साथ भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होना चाहिए।
  • पिछले 3 वर्षों में औसत वार्षिक टर्नओवर ₹25,000 करोड़ से अधिक।
  • पिछले 3 वर्षों में औसत नेटवर्थ ₹15,000 करोड़ से अधिक।
  • पिछले 3 वर्षों में कर कटौती के बाद औसत वार्षिक शुद्ध लाभ ₹5,000 करोड़ से अधिक।
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण उपस्थिति होनी चाहिए।
  • भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड
  • भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड
  • कोल इंडिया लिमिटेड
  • गेल (इंडिया) लिमिटेड आदि।

नवरत्न

1997 में

मिनीरत्न श्रेणी-I तथा अनुसूची ‘A’ की वे कंपनियाँ जिन्हें पिछले 5 वर्षों में समझौता ज्ञापन प्रणाली (MoU system) के तहत ‘उत्कृष्ट’ या ‘अत्यंत उत्तम’ रेटिंग प्राप्त हुई हो और जो नीचे दिए गए 6 में से कम से कम कुछ प्रदर्शन मानकों में कुल 60 या उससे अधिक स्कोर प्राप्त करती हों:

1. नेट प्रॉफिट टू नेट वर्थ

2. मानव संसाधन लागत का कुल लागत से अनुपात

3. मूल्यह्रास, ब्याज एवं कर पूर्व लाभ का पूंजी से अनुपात

4. ब्याज एवं कर पूर्व लाभ का टर्नओवर से अनुपात

5. प्रति शेयर आय

6. अंतर-क्षेत्रीय प्रदर्शन

  • भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड
  • हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड आदि।

मिनीरत्न

1997 में

  • मिनीरत्न श्रेणी-I: वे CPSEs जिन्होंने लगातार पिछले तीन वर्षों में लाभ अर्जित किया हो, जिनमें से कम से कम एक वर्ष में प्री-टैक्स लाभ ₹30 करोड़ से अधिक हो और नेटवर्थ सकारात्मक हो।
  • मिनीरत्न श्रेणी-II: वे CPSEs जिन्होंने पिछले तीन वर्षों में लगातार लाभ अर्जित किया हो और नेटवर्थ सकारात्मक हो।
  • मिनीरत्न CPSEs ने किसी भी सरकारी ऋण/ब्याज भुगतान में चूक नहीं की हो।
  • मिनीरत्न CPSEs को सरकारी सहायता पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
  • श्रेणी-I: एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड आदि।
  • श्रेणी-II: आर्टिफिशियल लिम्ब्स मैन्युफैक्चरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, भारत पम्प्स एवं कंप्रेसर्स लिमिटेड आदि।

और पढ़ें: सात नए रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (DPSU)

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