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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

सेबी द्वारा साइबर सुरक्षा को मज़बूत करने की पहल

  • 11 Sep 2017
  • 4 min read

चर्चा में क्यों ?

बाज़ार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बड़े रजिस्ट्रारों एवं शेयर हस्तांतरित करने वाले एजेंटों (Registrars to an Issue/ Share Transfer Agents'-RTAs) को साइबर सुरक्षा व्यवस्था मज़बूत करने के लिये कहा है। हालिया समय में साइबर हमलों के मामले बढ़े हैं, ऐसे में सेबी द्वारा जारी ये निर्देश महत्त्वपूर्ण हैं।

सेबी के निर्देश से संबंधित महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • सेबी ने रजिस्ट्रारों और एजेंटों से कहा कि वे संवेदनशील प्रणाली तक पहुँच रखने वाले बाहरी कर्मचारियों की भी कड़ी जाँच करें।
  • सेबी का यह निर्देश दो करोड़ से अधिक शेयरों का हस्तांतरण कर रहे एजेंटों पर लागू होगा तथा इन्हें योग्य आरटीए माना जाएगा। इन्हें एक दिसंबर तक आवश्यक प्रणाली जुटा लेने के लिये कहा गया है।
  • सेबी ने सुरक्षा प्रणाली की वार्षिक जाँच के अतिरिक्त ऐसी व्यवस्था बनाने के लिये भी कहा है जहाँ असामान्य गतिविधि या असामान्य ऑनलाइन लेन-देन की पहचान होते ही समुचित चेतावनी जारी हो सके।
  • एक मज़बूत साइबर सुरक्षा ढाँचे की रुपरेखा तय करने के लिये सोशल मीडिया साइट्स और क्लाउड-आधारित इंटरनेट स्टोरेज साइट्स सहित इंटरनेट और इंटरनेट आधारित सेवाओं के उपयोग को विनियमित करने हेतु एक नीति की आवश्यकता पर भी बल दिया गया है।

क्यों महत्त्वपूर्ण है यह प्रयास?

  • हालिया सर्वेक्षणों के मुताबिक भारत में चार में से केवल एक कंपनी ही साइबर हमलों के खतरे को लेकर विस्तृत आकलन कराती है, जबकि अन्य तीन के पास हमले की सूरत में उससे निपटने की कोई योजना नहीं होती है।
  • इससे पता चलता है कि भारतीय कारोबारी जगत साइबर अपराध से होने वाले भारी कारोबारी नुकसान को लेकर काफी हद तक बेपरवाह है। सेबी के इन निर्देशों के बाद कारोबारी जगत साइबर अपराधों को अधिक गंभीरता से लेगा।

निष्कर्ष

  • एक अनुमान के अनुसार वर्तमान में भारत में साइबर हमले से 25000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो रहा है।
  • साइबर हमले के दौरान नुकसान कई कारणों से होता है, जैसे- व्यवसाय के संचालन में व्यवधान आने से, संवेदनशील सूचनाओं एवं डिज़ाइनों के खो जाने से, ब्रांड की छवि खराब होने से तथा कानूनी दावों एवं बीमा प्रीमियमों के बढ़ने से।
  • जिस तरह से भारत में व्यवसायों का आपस में जुड़ाव होता जा रहा है, उससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि भविष्य में इन समस्याओं में और वृद्धि होगी तथा आने वाले समय में यह आँकड़ा $20 बिलियन तक पहुँच सकता है।
  • कारोबारी जगत साइबर सुरक्षा को रणनीतिक एजेंडा मानने के बजाय एक छोटी-मोटी घटना मानकर चलता है। ऐसे में सेबी का यह प्रयास अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण है।
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