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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

अंतरिक्ष में नए अग्निशामक यंत्र का उपयोग

  • 23 Apr 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में उपयोग हेतु एक नए अग्निशामक यंत्र (Novel Fire Extinguisher) को विकसित किया है। जो फ्लेम/लौ के साथ-साथ जले हुए पदार्थों को भी सोख लेगा।

प्रमुख बिंदु

  • इस विधि में वैक्यूम एक्सटिंग्विश मेथड (Vacuum Extinguish Method- VEM) का उपयोग किया गया है।
  • वैक्यूम एक्सटिंग्विश मेथड को जापान में टोयोहाशी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (Toyohashi University of Technology) के शोधकर्त्ताओं द्वारा डिज़ाइन किया गया है।
  • यह विधि वर्तमान में व्यापक रूप से उपयोग किये जाने वाले अग्निशामक यंत्रों के पूरी तरह से ‘रिवर्स’ ऑपरेशन पर आधारित है।
  • VEM दहनशील उत्पादों और वैक्यूम के साथ लौ को सोखने पर आधारित है, इन्हें अलग करने के लिये एक वैक्यूम कंटेनर में इकट्ठा किया जाता है।
  • यह रिवर्स कॉन्सेप्ट विशेष रूप से बंद परिवेश वाले वातावरण जैसे कि अंतरिक्ष वाहन और पनडुब्बी में होता है, के हानिकारक दहन वाले उत्पादों जैसे-धुआँ, कणिका पदार्थ/पार्टिकुलेट मैटर, ज़हरीली गैसों के घटक को फैलने से रोकने के लिये उपयुक्त हो सकता है।
  • यह विशेष रूप से अंतरिक्ष उपयोग के लिये लाभप्रद है, क्योंकि यह एक अत्यधिक वैक्यूम वाले वातावरण के लिये ज़्यादा बेहतर है।
  • वर्तमान में अमेरिका, जापान, यूरोप और रूस में अंतरिक्षयान या अंतरिक्ष स्टेशनों में प्रयुक्त अग्निशामक मुख्यतः CO2-स्प्रेयिंग गैस एक्सटिंग्विशर्स हैं, हालाँकि पानी की धुंध/कोहरे को भी आंशिक रूप से एक विकल्प के रूप में माना जाता है।

CO2-स्प्रेयिंग गैस एक्सटिंग्विशर्स (CO2-spraying gas extinguishers)

  • वर्तमान में पृथ्वी पर बिजली से लगी आग को बुझाने के लिये ज़्यादातर CO2-स्प्रेयिंग गैस एक्सटिंग्विशर्स (CO2-spraying gas extinguishers) का इस्तेमाल किया जाता है।
  • हालाँकि केबिन के अंदर सीमित क्षेत्र तथा CO2 की सांद्रता में वृद्धि के कारण एक्सटिंग्विशर्स की छिड़काव प्रक्रिया अंतरिक्ष-पर्यावरण के लिये सबसे अच्छा विकल्प नहीं है।
  • इसलिये बुझाने की प्रक्रिया को निष्पादित करने से पहले O2 मास्क पहनना आवश्यक है, जो कार्रवाई में देरी का कारण बनता है और आग को बढ़ने देता है।
  • इसके अलावा जब CO2 गैस का छिड़काव फायरिंग ज़ोन में किया जाता है तो हानिकारक दहनशील उत्पादों के साथ-साथ CO2 गैस पूरे केबिन में फैल जाती है।
  • अंततः हानिकारक गैस घटकों यहाँ तक कि CO2 को अंततः एयर-रीसर्क्युलेशन प्रक्रिया air-recirculation procedure द्वारा फ़िल्टर किया जाता है जिसमें अधिक समय लगता है और मिशन में देरी होती है।

निष्कर्ष

भविष्य में दीर्घकालिक अंतरिक्ष मिशन की संभावनाएँ हैं जिसमें आग लगने की घटना में नए अग्निशामक यंत्र CO2 गैस की छिड़काव प्रक्रिया की अपेक्षा एक प्रभावी उपकरण के रूप में देखा जा रहा है जो अग्नि सुरक्षा रणनीति पर बेहतर कार्य कर सकता है।

स्रोत- बिज़नेस स्टैंडर्ड्स

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