रैपिड फायर
कैलाश मानसरोवर यात्रा को जोड़ने वाले भू-रणनीतिक दर्रे
- 12 May 2025
- 3 min read
स्रोत: द हिंदू
भारत ने कैलाश मानसरोवर यात्रा (KMY) की पुनः शुरुआत की घोषणा की, जो वर्ष 2020 में चीन द्वारा कोविड-19 और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) तनाव के कारण 5 वर्ष के लिये रोक दी गई थी। KMY वर्ष 1981 से संचालन में है।
- KMY: KMY विदेश मंत्रालय (भारत) द्वारा चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (TAR) में कैलाश पर्वत (6,638 मीटर) और मानसरोवर झील (4,600 मीटर) के लिये आयोजित एक तीर्थयात्रा है।
- आधिकारिक परिचालन मार्ग (वर्ष 2025 तक):
- लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड): यह मानसरोवर (सीमा से 50 किमी) जाने का सबसे छोटा मार्ग है, लेकिन कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण इसकी यात्रा 200 किमी तक हो जाती है।
- यह वर्ष 1992 में चीन के साथ व्यापार के लिये खोली गई पहली भारतीय सीमा चौकी था, इसके बाद शिपकी ला (1994) और नाथू ला (2006) खोली गई।
- लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड): यह मानसरोवर (सीमा से 50 किमी) जाने का सबसे छोटा मार्ग है, लेकिन कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण इसकी यात्रा 200 किमी तक हो जाती है।
- नाथू ला दर्रा (सिक्किम): 1,500 किमी. का यह पूर्णतः वाहन योग्य मार्ग (यह विश्व की सबसे ऊंची वाहन योग्य सड़कों में से एक है) 2015 में खोला गया; तीर्थयात्रियों के लिए आसान है, इसमें चढ़ाई की आवश्यकता नहीं है।
- नाथू ला दर्रा (सिक्किम): यह 1,500 किमी. का पूर्णतः मोटर वाहन योग्य मार्ग है (यह विश्व की सबसे ऊँचे मोटर वाहन योग्य सड़कों में से एक है) जिसे वर्ष 2015 में तीर्थयात्रियों के लिये खोल दिया गया है तथा इसमें पैदल यात्रा/ट्रैकिंग की आवश्यकता नहीं है।
- नाथू ला सिक्किम को चीन के TAR से जोड़ता है और प्राचीन सिल्क रोड का हिस्सा है।
- नाथू ला दर्रा (सिक्किम): यह 1,500 किमी. का पूर्णतः मोटर वाहन योग्य मार्ग है (यह विश्व की सबसे ऊँचे मोटर वाहन योग्य सड़कों में से एक है) जिसे वर्ष 2015 में तीर्थयात्रियों के लिये खोल दिया गया है तथा इसमें पैदल यात्रा/ट्रैकिंग की आवश्यकता नहीं है।
- कैलाश पर्वत: कैलाश पर्वत, तिब्बत में स्थित एक हीरे के आकार की काले रंग की शिला शिखर, हिंदू, बौद्ध, जैन और बोन धर्मों के लिये पवित्र है तथा यह प्रमुख एशियाई नदियों जैसे ब्रह्मपुत्र, सतलुज, सिंधु एवं कर्णाली का स्रोत है।
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