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जैव विविधता और पर्यावरण

वेस्ट नील वायरस

  • 15 Mar 2019
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केरल के मालापुरम में एक सात वर्षीय बच्चे में वेस्‍ट नील वायरस (West Nile Virus- WNV) के लक्षण देखे गए हैं।

प्रमुख बिंदु

  • WNV एक मच्‍छर जनित बीमारी है। यह बीमारी मुख्यत: संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका के द्वीपीय क्षेत्रों में पाई जाती है।
  • इसकी खोज पहली बार 1927 में युगांडा के पश्चिमी नील उप-क्षेत्र में की गई थी।
  • WNV का पहला गंभीर प्रकोप 1990 के दशक के मध्य में अल्जीरिया और रोमानिया में हुआ था।
  • यह वायरस संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में 1999 में सामने आया। उस वर्ष न्यूयॉर्क में 62 मनुष्य, 25 घोड़े और अनगिनत पक्षी इस वायरस से ग्रसित पाए गए थे।
  • तब से कम-से-कम 48 राज्यों में WNV से प्रभावित लोगों की 40,000 से अधिक रिपोर्ट्स प्राप्त की गई हैं और यह अमेरिका में मच्छरों से मनुष्यों में फैलने वाला आम वायरस है।

WNV के लक्षण

  • WNV से संक्रमित लगभग 80% लोगों में WNV का या तो कोई लक्षण नहीं दिखता है या हल्का बुखार हो सकता है।
  • इसमें सिरदर्द, तेज़ बुखार, थकान, शरीर में दर्द, उल्टी, कभी-कभी त्वचा पर चकत्ते और लसीका ग्रंथियों (Lymph Glands) में सूजन आ सकती है।
  • यह वायरस किसी भी उम्र के व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता है। हालाँकि, 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और कुछ प्रत्यारोपण के रोगियों के WNV से संक्रमित होने पर गंभीर रूप से बीमार पड़ने का अधिक खतरा होता है।
  • वेस्ट नील वायरस मनुष्यों में एक घातक न्यूरोलॉजिकल बीमारी का कारण बन सकता है।
  • वर्तमान में WNV के लिये कोई टीका (Vaccine) उपलब्ध नहीं है।

स्रोत: PIB, VDCI (Vector Disease Control International)

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