इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

सर्वोच्च न्यायालय करेगा मवेशी व्यापार नियमों से संबंधित याचिका पर सुनवाई

  • 08 Jun 2017
  • 3 min read

संदर्भ
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पशु बाज़ारों में मवेशियों की बिक्री और व्यापार पर प्रतिबंध लगाने संबंधी केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना ‘जानवरों के प्रति क्रूरता की रोकथाम (पशुधन बाजार नियमन) नियम, 2017’ पर सुनवाई करने के लिये अपनी सहमति व्यक्त कर दी है। 

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • यह याचिका मोहम्मद अब्दुल फहीम कुरैशी द्वारा दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि इस अधिसूचना से किसानों और मवेशी व्यापारियों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ेगा  तथा उन्हें पुलिस द्वारा प्रताड़ित भी किया जा सकता है।
  • याचिकाकर्त्ता द्वारा इसे व्यक्ति के भोजन के अधिकार (Right to choice of food) के विपरीत माना तथा कहा कि इससे अनेक कसाईयों (Buchers) का रोज़गार भी छीन जाएगा। उल्लेखनीय है कि 1960 का अधिनियम भोजन के लिये पशुओं के वध करने से नहीं रोकता।   
  • इससे किसानों पर ‘निरर्थक’ (Useless) पशुओं का अनावश्यक बोझ बढ़ जाएगा। जहाँ किसानों को अपने बच्चों का लालन-पालन करना मुश्किल होता है, वहीं वह इन ‘निरर्थक’ मवेशियों की देखभाल कैसे करेगा। 
  • यह अधिसूचना अनुच्छेद 19(1) (जी) में दिये गए व्यापार करने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है। 
  • इसे संविधान द्वारा प्रदत्त सांस्कृतिक अधिकार का उल्लंघन माना है, क्योंकि देश में अनेक समुदायों द्वारा उनके विभिन्न सांस्कृतिक उत्सवों पर भोजन के लिये पशुओं का वध किया जाता है या पशुओं की बलि दी जाती है।
  • याचिका में कहा गया है कि कई लोग पशु बाज़ारों को पैतृक और पारंपरिक व्यवसाय के तौर पर उपयोग कर रहे हैं। ये बाज़ार उनकी आय का प्रमुख स्रोत भी हैं। अत: पशुधन बाज़ार नियम  में वर्णित ‘नियम-22’ ऐसे लोगों पर "असंवैधानिक प्रतिबंध" लगता है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2