अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत–बांग्लादेश संबंधों का नवीनीकरण
- 22 Dec 2025
- 107 min read
प्रिलिम्स के लिये: संसदीय स्थायी समिति, लालमोनिरहाट एयरफील्ड, 1996 की गंगाजल संधि, पद्मा (गंगा), जमुना (ब्रह्मपुत्र), मेघना, सुंदरबन, मैंग्रोव वन, सेंट मार्टिन द्वीप, अखौरा-अगरतला रेल लिंक, भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन।
मेन्स के लिये: भारत–बांग्लादेश संबंधों के प्रमुख पहलू, बांग्लादेश में हालिया बदलाव और उसका भारत पर प्रभाव, द्विपक्षीय संबंधों को पुनर्जीवित करने तथा वर्तमान चुनौतियों का समाधान करने के लिये आवश्यक कदम
चर्चा में क्यों?
संसदीय स्थायी समिति, जो विदेश मामलों पर काम करती है, ‘भारत–बांग्लादेश संबंधों का भविष्य’ नामक रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया है कि बांग्लादेश में हालिया घटनाएँ भारत के लिये 1971 के मुक्ति युद्ध के बाद से सबसे
सारांश
- बांग्लादेश में राजनीतिक बदलाव भारत के लिये 1971 के बाद से सबसे बड़ी क्षेत्रीय चुनौती प्रस्तुत करता है, जो व्यापार, कनेक्टिविटी, ऊर्जा और रक्षा में गहरे स्थायी द्विपक्षीय सहयोग की परीक्षा ले रहा है।
- संबंधों को पुनर्जीवित करने के लिये भारत को सभी हितधारकों के साथ संवाद स्थापित करना, संवेदनशील मुद्दों का पारदर्शी प्रबंधन करना और रणनीतिक प्रभाव सुनिश्चित करने हेतु प्रतिस्पर्द्धात्मक साझेदारी प्रदान करना आवश्यक है।
भारत के लिये रणनीतिक चुनौतियाँ प्रस्तुत करने वाले बांग्लादेश में हालिया घटनाक्रम क्या है?
- मूलभूत राजनीतिक पुनर्संरेखण: अगस्त 2024 में शेख हसीना के नेतृत्व वाली प्रो-भारत अवामी लीग सरकार के पतन ने बांग्लादेश में लंबे समय तक चली राजनीतिक स्थिरता का अंत कर दिया।
- इस बीच बांग्लादेश में नई राजनीतिक शक्तियों का उदय हुआ है, जैसे कि राष्ट्रीय नागरिक पार्टी (NCP), जिसकी स्थापना उन छात्र कार्यकर्त्ताओं ने की जो अवामी लीग विरोधी प्रदर्शन में सक्रिय थीं और जमात-ए-इस्लामी की वापसी हुई है, जो एक रूढ़िवादी इस्लामी राजनीतिक पार्टी है जिसे आमतौर पर भारत विरोधी विचारों वाली पार्टी माना जाता है।
- बाहरी प्रभाव की तीव्रता: बांग्लादेश का चीन के साथ गहरा रणनीतिक जुड़ाव (जैसे भारत के चिकन नेक के पास लालमोनिरहाट एयरफील्ड का उन्नयन) और पाकिस्तान के साथ बढ़ते संबंध (जैसे पाकिस्तान नौसेना का फ्रिगेट PNS सैफ का बांग्लादेश दौरा) भारत के परंपरागत प्रभाव को कमज़ोर कर सकते हैं।
- भारत विरोधी विरोध प्रदर्शन और सांप्रदायिक हिंसा: बांग्लादेशी युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या से हिंसक अशांति फैल गई, जिसके दौरान चट्टोग्राम में भारत के असिस्टेंट हाई कमीशन में तोड़फोड़ की गई, जिससे पता चलता है कि बांग्लादेश की अंदरूनी उथल-पुथल राजनयिक संबंधों को कैसे प्रभावित कर सकती है।
- भारत की मानवीय प्रतिक्रिया: भारत द्वारा पदच्युत प्रधानमंत्री शेख हसीना को आश्रय देने का मानवीय निर्णय द्विपक्षीय संबंधों में तनाव का कारण बन गया है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने उन पर भारत की जमीन से अशांति फैलाने का आरोप लगाया और निर्वासन की मांग की, जबकि भारत का कहना है कि वह उन्हें कोई राजनीतिक मंच नहीं दे रहा है।
- मुख्य द्विपक्षीय मामले लंबित: महत्त्वपूर्ण गंगा जल संधि 1996 का नवीनीकरण दिसंबर 2026 में होना है, लेकिन बांग्लादेश के साथ औपचारिक बातचीत अभी तक शुरू नहीं हुई, जिससे रणनीतिक शून्यता और संभावित विवाद का जोखिम बन गया है।
- सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव: एक नई पीढ़ी, जो वर्ष 1971 के स्वतंत्रता संग्राम की इतिहास से कम जुड़ी है, ऐसे राष्ट्रवाद को बढ़ावा दे रही है जो अक्सर भारत के प्रति संदेहपूर्ण है। यह पुनरुत्थित इस्लामी समूहों और सक्रिय युवा राष्ट्रवाद का संगम, आंतरिक अस्थिरता पैदा करता है, जिसका भारत की सुरक्षा पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है।
- उदाहरण के तौर पर बांग्लादेश की NCP के नेता हसनत अब्दुल्लाह ने भारत के 7 पूर्वोत्तर राज्यों को मुख्यभूमि से अलग करने की चेतावनी दी और भारतीय अलगाववादी समूहों को संरक्षण प्रदान करने का प्रस्ताव रखा।
बांग्लादेश में हो रहे इन घटनाक्रमों का भारत पर क्या असर पड़ेगा?
- भू-राजनीतिक और सुरक्षा प्रभाव: प्रो-भारत नेता शेख हसीना के पतन ने रणनीतिक निश्चितता और सुरक्षा सहयोग को समाप्त कर दिया है, जबकि सिलीगुड़ी कॉरिडोर के पास लालमोनिरहाट एयरफील्ड का चीन द्वारा उन्नयन और पाकिस्तान की बढ़ती सक्रियता दो-फ्रंट युद्ध के खतरे को बढ़ा रही है।
- आंतरिक सुरक्षा: बढ़ती अस्थिरता से अवैध प्रवासन और घुसपैठ का जोखिम बढ़ता है, जबकि सांप्रदायिक हिंसा तथा कट्टरपंथी समूहों का उभार सीमापार सांप्रदायिक ध्रुवीकरण एवं उग्रवाद के प्रसार का खतरा उत्पन्न करता है।
- कूटनीतिक प्रभाव: शेख हसीना को आश्रय देना प्रत्यर्पण से जुड़ी दुविधा और हस्तक्षेप के आरोपों को जन्म देता है, जबकि भारत-विरोधी प्रदर्शन सद्भावना को कमज़ोर करते हुए गंगा जल संधि जैसी अहम वार्ताओं को जटिल बना रहे हैं।
- आर्थिक प्रभाव: राजनीतिक अस्थिरता और भारत-विरोधी रुझान कनेक्टिविटी परियोजनाओं को जोखिम में डाल रहे हैं, जिससे भारत की नेबरहुड फर्स्ट और एक्ट ईस्ट नीति कमजोर हो सकती है।
- विमर्श/धारणा: धारणा के स्तर पर भारत को एक साम्राज्यवादी शक्ति के रूप में देखा जा रहा है, जिसने एक सत्तावादी शासन को सहारा दिया, जिससे भारत की छवि को नुकसान पहुँचा है।
बांग्लादेश
- परिचय: बांग्लादेश दक्षिण एशिया में स्थित एक देश है, जिसकी पश्चिम, उत्तर और उत्तर-पूर्व में भारत के साथ लंबी स्थलीय सीमाएँ हैं तथा दक्षिण-पूर्व में म्याँमार से इसकी सीमा लगती है। इसके दक्षिण में बंगाल की खाड़ी के साथ समुद्री तट भी है।
- नदी प्रणाली: बांग्लादेश मुख्य रूप से एक विशाल, निम्न-स्थित डेल्टा क्षेत्र है, जो पद्मा (गंगा), जमुना (ब्रह्मपुत्र) और मेघना नदियों द्वारा निर्मित हुआ है।
- पद्मा, जमुना और मेघना नदियों तथा उनकी सहायक नदियों से बने उपजाऊ बाढ़ के मैदान देश की लगभग 80 प्रतिशत भूमि में फैले हुए हैं।
- जैव विविधता: सुंदरबन—विश्व का सबसे बड़ा ज्वारीय मैंग्रोव वन—एक महत्त्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र है और यहाँ लुप्तप्राय बंगाल टाइगर निवास करता है।
- सेंट मार्टिन द्वीप देश का एकमात्र प्रवाल समुद्री द्वीप है और इसे मरीन पार्क के रूप में संरक्षित किया गया है, जहाँ लुप्तप्राय कछुए और अनोखी प्रवाल प्रजातियाँ निवास करती हैं।
आज तक भारत-बांग्लादेश संबंधों की स्थिति कैसी रही है?
- राजनीतिक और कूटनीतिक संबंध: बांग्लादेश भारत की विदेश नीति का एक केंद्रीय स्तंभ है, जो नेबरहुड फर्स्ट नीति, एक्ट ईस्ट नीति 2014 और इंडो-पैसिफिक नीतियों का संबंध बिंदु के रूप में कार्य करता है।
- दोनों देश सार्क, बिम्सटेक, BBIN और इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (IORA) जैसे क्षेत्रीय समूहों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं ताकि कूटनीतिक तनावों को प्रबंधित और कम किया जा सके।
- सीमा और समुद्री समाधान: वर्ष 2015 का लैंड बॉउंड्री एग्रीमेंट और समुद्री सीमा निर्धारण शांतिपूर्ण समाधान के रूप में आवश्यक माने जाते हैं, जो द्विपक्षीय संबंधों में स्थिरता और सद्भाव बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं।
- मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी:
- रेलमार्ग: 1965 से पहले के 6 पार-सीमा रेल मार्गों का पुनर्विकास, 3 यात्री ट्रेनों का संचालन (अस्थायी रूप से निलंबित), रेलवे वैगनों की आपूर्ति, भारत के पूर्वोत्तर को जोड़ने के लिये महत्त्वपूर्ण।
- सड़कें: मुख्य शहरों को जोड़ने वाले 5 सक्रिय बस मार्ग।
- आंतरिक जलमार्ग: वर्ष 1972 से इनलैंड वाटरवेज ट्रेड एंड ट्रांजिट (PIWTT) प्रोटोकॉल, जिसमें क्रूज सेवाएँ और नए मार्ग शामिल हैं।
- बंदरगाह: भारत के पूर्वोत्तर के लिये भारतीय ट्रांज़िट कार्गो हेतु चटगाँव और मोंगला बंदरगाहों का उपयोग।
- अवसंरचना: इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (ICPs) का एक नेटवर्क है और इसके और निर्माण की योजना बनाई गई है।
- आर्थिक सहयोग: बांग्लादेश, दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार का मूल्य 14.01 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
- डॉलर निर्भरता कम करने के लिये द्विपक्षीय व्यापार को भारतीय रुपये में निपटाने की एक व्यवस्था शुरू की गई है।
- विद्युत और ऊर्जा सहयोग: बांग्लादेश भारत से 1,160 मेगावाट विद्युत आयात करता है। भारत की सहायता से निर्मित मैत्री सुपर थर्मल पावर प्लांट (1,320 मेगावाट) इस सहयोग का एक प्रमुख उदाहरण है।
- इसके अतिरिक्त हाई-स्पीड डीज़ल के लिये भारत–बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन स्थापित की गई है तथा भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSUs) तेल अन्वेषण और आपूर्ति में भी संलग्न हैं।
- विकासात्मक साझेदारी: भारत ने सड़कों, रेलवे, बंदरगाहों जैसी अवसंरचना परियोजनाओं के लिये लगभग 8 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य की 3 लाइन ऑफ क्रेडिट (LoC) प्रदान की हैं, साथ ही रक्षा क्षेत्र के लिये समर्पित 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर की एक डिफेंस LoC भी दी गई है।
- इसके अतिरिक्त अखौरा–अगरतला रेल संपर्क और ड्रेजिंग जैसी विशिष्ट परियोजनाओं के लिये अनुदान सहायता प्रदान की गई है।
- प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण: वर्ष 2014 से अब तक भारत की संस्थाओं में 7,000 से अधिक बांग्लादेशी सिविल सेवकों और 1,250 न्यायिक अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। इसके अलावा, लगभग 1,350 रक्षा कर्मियों को भी भारत में प्रशिक्षित किया गया है।
भारत और बांग्लादेश अपने द्विपक्षीय संबंधों को कैसे सुदृढ़ कर सकते हैं?
- संस्थागत संकट प्रबंधन: भारत–बांग्लादेश राजनीतिक संकट प्रतिक्रिया तंत्र की औपचारिक स्थापना की जाए, जिसमें एक वरिष्ठ दूत और विदेश मंत्रालय का समर्पित चैनल शामिल हो, ताकि संभावित दुष्प्रभावों का त्वरित प्रबंधन, तनाव की वृद्धि को रोका जा सके तथा कूटनीतिक परिसंपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
- इसके अतिरिक्त, दोनों देशों में सुरक्षित वीज़ा संचालन और नागरिकों की सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित करने के लिये एक उच्च-स्तरीय वाणिज्यिक समन्वय प्रकोष्ठ स्थापित किया जाए।
- सरकारों से आगे बढ़कर सहभागिता: बांग्लादेश में सभी राजनीतिक दलों, नागरिक समाज, युवा समूहों, मीडिया और बौद्धिक वर्ग के साथ सक्रिय संवाद स्थापित किया जाए, ताकि किसी एक गुट का पक्ष लेने की धारणा न बने। ट्रैक 1.5 और ट्रैक-II संवादों को सुदृढ़ किया जाए, जिससे संकट संबंधी धारणाओं को संबोधित किया जा सके, गलत सूचना का प्रतिकार हो और सॉफ्ट ब्रिज का निर्माण किया जा सके।
- शेख हसीना को शरण देने के संदर्भ में पारदर्शी और सुसंगत नैरेटिव बनाए रखा जाए तथा इसे स्पष्ट रूप से मानवीय एवं सभ्यतागत पहल के रूप में प्रस्तुत किया जाए, न कि राजनीतिक संरक्षण के रूप में।
- पारदर्शी जल कूटनीति: गंगा जल संधि के नवीनीकरण पर वर्ष 2026 की समय-सीमा से काफी पहले तकनीकी और राजनीतिक चर्चाएँ शुरू की जाएँ। अन्य साझा नदियों (जैसे तीस्ता) पर घाटी-स्तरीय प्रबंधन दृष्टिकोण अपनाया जाए, जिसमें संयुक्त हाइड्रोलॉजिकल मॉडल और डेटा साझा करने की व्यवस्था शामिल हो, ताकि परस्पर विश्वास को सुदृढ़ किया जा सके।
- नई पीढ़ी के लिये 1971 की भावना का संवर्धन: जन-केंद्रित सांस्कृतिक पहलों जैसे संयुक्त स्मरणोत्सव, राहत प्रयास और मानवीय परियोजनाएँ को बढ़ावा दिया जाए, ताकि राजनीतिक पक्षपात के बिना भारत–बांग्लादेश के सांस्कृतिक संबंधों को उजागर किया जा सके।
- सकारात्मक विकल्प प्रस्तुत करना: रणनीतिक प्रतिस्पर्द्धा का मुकाबला विशेषाधिकार की मांग करके नहीं, बल्कि अन्य बाहरी पक्षों की तुलना में अधिक आकर्षक, पारदर्शी और तेज़ी से क्रियान्वित होने वाली साझेदारियाँ प्रदान करके किया जाए विशेष रूप से अवसंरचना तथा विकास परियोजनाओं में।
- सुरक्षा समन्वय को सुदृढ़ करना: BSF और बांग्लादेश की सीमा सुरक्षा बलों के बीच रियल-टाइम सीमा सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किये जाएँ, साथ ही संयुक्त हॉटलाइन स्थापित की जाए, ताकि 2025 में भारत–बांग्लादेश सीमा पर रिकॉर्ड स्तर की घुसपैठ की कोशिशों के बीच सीमापार घुसपैठ और गलत आकलनों को रोका जा सके।
निष्कर्ष
भारत–बांग्लादेश संबंध संवेदनशील और निर्णायक दौर से गुजर रहे हैं, जिन्हें राजनीतिक पुनर्संयोजन, युवा राष्ट्रवाद तथा बाह्य प्रभाव आकार दे रहे हैं। इन संबंधों को पुनर्जीवित करने के लिये सक्रिय कूटनीति, सुदृढ़ संपर्कता, पारदर्शी संसाधन प्रबंधन तथा नागरिक समाज के साथ सहभागिता आवश्यक है। मानवीय सरोकारों और रणनीतिक हितों के बीच संतुलन स्थापित कर भारत न केवल अपना प्रभाव बनाए रख सकता है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करते हुए पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारियों को भी प्रोत्साहित कर सकता है।
|
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. ढाका में हाल के राजनीतिक परिवर्तनों के परिप्रेक्ष्य में भारत–बांग्लादेश द्विपक्षीय संबंधों को पुनर्जीवित करने में आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा कीजिये। |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. 2024 के बाद बांग्लादेश में ऐसा कौन-सा रणनीतिक बदलाव हुआ जिसने भारत के लिये चुनौतियाँ उत्पन्न कीं?
अगस्त 2024 में भारत-समर्थक अवामी लीग सरकार के पतन से राजनीतिक अस्थिरता, इस्लामवादी ताकतों का उभार तथा चीन और पाकिस्तान के बढ़ते बाहरी प्रभाव की स्थिति उत्पन्न हुई।
2. भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' और 'एक्ट ईस्ट' नीतियों के लिये बांग्लादेश क्यों महत्त्वपूर्ण है?
बांग्लादेश भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के लिये रणनीतिक संपर्क उपलब्ध कराता है, बंदरगाहों तक पहुँच, ऊर्जा सहयोग प्रदान करता है और दक्षिण-पूर्व एशिया के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है।
3. सुंदरबन क्या हैं?
सुंदरबन विश्व का सबसे बड़ा ज्वारीय मैंग्रोव वन है, जो भारत के दक्षिणी पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में फैला हुआ है। यह रॉयल बंगाल टाइगर का आवास है और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
प्रिलिम्स
प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)
- पिछले दशक में भारत-श्रीलंका व्यापार के मूल्य में सतत वृद्धि हुई है।
- भारत और बांग्लादेश के बीच होने वाले व्यापार में ‘कपड़े और कपड़े से बनी चीज़ों’ का व्यापार प्रमुख है।
- पिछले पाँच वर्षों में दक्षिण एशिया में भारत के व्यापार का सबसे बड़ा भागीदार नेपाल रहा है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: (b)
प्रश्न. तीस्ता नदी के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
1- तीस्ता नदी का उद्गम वही है जो ब्रह्मपुत्र का है लेकिन यह सिक्किम से होकर बहती है।
2- रंगीत नदी की उत्पत्ति सिक्किम में होती है और यह तीस्ता नदी की एक सहायक नदी है।
3- तीस्ता नदी, भारत एवं बांग्लादेश की सीमा पर बंगाल की खाड़ी में जा मिलती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: (b)
मेन्स
प्रश्न. आंतरिक सुरक्षा खतरों तथा नियंत्रण रेखा सहित म्याँमार, बांग्लादेश और पाकिस्तान सीमाओं पर सीमा-पार अपराधों का विश्लेषण कीजिये। विभिन्न सुरक्षा बलों द्वारा इस संदर्भ में निभाई गई भूमिका की विवेचना भी कीजिये। (2020)
