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विश्व खाद्य दिवस

  • 17 Oct 2020
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये: 

विश्व खाद्य दिवस, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, ट्रांस फैट, खाद्य एवं कृषि संगठन

मेन्स के लिये: 

कुपोषण एवं खाद्य सुरक्षा 

चर्चा में क्यों? 

16 अक्तूबर, 2020 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने 'विश्व खाद्य दिवस' (World Food Day) के अवसर पर भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India - FSSAI) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

थीम: 

  • वर्ष 2020 के लिये 'विश्व खाद्य दिवस' की थीम ‘ग्रो, नौरिश, सस्टेन टूगेदर’ (Grow, Nourish, Sustain Together) है    

प्रमुख बिंदु:

  • इस अवसर पर FSSAI के ‘ईट राइट इंडिया’ अभियान का उल्लेख करते हुए कहा गया कि इस अभियान का लक्ष्य पर्यावरण की दृष्टि से एक स्थिर तरीके से सभी के लिये सुरक्षित एवं स्वास्थ्यवर्द्धक भोजन को बढ़ावा देना है। 
    • यह सभी नागरिकों को सुरक्षित और पौष्टिक भोजन प्रदान करने के अधिकार का एक हिस्सा है। इससे खाद्य सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार होगा। 

वर्ष 2022 तक भारत को ट्रांस फैट (Trans Fats) से मुक्त करना: 

  • भारत सरकार ने वर्ष 2022 तक भारत को ट्रांस फैट मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा निर्धारित लक्ष्य से एक वर्ष पहले ही हासिल कर लिया जाएगा। 

ट्रांस फैट (Trans Fats) से नुकसान: 

  • आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेलों (Partially Hydrogenated Vegetable Oils- PHVOs) जैसे- वनस्पति (Vanaspati), शॉर्टनिंग (Shortening), मार्जरीन (Margarine) आदि में तले हुए खाद्य पदार्थों में एक खाद्य टॉक्सिन ट्रांस फैट (Trans Fats) देश में गैर संचारी बीमारियों के बढ़ने का प्रमुख कारक है।
  • ट्रांस फैट (Trans Fats) कार्डियोवस्कुलर बीमारियों (Cardiovascular Diseases) के लिये एक परिवर्तनीय जोखिम कारक है।
  • गौरतलब है कि भारत सरकार ने वर्ष 2022 तक भारत को ट्रांस फैट से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

ईट राइट क्रिएटिविटी चैलेंज:

  • इस अवसर पर स्कूलों के लिये ‘ईट राइट क्रिएटिविटी चैलेंज’ की शुरुआत की गई।
  • यह एक पोस्टर एवं फोटोग्राफी प्रतियोगिता है जिसका उद्देश्य स्वस्थ आहार आदतों को बढ़ावा देना है। 

ईट स्मार्ट सिटी चैलेंज:

  • इस अवसर पर ‘स्मार्ट सिटी मिशन’ और द फूड फाउंडेशन, यू.के (The Food Foundation, UK) के साथ साझेदारी में FSSAI के 'ईट स्मार्ट सिटी' चैलेंज का भी शुभारंभ किया गया।
  • इससे भारत के स्मार्ट शहरों में सही भोजन प्रक्रियाओं एवं आदतों हेतु माहौल तैयार करने में मदद मिलेगी। 

खाद्य और कृषि संगठन (FAO) का 75वाँ स्‍थापना दिवस:

  • खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के 75वें स्‍थापना दिवस पर भारतीय प्रधानमंत्री ने हाल ही में विकसित फसलों की 17 किस्मों जैसे-एमएसीएस 4028 गेहूँ, मधुबन गाजर आदि को राष्ट्र को समर्पित किया। 
  • प्रत्येक वर्ष वैश्विक स्तर पर खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के स्थापना दिवस को चिह्नित करने के लिये 16 अक्तूबर को विश्व खाद्य दिवस (World Food Day) के रूप में मनाया जाता है। 
  • खाद्य और कृषि संगठन (FAO) संयुक्त राष्ट्र संघ की सबसे बड़ी विशेषज्ञता प्राप्त एजेंसियों में से एक है जिसकी स्‍थापना वर्ष 1945 में कृषि उत्‍पादकता और ग्रामीण आबादी के जीवन निर्वाह की स्‍थिति में सुधार करते हुए पोषण तथा जीवन स्‍तर को उन्नत बनाने के उद्देश्य के साथ की गई थी।
  • FAO ने विश्व खाद्य कार्यक्रम का आरंभ डॉ बिनय रंजन सेन (Dr Binay Ranjan Sen) के नेतृत्त्व में शुरू किया था।
  • FAO ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष (International Year of Millets) घोषित करने के भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया है।
    • इससे पोषण युक्त खाद्य पदार्थों के उपयोग में वृद्धि होगी और इसकी उपलब्धता बढ़ाने से छोटे किसानों को लाभ पहुँचेगा। .
    • उल्लेखनीय है कि छोटे एवं मध्यम किसान जल की कमी और ज़मीन की कम उपजाऊ क्षमता जैसी समस्याओं के कारण मोटे अनाजों की खेती करते हैं। इससे न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया को लाभ पहुँचेगा।

भारत में कुपोषण की समस्या:

  • स्वस्थ आहार, भोजन और पोषण आपूर्ति हेतु एक आवश्यक तत्त्व है। 
  • भारत में पिछले कुछ सालों में काफी हद तक खाद्य उपभोग के पैटर्न में बदलाव आया है जहाँ पहले खाद्य उपभोग में विविधता के लिये पारंपरिक अनाज (ज्वार, जौ, बाजरा आदि) उपयोग में लाया जाता था, वहीँ वर्तमान में इनका उपभोग कम हो गया है।
  • पारंपरिक अनाज, फल और अन्य सब्जियों के उत्पादन में कमी के कारण इनकी खपत भी कम हुई जिससे खाद्य और पोषण सुरक्षा प्रभावित हुई।
  • हालाँकि आज़ादी के बाद से खाद्यान्न उत्पादन में 5 गुना बढ़ोतरी हुई है। लेकिन कुपोषण का मुद्दा अभी भी चुनौती बना हुआ है। 

कुपोषण खत्म करने के लिये भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम: 

  • कुपोषण को खत्म करने के लिये भारत सरकार द्वारा शुरू किये गए कार्यक्रमों में राष्ट्रीय पोषण मिशन (पोषण अभियान), स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय का निर्माण, मिशन इंद्रधनुष, जल जीवन मिशन और सस्ती दर पर सैनिटेशन पैड उपलब्ध कराना इत्यादि शामिल हैं। 
  • इसके अतिरिक्त कुपोषण को खत्म करने के लिये प्रोटीन, आयरन, ज़िंक इत्यादि पोषक तत्त्वों से समृद्ध खाद्यान्न अनाजों को प्रोत्साहित किया गया।

स्रोत: पीआईबी  

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