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RoDTEP योजना का विस्तार

  • 04 Oct 2025
  • 13 min read

स्रोत: द हिंदू

भारत सरकार ने निर्यातकों के लिये निर्यातित उत्पादों पर शुल्कों और करों में छूट (RoDTEP) योजना को मार्च 2026 तक बढ़ा दिया है। यह कदम बढ़ते अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक व्यापारिक अनिश्चितताओं से जूझ रहे निर्यातकों के लिये राहत लेकर आया है।

RoDTEP योजना

  • परिचय और उद्देश्य: वर्ष 2021 में शुरू की गई यह योजना निर्यातित वस्तुओं के उत्पादन और वितरण के दौरान लगने वाले करों, शुल्कों और शुल्कों की प्रतिपूर्ति करती है।
    • यह उन लागतों को शामिल करती है, जिनकी प्रतिपूर्ति अन्य केंद्रीय, राज्य या स्थानीय कर व्यवस्थाओं के तहत नहीं की जाती है।
    • वापसी दरें 0.3% से 3.9% तक हैं, जो सभी निर्यात वस्तुओं पर लागू होती हैं।
    • यह विश्व व्यापार संगठन के मानदंडों के अनुरूप है और पारदर्शिता एवं दक्षता सुनिश्चित करने के लिये एक व्यापक एंड-टू-एंड डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है।
  • लाभार्थी: घरेलू टैरिफ क्षेत्र (DTA) इकाइयाँ, अग्रिम प्राधिकरण (AA) धारक, विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) इकाइयाँ, निर्यातोन्मुख इकाइयाँ (EOU)।
  • महत्त्व: मार्च 2025 के अंत तक RoDTEP योजना के तहत कुल संवितरण लगभग 57,000 करोड़ रुपए को पार कर गया था, जो भारत के व्यापारिक निर्यात को समर्थन देने में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।
  • नीतिगत निहितार्थ:
    • विशेष रूप से विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZ) और निर्यातोन्मुख इकाइयों (EOU) में स्थित इकाइयों के लिये निरंतर निर्यात वृद्धि को प्रोत्साहित करता है।
    • बजटीय सीमाओं के भीतर कार्य करता है, जिससे राजकोषीय विवेकशीलता उजागर होती है।
    • कठिन समय में निर्यात क्षेत्र को समर्थन देने की सरकार की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करता है।

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