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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

क्वांटम प्रौद्योगिकी का उपयोग करके अति-सुरक्षित संचार

  • 19 Jun 2025
  • 13 min read

प्रिलिम्स के लिये:

क्वांटम संचार , क्वांटम कंप्यूटिंग, राष्ट्रीय क्वांटम मिशन , पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी (PQC)

मेन्स के लिये:

क्वांटम कुंजी वितरण प्रौद्योगिकी और इसका महत्त्व, क्वांटम प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग, राष्ट्रीय क्वांटम मिशन, क्वांटम कंप्यूटिंग में भारत की अन्य पहल। 

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

IIT दिल्ली और DRDO के वैज्ञानिकों ने एंटैंगलमेंट आधारित फ्री-स्पेस क्वांटम सिक्योर कम्युनिकेशन  का उपयोग करते हुए एक अति-सुरक्षित संचार प्रणाली का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है ।

  • यह विधि हवा के माध्यम से सूचना प्रेषित करने के लिये प्रकाश कणों (फोटॉन) और क्वांटम उलझाव के सिद्धांत का उपयोग करती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि संचार को बाधित करने का कोई भी प्रयास तुरंत पता लगाया जा सके।
  • यह राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (2023-2031) के तहत क्वांटम-सुरक्षित नेटवर्क बनाने के भारत के प्रयासों में एक महत्त्वपूर्ण कदम है ।

क्वांटम संचार में DRDO-IIT-दिल्ली की सफलता की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • वैज्ञानिकों ने 1 किमी. फ्री-स्पेस लिंक पर उलझाव-आधारित क्वांटम कुंजी वितरण (QKD) का प्रदर्शन किया, हवा के माध्यम से क्वांटम कुंजी संचारित की, 240 BPS (बिट्स प्रति सेकंड) की सुरक्षित कुंजी दर दर्ज की, वायुमंडलीय अशांति, डिटेक्टर शोर और कृत्रिम प्रकाश व्यवस्था के प्रति लचीलापन दिखाया
    • इससे पहले वर्ष 2022 में वाणिज्यिक-ग्रेड फाइबर का उपयोग करके भारत का पहला इंटरसिटी क्वांटम लिंक (विंध्याचल-प्रयागराज) स्थापित किया गया था। 
    • वर्ष 2023 में QKD को मानक दूरसंचार फाइबर (QBER 1.48% ) पर 380 किमी. तक बढ़ाया गया, इसके बाद वर्ष 2024 में 100 किमी. का डेमो किया गया

क्वांटम संचार और क्वांटम उलझाव क्या है?

  • क्वांटम संचार क्वांटम यांत्रिकी विशेष रूप से क्वांटम उलझाव  के सिद्धांतों का उपयोग करके सुरक्षित जानकारी का संचरण है। 
    • इसमें क्वांटम कुंजी वितरण (QKD), क्वांटम टेलीपोर्टेशन और सघन कोडिंग जैसे प्रोटोकॉल तथा सुरक्षित, लंबी दूरी के प्रसारण को सक्षम करने के लिये फ्री-स्पेस संचार, क्वांटम रिपीटर्स एवं डिकोहेरेंस-फ्री सबस्पेस जैसी तकनीकें शामिल हैं। 
    • यह रक्षा और साइबर सुरक्षा के लिये रणनीतिक महत्त्व रखता है ।
  • क्वांटम एंटैंगलमेंट: क्वांटम भौतिकी में एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें दो या अधिक कण इस प्रकार एक-दूसरे से जुड़ जाते हैं कि एक कण की स्थिति तुरंत दूसरे कण की स्थिति को निर्धारित कर देती है, चाहे वे कितनी भी दूरी पर क्यों न हों।
    • यह परंपरागत भौतिकी के नियमों को चुनौती देता है तथा क्वांटम संचार, क्वांटम क्रिप्टोग्राफी और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे अनुप्रयोगों को संभव बनाता है।

क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन (QKD) क्या है?

  • परिचय: क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन (QKD) एक सुरक्षित संचार विधि है, जो क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों का उपयोग करके दो पक्षों के बीच क्रिप्टोग्राफिक कुंजियाँ (Keys) उत्पन्न करने और साझा करने में सक्षम बनाती है।
  • कार्यप्रणाली:
    • QKD में क्यूबिट का उपयोग किया जाता है, जिन्हें कुल आंतरिक परावर्तन के सिद्धांत पर आधारित ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से प्रेषित किया जाता है। यह कुंजी को दो उपयोगकर्त्ताओं के बीच सुरक्षित रूप से साझा करने की अनुमति देता है।
      • परंपरागत बिट्स के विपरीत क्यूबिट को फोटॉनों पर एन्कोड किया जाता है और वे अत्यधिक संवेदनशील होते हैं — किसी भी बाहरी हस्तक्षेप से उनका स्वरूप बदल सकता है।
    •  QKD उन दो दूरस्थ उपयोगकर्त्ताओं को एक साझा, यादृच्छिक गुप्त कुंजी उत्पन्न करने में सक्षम बनाता है, जो प्रारंभ में कोई गुप्त कुंजी साझा नहीं करते। इन सभी आदान-प्रदान को पारंपरिक क्रिप्टोग्राफिक विधियों के माध्यम से प्रमाणित करना आवश्यक होता है।
    • यदि कोई तृतीय पक्ष (जैसे जासूस) इस संचार को बाधित करने का प्रयास करता है तो वह क्यूबिट को प्रभावित करता है, जिससे ट्रांसमिशन में त्रुटियाँ उत्पन्न होती हैं और वैध उपयोगकर्त्ताओं को खतरे का संकेत मिल जाता है। इस प्रकार QKD एक प्रमाणित पारंपरिक चैनल को एक सुरक्षित क्वांटम चैनल में बदल देता है, जिससे छेड़छाड़-संवेदनशील एन्क्रिप्शन सुनिश्चित होता है।

  • QKD के प्रकार:
    • तैयारी-और-मापन आधारित QKD (Prepare-and-Measure QKD): इस विधि में एक पक्ष फोटॉन को विशेष क्वांटम अवस्थाओं (Quantum states) में तैयार करता है और दूसरा पक्ष उन्हें मापता है। यदि कोई हस्तक्षेप होता है तो वह क्वांटम अवस्था को बदल देता है, जिससे सेंधमारी का पता चल जाता है।
    • उलझन-आधारित QKD (Entanglement-Based QKD): इस विधि में एक स्रोत उलझे हुए फोटॉन की जोड़ियाँ उत्पन्न करता है और एक-एक फोटॉन दोनों पक्षों को भेजता है। इन उलझे हुए फोटॉनों की प्रकृति यह सुनिश्चित करती है कि उनके मापन के परिणाम सहसंबद्ध और सुरक्षित होते हैं।

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) क्या है?

  • परिचय: राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (National Quantum Mission - NQM) एक रणनीतिक राष्ट्रीय पहल है, जिसका उद्देश्य भारत की क्वांटम प्रौद्योगिकियों में क्षमताओं को विकसित और सुदृढ़ करना है।
    • यह प्रधानमंत्री विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद (PM-STIAC) के तहत चलाए जा रहे 9 प्रमुख मिशनों में से एक है।
    • इस मिशन का लक्ष्य क्वांटम संचार, क्वांटम कंप्यूटिंग और सटीक संवेदन के क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित कर भारत को क्वांटम विज्ञान में वैश्विक नेतृत्व प्रदान करना है।
    • इसे वर्ष 2023 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा वर्ष 2023–24 से 2030–31 की अवधि के लिये अनुमोदित किया गया था। 
  • महत्त्व: वैश्विक क्वांटम प्रतिस्पर्द्धा में भारत की स्थिति को मज़बूत बनाने के लिये अत्यंत महत्त्वपूर्ण है, जिसके अनुप्रयोग रक्षा, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष, बैंकिंग एवं दूर संचार जैसे विभिन्न क्षेत्रों में हैं।
  • मुख्य उद्देश्य:
    • क्वांटम कंप्यूटिंग: अगले आठ वर्षों में सुपरकंडक्टिंग और फोटॉनिक तकनीकों जैसे प्लेटफार्मों का उपयोग करते हुए 50 से 1000 भौतिक क्यूबिट्स वाले मध्यवर्ती क्वांटम कंप्यूटर विकसित किये जाएंगे।
    • सुरक्षित क्वांटम संचार:
      • भारतीय ग्राउंड स्टेशनों के बीच 2000 किलोमीटर से अधिक दूरी पर उपग्रह-आधारित क्वांटम संचार को सक्षम बनाया जाएगा।
      • अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ लंबी दूरी के सुरक्षित क्वांटम लिंक की सुविधा प्रदान की जाएगी।
    • क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी: नेविगेशन, संचार और समय निर्धारण अनुप्रयोगों में उच्च सटीकता सुनिश्चित करने के लिये उच्च-संवेदनशीलता वाले मैग्नेटोमीटर और एटॉमिक  क्लॉक्स विकसित किये जाएंगे ।
    • थीमैटिक हब्स (T-हब्स): प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों और राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास (R&D) संस्थानों में चार T-हब्स की स्थापना की जाएगी, जिनका ध्यान निम्नलिखित विषयों पर केंद्रित होगा:
  • NQM के अंतर्गत प्रमुख पहल:
    • DRDO की पहल: DRDO रक्षा और रणनीतिक संचार की सुरक्षा के लिये क्वांटम-प्रतिरोधी सुरक्षा प्रोटोकॉल तथा क्वांटम-सुरक्षित सममित और असममित क्रिप्टोग्राफिक एल्गोरिदम विकास और परीक्षण कर रहा है।
    • SETS (सोसाइटी फॉर इलेक्ट्रॉनिक ट्रांज़ेक्शन एंड सिक्योरिटी): प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) के अंतर्गत, SETS पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी (PQC) अनुसंधान को आगे बढ़ा रहा है और इसने FIDO प्रमाणीकरण तथा IoT सुरक्षा अनुप्रयोगों के लिये PQC का कार्यान्वयन किया है।
    • C-DoT (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स): दूरसंचार विभाग (DoT) के अंतर्गत C-DoT ने अत्याधुनिक समाधान विकसित किये हैं, जिनमें क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन (QKD), पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी और क्वांटम-सुरक्षित वीडियो IP फोन शामिल हैं।

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क्वांटम प्रौद्योगिकी से संबंधित सरकारी पहल

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न. राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) के प्रमुख उद्देश्यों और पहलों की समीक्षा कीजिये तथा भारत के लिये उनके रणनीतिक महत्त्व का विश्लेषण कीजिये।

  UPSC सिविल सेवा हैंीक्षा के विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स 

प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-सा वह संदर्भ हैं, जिसमें "क्यूबिट" शब्द का उल्लेख किया गया है?

(a) क्लाउड सेवाएँ
(b) क्वांटम कंप्यूटिंग
(c) दृश्यमान प्रकाश संचार प्रौद्योगिकी
(d) वायरलेस संचार प्रौद्योगिकी 

 उत्तर: (b)  


मेन्स

प्रश्न. "चौथी औद्योगिक क्रांति (डिजिटल क्रांति) के प्रादुर्भाव ने ई-गवर्नेंस  को सरकार का अविभाज्य अंग बनाने में पहल की है"। विवेचना  कीजिये। (2020)

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