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भारतीय अर्थव्यवस्था

संबंधित पार्टी लेन-देन

  • 16 Jul 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में इंडिगो एयरलाइंस के एक प्रमोटर ने अन्य प्रमोटर पर संबंधित पार्टी लेन-देन (Related Party Transactions-RPT) की अनियमितता का आरोप लगाया है। उल्लेखनीय है कि RPT से संबंधित विवाद भारत के उद्यम क्षेत्र में अक्सर सामने आते रहते हैं।

क्या होता है संबंधित पार्टी लेन-देन या रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शन?

  • संबंधित पार्टी लेन-देन (Related Party Transactions-RPT) का अभिप्राय उन लेन-देनों से होता है जो कंपनी द्वारा स्वयं से ही संबंधित किसी पार्टी के साथ किये जाते हैं।
  • उदाहरण के लिये, यदि कोई कंपनी A अपने निदेशक Mr. X से कुछ सामान या सेवाएँ खरीदती है तो इसे हम RPT या रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शन कहेंगे।
  • इसी प्रकार यदि कंपनी A, Mr. Y (जोकि Mr. X के संबंधी हैं) से कोई सामान या सेवा खरीदती है या उधार लेती है तो भी इसे RPT ही कहा जाएगा।

संबंधित पार्टी/पक्ष (Related Party) का अर्थ:

  • कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2(76) के अनुसार संबंधित पार्टी में कंपनी के निम्न पक्षों को शामिल किया जाता है:
    • कंपनी का निदेशक या उसके रिश्तेदार
    • मुख्य प्रबंधक या उसके रिश्तेदार
    • ऐसी फर्म जिसमें निदेशक या मुख्य प्रबंधक सदस्य हो
    • ऐसा व्यक्ति जो कंपनी के प्रबंधन को प्रभावित करने की क्षमता रखता हो

RPT से संबंधित जोखिम

  • RPT से जुड़ा एक बड़ा जोखिम यह है कि इसका प्रयोग रिलेटेड पार्टी को अनुचित फायदा पहुँचाने के लिये किया जा सकता है, जिससे कंपनी के शेयरधारकों के हितों को नुकसान पहुँच सकता है।
  • उदाहरण के लिये, यदि कंपनी A, Mr. Y (जोकि कंपनी के निदेशक Mr. X के रिश्तेदार हैं) से कार्यालय परिसर को उधार पर लेती है और Mr. X के कहने पर इस परिसर के लिये Mr. Y को बाज़ार मूल्य से अधिक का भुगतान किया जाता है, जिससे Mr. Y का फायदा होता है तो यह अप्रत्यक्ष रूप से कंपनी का नुकसान होगा तथा Mr. X यानि कंपनी के निदेशक का फायदा।
  • परंतु, यह आवश्यक नहीं है कि सभी मामलों में RPT जोखिमयुक्त ही हो। कभी-कभी RPT कंपनी की लेन-देन लागतों को सुरक्षित रखने और उसकी परिचालन दक्षता में सुधार करने में भी लाभकारी भूमिका निभाता है। इसी कारणवश कंपनी अधिनियम में इसे प्रतिबंधित नहीं किया गया है। हालाँकि कंपनी अधिनियम में इसके लिये कुछ सुरक्षा उपायों का निर्धारण किया गया है।

कंपनी अधिनियम द्वारा निर्धारित सुरक्षा उपाय:

  • किसी भी रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शन को पूरा करने के लिये कंपनी के निदेशक मंडल (Board of Directors) और अंकेक्षक समिति (Audit Committee) से मंज़ूरी लेना आवश्यक होता है।
  • यदि इस प्रकार के ट्रांजेक्शन का मूल्य एक निर्धारित सीमा से अधिक होता है तो इसके लिये कंपनी के शेयरधारकों द्वारा कंपनी की आम सभा में बहुमत से एक विशेष प्रस्ताव पारित किया जाता है।
  • यदि कंपनी अधिनियम के उपरोक्त नियमों का उल्लंघन होता है तो उस ट्रांजेक्शन को अवैद्य करार दिया जा सकता है और उल्लंघनकर्त्ता को दंडित भी किया जा सकता है।

RPT का महत्त्व

  • एक कंपनी में कंपनी के प्रवर्तक, निदेशक और अन्य कर्मचारियों के अतिरिक्त कई शेयरधारक शामिल होते हैं जिन्होंने अपना-अपना पैसा कंपनी में निवेश किया होता है और उनके हितों की रक्षा करना कंपनी का दायित्व होता है। परंतु, इस प्रकार के ट्रांजेक्शन से मुख्यतः कंपनी के शेयरधारियों को अप्रत्यक्ष हानि होती है और इसलिये ये ट्रांजेक्शन काफी महत्त्वपूर्ण हो जाते हैं।

स्रोत: द हिंदू (बिज़नेस लाइन)

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