रैपिड फायर
'को-ऑप कुंभ 2025’
- 11 Nov 2025
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केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने भारत के शहरी सहकारी बैंकिंग क्षेत्र के भविष्य पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘को-ऑप कुंभ 2025’ (Co-Op Kumbh 2025) का उद्घाटन किया साथ ही दिल्ली घोषणा 2025 को अपनाया।
मुख्य परिणाम
- दिल्ली घोषणा 2025: यह शहरी सहकारी बैंकों (UCBs) के विस्तार के लिये एक रोडमैप के रूप में कार्य करेगी।
- डिजिटल पहल: सहकार डिजिटल-पे (Sahkar Digi-Pay) और सहकार डिजिटल-लोन (Sahkar Digi-Loan) ऐप्स की शुरुआत, ताकि सबसे छोटे UCBs भी डिजिटल भुगतान तथा ऋण सेवाएँ प्रदान कर सकें।
- विस्तार लक्ष्य: अगले 5 वर्षों में 2 लाख से अधिक आबादी वाले प्रत्येक शहर में एक UCB स्थापित करने का लक्ष्य।
- भविष्य की पहल: राष्ट्रीय शहरी सहकारी बैंक और क्रेडिट सोसाइटी संघ (NAFCUB) को 2 वर्षों के भीतर 1,500 बैंकों को सहकार डिजिटल-पे से जोड़ने का निर्देश। सफल क्रेडिट सोसाइटियों को UCBs में परिवर्तित करने को प्रोत्साहन।
- NAFCUB शहरी सहकारी बैंकों और ऋण समितियों के लिये एक शीर्ष स्तरीय प्रचार निकाय है, जो फरवरी 1977 में एक बहु-राज्य सहकारी समिति के रूप में पंजीकृत है।
सहकारी क्षेत्र में प्रमुख उपलब्धियाँ
- वित्तीय अनुशासन: शहरी सहकारी बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (NPA) 2023 से 2.8% से घटकर 0.6% हो गई हैं।
- सहकारिता की वैश्विक मान्यता: अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन द्वारा अमूल को विश्व स्तर पर प्रथम और इफको को द्वितीय स्थान दिया गया।
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