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भारत IMO परिषद में पुनः निर्वाचित

  • 03 Dec 2025
  • 18 min read

स्रोत: पी.आई.बी

भारत को वर्ष 2026–27 अवधि के लिये अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) परिषद की श्रेणी B (वे देश जिनका समुद्री व्यापार में प्रमुख हित है) में पुनः निर्वाचित किया गया है। भारत को 169 वैध मतों में से 154 मत प्राप्त हुए।

  • IMO परिषद (जो श्रेणी A, B और C के कुल 40 सदस्यों से मिलकर बनी है) महासभा के सत्रों के बीच कार्यकारी निकाय के रूप में कार्य करती है और वैश्विक समुद्री नीतियों को आकार देती है।

अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO)

  • परिचय: IMO संयुक्त राष्ट्र की एक विशिष्ट एजेंसी है, जिसे वैश्विक नौवहन (शिपिंग) को विनियमित करने के लिये स्थापित किया गया है। यह शिपिंग उद्योग के लिये वैश्विक मानक निर्धारित करने वाला प्राधिकरण है, जो एक निष्पक्ष, प्रभावी और सार्वभौमिक रूप से अपनाए जाने योग्य विनियामक ढाँचा तैयार करता है।
  • उत्पत्ति और सदस्यता: IMO की स्थापना वर्ष 1948 में इंटर-गवर्नमेंटल मेरीटाइम कंसल्टेटिव ऑर्गनाइज़ेशन (IMCO) के रूप में हुई थी (जिसका नाम वर्ष 1982 में बदलकर IMO किया गया)। वर्तमान में इसके 176 सदस्य देश और 3 सहयोगी सदस्य हैं। भारत वर्ष 1959 से इसका सदस्य है।
  • प्रमुख जनादेश: इसका मुख्य दायित्व अंतर्राष्ट्रीय नौवहन की सुरक्षा और संरक्षा को बेहतर बनाना तथा जहाज़ों से होने वाले समुद्री तथा वायुमंडलीय प्रदूषण को रोकना है।
    • एक महत्त्वपूर्ण तथ्य यह है कि IMO स्वयं अपनी नीतियों को लागू नहीं करता तथा इनके क्रियान्वयन की ज़िम्मेदारी इसके सदस्य राष्ट्रों पर होती है।
  • IMO से संबंधित प्रमुख कन्वेंशन और रणनीतियाँ:

और पढ़े: भारत अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन परिषद हेतु पुन: निर्वाचित

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