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Rapid Fire करेंट अफेयर्स (22 April)

  • 22 Apr 2019
  • 6 min read
  • केंद्र सरकार केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की जमीन और सरकार द्वारा चिह्नित 'शत्रु संपत्ति' की बिक्री कर उससे धन जुटाने के लिये रीयल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (REET) जैसे विकल्प पर विचार कर रही है। रीट बाज़ार नियामक सेबी द्वारा नियंत्रित रीयल एस्टेट क्षेत्र में निवेश का एक साधन है। प्रतिभूतिकरण के रीट मॉडल के तहत ज़जमीन को एक ट्रस्ट को स्थानांतरित किया जाएगा जिसमें संस्थागत निवेशकों के लिये निवेश का अवसर होगा। अचल शत्रु संपत्ति के मौद्रीकरण के लिये भी रीट विकल्प पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य विकल्पों में भूमि संपत्ति की एकमुश्त बिक्री या पट्टे पर देना भी शामिल है। ज्ञातव्य है कि सेबी ने 2014 में रीट के दिशा-निर्देश अधिसूचित किये थे। शत्रु संपत्ति से तात्पर्य उन परिसंपत्तियों से है जो उन लोगों द्वारा छोड़ी गईं जो पाकिस्तान या चीन चले गए हैं और अब भारत के नागरिक नहीं हैं।
  • दवा की दुकानों पर लिखे दिखाई देने वाले शब्द 'केमिस्ट' और 'ड्रगिस्ट' (Chemist & Druggist) जल्दी ही गुज़रे ज़माने की बात हो जाएंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इनके स्थान पर 'फार्मेसी' (Pharmacy) शब्द इस्तेमाल करने का फैसला किया है। इन नामों को बदलने के लिये फार्मा उद्योग जगत लंबे समय से मांग करता आ रहा था। केमिस्ट और ड्रगिस्ट शब्दों की उत्पत्ति लगभग सात दशक पहले हुई थी और वर्तमान परिदृश्य में इसकी प्रासंगिकता नहीं रह गई है। अब दवा बेचने वाली मेडिकल शॉप ‘फार्मेसी’ के नाम से पहचानी जाएगी, जो कि अंतर्राष्ट्रीय चलन के अनुरूप है। इसके लिये ड्रग्स तकनीकी सलाहकार बोर्ड (DTAB) नियम 65(15)(b) और 65(15)(c) में संशोधन करेगा ताकि मेडिकल शॉप्स को सिर्फ ‘फार्मेसी ’कहा जा सके।
  • नासा के कैसिनी अंतरिक्ष यान से जुटाए गए डेटा की मदद से वैज्ञानिकों को यह जानकारी मिली है कि शनि के सबसे बड़े चंद्रमा टाइटन पर मीथेन की 100 मीटर से ज़्यादा गहरी और छोटी झीलें हैं। टाइटन हमारे सौरमंडल में पृथ्वी के अलावा दूसरा ऐसा खगोलीय पिंड है जिसकी सतह पर तरल मिलने की पुष्टि हुई है। टाइटन पर भी पृथ्वी की तरह एक हाइड्रोलॉजिकल चक्र चलता है, अंतर केवल इतना है कि पृथ्वी पर यह चक्र पानी के साथ चलता है, जिसमें समुद्र से पानी वाष्पित होता है, बादल बनते हैं और फिर वर्षा हो जाती है। टाइटन पर यह चक्र मीथेन और ईथेन के साथ पूरा होता है। पृथ्वी पर आमतौर पर मीथेन और ईथेन जैसे हाइड्रोकार्बन को गैस माना जाता है तथा उच्च दबाव में किसी टैंक में भरने पर ही इन्हें तरल में बदलना संभव हो पाता है, लेकिन टाइटन पर तापमान इतना कम है कि मीथेन और ईथेन जैसे हाइड्रोकार्बन वहाँ तरल रूप में ही रहते हैं। ज्ञातव्य है कि इससे पहले कैसिनी ने टाइटन के दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित बड़ी झील ओंटारियो लेकस का अध्ययन किया था।
  • नासा के एक अध्ययन में उपग्रह के ज़रिये किये गए आकलन ने उन आँकड़ों की पुष्टि की है जिनसे पता चला है कि पिछले 15 साल में पृथ्वी की सतह गरम हुई है। नासा के शोधार्थियों ने 2003 से 2007 तक उपग्रह आधारित ऐटमॉसफेरिक इन्फ्रा रेड साउन्डर (AIRS) नामक इन्फ्रारेड मेजरमेंट सिस्टम के ज़रिये प्राप्त पृथ्वी के तापमान का आकलन किया। अध्ययन दल ने इन आँकड़ों का गोडार्ड इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस स्टडीज़ सरफेस टेंपरेचर एनालिसिस से मिलान किया। इसमें पिछले 15 वर्षों में दोनों डेटा संग्रह के बीच काफी समानता देखने को मिली। डेटा के दोनों सेटों के मिलान से पता चला कि पृथ्वी की सतह इस अवधि में गरम हुई और क्रमशः 2016, 2017 और 2015 सबसे गरम वर्ष रहे।
  • वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में हीलियम हाइड्राइड आयन को खोज निकाला है, जिसके बारे में माना जाता है कि ब्रह्मांड के विकास क्रम में सबसे पहला अणु यही बना था। इसी ने आगे चलकर आणविक हाइड्रोजन के निर्माण का रास्ता खोला और ब्रह्मांड वर्तमान स्वरूप में आया। वैज्ञानिकों का कहना है कि बिग बैंग के बाद जिस रासायनिक क्रिया को ब्रह्मांड के वर्तमान स्वरूप की नींव माना जाता है, यह उसका पहला प्रमाण है। फ्लाइंग ऑब्जर्वेटरी 'सोफिया' पर स्थापित फार इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर 'ग्रेट' की मदद से वैज्ञानिकों को एक ग्रह के निकट गैसीय बादल (Nebula) NCG 7027 में इस आयन का प्रमाण मिला है।
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