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भारतीय अर्थव्यवस्था

WPI विगत 8 माह में उच्चतम स्तर पर

  • 17 Nov 2020
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये:

 थोक मूल्य सूचकांक,  मूल्य निर्धारण शक्ति

मेन्स के लिये:

थोक मूल्य सूचकांक

चर्चा में क्यों?

भारत में ‘थोक मूल्य सूचकांक’ (Wholesale Price Index-WPI) आधारित मुद्रास्फीति विगत आठ महीनों में उच्चतम स्तर पर पहुँच गई है।

प्रमुख बिंदु:

  • थोक मूल्य मुद्रास्फीति अक्तूबर 2020 में 1.48% तक पहुँच गई थी, जबकि अक्तूबर 2019 में यह 0%  और सितंबर 2020 में 1.32% थी।
  • WPI खाद्य सूचकांक मुद्रास्फीति (WPI Food Index inflation) सितंबर 2020 के 6.92% से घटकर अक्तूबर 2020 में 5.78% हो गई है। 
  • इसके अलावा सब्जियों की मुद्रास्फीति सितंबर के  36.2% से कम होकर 25.23% रह गई है, जबकि आलू (107.7%) और प्याज की कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई है।
  • WPI विनिर्माण मुद्रास्फीति 19 महीने के उच्च स्तर 2.1% तक पहुँच गई है और ‘कोर मुद्रास्फीति’ 18 महीनों में उच्चतम स्तर 1.7% पर है।
    • कोर मुद्रास्फीति में खाद्य एवं ईंधन की कीमतों में उतार-चढ़ाव को शामिल नहीं किया जाता है।

मुद्रास्फीति ट्रेंड का महत्त्व:

  • मार्च के बाद से अगस्त माह में पहली बार WPI में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है। इसे उत्पादकों की ‘मूल्य निर्धारण शक्ति’ (Pricing Power) के आधार पर औद्योगिक रिकवरी का संकेत माना जा सकता है।
    • मूल्य निर्धारण शक्ति (Pricing power) किसी उत्पाद की मांग की मात्रा के आधार एक उत्पाद की कीमत में होने वाले परिवर्तन को दर्शाती है।
  • कोर मुद्रास्फीति में वृद्धि COVID-19 महामारी के तहत लगाए लॉकडाउन के बाद मांग की स्थिति में सुधार को बताती है।

चुनौतियाँ:

  • वर्तमान WPI मुद्रास्फीति सामान्य रिकवरी को नहीं प्रदर्शित करती है, क्योंकि हाल ही में देखी गई मुद्रास्फीति का बड़ा कारण त्योहार से संबंधित मांग है।
  • आम जनता थोक मूल्य पर उत्पाद नहीं खरीदती है। 'खुदरा खाद्य मुद्रास्फीति' में वृद्धि और 'थोक खाद्य मुद्रास्फीति' में गिरावट को नियंत्रित  करना निर्माताओं के लिये चुनौतीपूर्ण होगा।

मुद्रास्फीति (Inflation):  

  • मुद्रास्फीति कीमतों के सामान्य स्तर में सतत् वृद्धि है।  
  • मुद्रास्फीति दर को मूल्य सूचकांक के आधार पर मापा जाता है, जो दो प्रकार के होते हैं-
    • थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index-WPI)  
    • उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index-CPI)   

मुद्रास्फीति का कारण:  

  • मांग जनित कारण 
  • लागत जनित कारण

थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index-WPI):

  • यह भारत में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला मुद्रास्फीति संकेतक (Inflation Indicator) है। 
  • इसे वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry) के आर्थिक सलाहकार (Office of Economic Adviser) के कार्यालय द्वारा प्रकाशित किया जाता है। 
  • इसमें घरेलू बाज़ार में थोक बिक्री के लिये प्रथम बिंदु पर किये जाने-वाले (First point of bulk sale) सभी लेन-देन शामिल होते हैं। 
  • वर्ष 2017 में अखिल भारतीय WPI के लिये आधार वर्ष को 2004-05 से संशोधित कर 2011-12 कर दिया गया है।

स्रोत: द हिंदू

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