रैपिड फायर
भारत का पहला सहकारी कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्र
- 06 Oct 2025
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केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री ने महाराष्ट्र के कोपरगाँव में भारत के पहले सहकारी मल्टी-फीड कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) संयंत्र का उद्घाटन किया।
- यह संयंत्र प्रतिदिन 12 टन CBG और गुड़/शीरे से 75 टन पोटाश का उत्पादन करेगा, जिससे आयात में कमी आएगी।
- कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG): यह एक नवीकरणीय ईंधन है जो बायोमास और जैविक अपशिष्ट (कृषि अवशेष, मवेशियों का गोबर, गन्ना प्रेस मिट, सीवेज) से अवायवीय अपघटन (ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में बैक्टीरिया द्वारा कार्बनिक पदार्थों का विघटन) के माध्यम से उत्पादित किया जाता है।
- विशेषताएँ: CNG के समान ऊष्मीय मूल्य (पूर्ण दहन पर मुक्त होने वाली ऊर्जा की मात्रा)। CBG ऑटोमोटिव, औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों में CNG की जगह ले सकता है।
- CBG के लाभ:
- पर्यावरण-अनुकूल: जीवाश्म ईंधन का एक स्वच्छ विकल्प, जो वर्ष 2070 तक भारत के शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक है।
- अपशिष्ट प्रबंधन: जैविक अपशिष्ट को ईंधन में परिवर्तित करता है, प्रदूषण को कम करता है और सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देता है।
- ऊर्जा सुरक्षा: तेल आयात को कम करता है और भारत के ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी बढ़ाता है (वर्तमान में लगभग 6%, वर्ष 2030 तक 15% का लक्ष्य)।
- भारत की पहल:
- SATAT (किफायती परिवहन की दिशा में सतत् विकल्प) योजना: इसका उद्देश्य 62 मिलियन मीट्रिक टन वार्षिक अपशिष्ट का उपयोग करके CBG का उत्पादन करना है, जिससे आयात पर निर्भरता कम होगी, रोज़गार सृजन होगा और वाहनों से होने वाले उत्सर्जन एवं प्रदूषण में कमी आएगी।
- राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC): CBG और पोटाश इकाइयों के लिये NCDC के माध्यम से 15 चीनी मिलों को सहायता प्रदान करने की योजना है।
विशेषता |
CBG (कंप्रेस्ड बायोगैस/संपीड़ित बायोगैस) |
CNG (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस/संपीड़ित प्राकृतिक गैस) |
स्रोत |
बायोमास और जैविक अपशिष्ट से उत्पादित। |
जीवाश्म ईंधन (प्राकृतिक गैस क्षेत्र) से निष्कर्षित किया गया। |
पर्यावरणीय प्रभाव |
पर्यावरण के अनुकूल, वायु प्रदूषण (जैसे, पराली दहन) को कम करता है, अपशिष्ट का उपयोग करता है और सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देता है। |
पेट्रोल/डीज़ल की तुलना में स्वच्छ है, लेकिन यह जीवाश्म ईंधन-आधारित है और यदि इसे कुशलतापूर्वक कैप्चर न किया जाए तो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में योगदान करता है। |
आयात पर निर्भरता |
स्थानीय बायोमास से घरेलू स्तर पर उत्पादित किया जा सकता है, जिससे आयात पर निर्भरता कम होती है। |
वित्त वर्ष 2025 में प्राकृतिक गैस के मामले में आयात निर्भरता 50.8% थी, जिससे विदेशी निर्भरता बढ़ रही है। |
व्यावसायिक व्यवहार्यता |
ग्रामीण रोज़गार और नवीकरणीय ऊर्जा पहलों को बढ़ावा देता है। |
पारंपरिक ऊर्जा स्रोत, ग्रामीण आजीविका सृजन की सीमित संभावनाएँ। |