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बायो-फोर्टिफाइड आलू

  • 11 Aug 2025
  • 17 min read

स्रोत: द हिंदू

पेरू स्थित अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र (CIP) भारत में आयरनयुक्त बायो-फोर्टिफाइड आलू उपलब्ध कराएगा, जिसका उद्देश्य भारत में आयरन की कमी (एनीमिया) को दूर करना है।

  • पोषक तत्त्वों से भरपूर जर्मप्लाज़्म  का उपयोग करके CIP पेरू में विकसित इन आलू का प्रयोगशालाओं और खेतों में परीक्षण किया गया, तत्पश्चात् ICAR-CPRI शिमला द्वारा बीज गुणन एवं कृषक वितरण के लिये अनुकूलित किया गया।
  • इसके अतिरिक्त, CIP विश्व के सबसे बड़े आलू उत्पादक क्षेत्र, इंडो-गंगा के मैदानी क्षेत्र में स्थित आगरा में अपना दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र स्थापित करेगा।

बायो-फोर्टिफाइड आलू

  • परिचय: बायो-फोर्टिफाइड आलू विशेषरूप से विकसित आलू होते हैं, जिनमें नियमित किस्मों की तुलना में सूक्ष्म पोषक तत्त्वों (लौह, जस्ता, विटामिन C) का स्तर अधिक होता है। 
    • बायोफोर्टिफाइड शकरकंद (Sweet Potatoes) उच्च बीटा-कैरोटीन सामग्री के माध्यम से विटामिन A से समृद्ध है और इसकी कृषि पहले से ही ओडिशा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक एवं असम में की जा रही है। 
      • इनका चमकीला नारंगी रंग का खाने योग्य भाग उच्च पोषण मूल्य को दर्शाता है, जो दृष्टि, प्रतिरक्षा और बच्चों के विकास के लिये आवश्यक है तथा रतौंधी को रोकने एवं बच्चों में प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करता है।
      • ICAR-CTCRI की नई बीटा-कैरोटीन-समृद्ध शकरकंद (SP-95/4) से उच्च उत्पादन और जनजातीय पोषण (Tribal Nutrition) में सुधार सुनिश्चित होता है।
  • प्रमुख लाभ: शकरकंद (Sweet Potatoes) को बिना प्रशीतन/परिरक्षक के 2 वर्ष तक सुरक्षित  रखा जा सकता है। यह भोजन (उबला हुआ, बेक किया हुआ, स्नैक्स, कन्फेक्शनरी) के लिये बहु-उपयोगी है तथा मध्याह्न भोजन और अन्य पोषण कार्यक्रमों के लिये भी उपयुक्त है।

Key Advantages of Biofortified Potatoes

बायोफोर्टिफिकेशन:

  • बायोफोर्टिफिकेशन वह प्रक्रिया है, जिसके द्वारा पारंपरिक प्रजनन, कृषि प्रथाओं अथवा आधुनिक जैवप्रौद्योगिकी के माध्यम से खाद्य फसलों में पोषक तत्त्वों की मात्रा में वृद्धि की जाती है, साथ ही उपभोक्ताओं की पसंद के अनुसार गुणों को भी सुरक्षित रखा जाता है। उदाहरण के लिये:
    • आयरन-समृद्ध फसलें: चावल, सेम, शकरकंद, कसावा, फलियाँ
    • ज़िंक समृद्ध फसलें: गेहूँ, चावल, सेम, शकरकंद, मक्का
    • प्रोविटामिन A फसलें: शकरकंद, मक्का, कसावा
    • प्रोटीन/अमीनो एसिड फसलें: ज्वार, कसावा

और पढ़ें: नाइट्रोजन उपयोग दक्षता और बायोफोर्टिफिकेशन 

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