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चक्रवात मोंथा

  • 29 Oct 2025
  • 18 min read

स्रोत: IE

भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ आंध्र प्रदेश के तट से टकराया, जिससे आंध्र प्रदेश, ओडिशा के तटीय इलाकों तथा तमिलनाडु के कुछ भागों में तेज़ पवनें, भारी वर्षा और व्यापक क्षति देखने को मिली।

  • चक्रवात मोंथा पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी (BoB) में एक निम्न-दाब क्षेत्र के रूप में विकसित हुआ तथा शीघ्र ही तीव्र होकर गंभीर चक्रवाती तूफान (SCS) में परिवर्तित हो गया, जिसकी वायु की गति 89 से 117 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच थी।
  • बंगाल की खाड़ी में चक्रवातों का निर्माण: बंगाल की खाड़ी में बनने वाले चक्रवात आमतौर पर 5°–20° अक्षांशों के बीच पूर्वी व्यापारिक पवनों (Easterly Trade Winds) द्वारा पश्चिम की ओर धकेले जाते हैं, जिससे वे भारत के पूर्वी तट की ओर बढ़ते हैं। यह प्रक्रिया अटलांटिक महासागर में बनने वाले तूफानों के अमेरिका की ओर बढ़ने के समान होती है।
  • चक्रवात का नामकरण: इस चक्रवात का नाम “मोंथा” रखा गया है, जो एक थाई शब्द है जिसका अर्थ सुंदर या सुगंधित पुष्प है।
    • यह नाम थाईलैंड द्वारा विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) और एशिया एवं प्रशांत के लिये आर्थिक और सामाजिक आयोग (ESCAP) की उष्णकटिबंधीय चक्रवात पैनल (PTC) के तहत प्रस्तावित किया गया था, जो उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों के नामकरण की प्रक्रिया की निगरानी करता है।
    • चक्रवातों के नामकरण की विशेषताएँ: चक्रवातों के नाम लिंग और संस्कृति से निरपेक्ष रखे जाते हैं तथा अधिकतम आठ अक्षरों तक सीमित होते हैं, जिससे नाम सरल, स्पष्ट और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य बने रहें। यह व्यवस्था आपदा प्रबंधन को अधिक प्रभावी बनाने और जन-जागरूकता बढ़ाने में सहायक होती है।
  • WMO-ESCAP-PTC: इसका गठन वर्ष 1972 में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवातों से प्रभावित देशों के एक अंतर-सरकारी निकाय के रूप में किया गया था।
    • इसके सदस्य देशों में बांग्लादेश, भारत, ईरान, मालदीव, म्याँमार, ओमान, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और यमन शामिल हैं।
    • यह पैनल, विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के उष्णकटिबंधीय चक्रवात कार्यक्रम के तहत कार्य करता है और क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्रों (RSMCs) तथा उष्णकटिबंधीय चक्रवात चेतावनी केंद्रों (TCWCs) के साथ समन्वय स्थापित करता है।
    • भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) छह आरएसएमसी में से एक है।

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