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भारतीय राजनीति

सूचना का अधिकार और ईवीएम

  • 19 Dec 2019
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये:

सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005, केंद्रीय सूचना आयोग

मेन्स के लिये:

EVM और सूचना का अधिकार अधिनियम

चर्चा में क्यों?

हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सूचना आयोग (Central Information Commission- CIC) के उस निर्णय को खारिज कर दिया जिसमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (Electronic Voting Machine-EVM) को सूचना के अधिकार अधिनियम (RTI Act, 2005) के अंतर्गत ‘सूचना’ की परिभाषा में शामिल बताया गया था।

मुख्य बिंदु:

  • निर्वाचन आयोग द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय में केंद्रीय सूचना आयोग के 12 फरवरी के उस आदेश को चुनौती दी गई जिसमें कहा गया था कि आयोग के पास एक वस्तु के रूप में मौजूद ईवीएम आरटीआई एक्ट के तहत एक ‘सूचना’ है।
  • निर्वाचन आयोग ने भी यह स्पष्ट किया था कि ईवीएम RTI Act, 2005 के अंतर्गत नहीं आते हैं क्योंकि इनका संबंध मुख्य रूप से दस्तावेज़ी रिकॉर्ड और प्रतिनिधि तंत्र से संबंधित है।
  • निर्वाचन आयोग द्वारा बनाए गए ईवीएम का उपयोग क़ानूनी तौर पर पूरे देश में चुनाव संचालन में किया जाता है। इसके अलावा निर्वाचन आयोग अधिकारियों के प्रशिक्षण तथा जागरूकता कार्यक्रमों में कुछ ईवीएम का प्रयोग अपनी सख्त निगरानी में करता है।
  • इस वर्ष फरवरी में केंद्रीय सूचना आयोग ने कहा था कि RTI Act, 2005 के तहत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) ‘सूचना’ की परिभाषा में आती है। आयोग के पास एक वस्तु के रूप में मौजूद ईवीएम RTI Act, 2005 के तहत एक ‘सूचना’ है। इसके बाद 12 फरवरी को निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय सुचना आयोग के इस आदेश को अदालत में चुनौती दी थी।
  • केंद्रीय सूचना आयोग ने कहा था कि RTI Act, 2005 की धारा 2 (f) रिकॉर्ड, दस्तावेज़, मेमो, ई-मेल, राय, सलाह, प्रेस विज्ञप्ति, परिपत्र, आदेश, लॉगबुक, अनुबंध, रिपोर्ट, कागजात आदि किसी भी सामग्री को 'सूचना' के रूप में परिभाषित करती है।

केंद्रीय सूचना आयोग

(Central Information Commission)

  • केंद्रीय सूचना आयोग की स्थापना सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत की गई।
  • 12 अक्तूबर, 2005 को सूचना का अधिकार अधिनियम कानूनी अधिकार के रूप में आया।
  • यह अधिनियम प्रत्येक लोक प्राधिकारी के कार्यकरण में पारदर्शिता और उत्तरदायित्त्व की भावना के विकास हेतु लाया गया है।
  • यह आयोग एक मुख्य सूचना आयुक्त और अधिकतम 10 सूचना आयुक्तों से मिलकर बनता है।
  • मुख्य सूचना आयुक्त व अन्य आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति एक समिति (प्रधानमंत्री के नेतृत्त्व में, लोकसभा में विपक्ष का नेता व प्रधानमंत्री द्वारा विनिर्दिष्ट संघ मंत्रिमंडल का एक मंत्री) की सिफारिश पर करता है।
  • मुख्य सूचना आयुक्त तथा अन्य आयुक्त पद ग्रहण की तिथि से 5 वर्ष या 65 वर्ष की उम्र (जो भी पहले हो) तक पदधारण करते हैं।

स्रोत- द हिंदू

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