इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


जैव विविधता और पर्यावरण

राजस्थान का मेनार पक्षी गाँव बनेगा आर्द्रभूमि

  • 27 Jun 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

भारत में आर्द्रभूमि, आर्द्रभूमि। 

मेन्स के लिये:

आर्द्रभूमि का महत्त्व रामसर लिस्टिंग का महत्त्व। 

चर्चा में क्यों? 

विभिन्न संरक्षण प्रयासों के बाद "पक्षी गाँव" के रूप में मान्यता प्राप्त उदयपुर ज़िले के मेनार गाँव को राजस्थान की नई आर्द्रभूमि के रूप में अधिसूचित किया जाना तय किया गया है। 

  • इससे मेवाड़ क्षेत्र के इस ग्रामीण क्षेत्र को रामसर स्थल का दर्जा मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा। 

आर्द्रभूमि तथा इसका महत्त्व: 

  • आर्द्रभूमि: 
    • आर्द्रभूमियांँ पानी में स्थित मौसमी या स्थायी पारिस्थितिक तंत्र हैं। इनमें मैंग्रोव, दलदल, नदियाँ, झीलें, डेल्टा, बाढ़ के मैदान और बाढ़ के जंगल, चावल के खेत, प्रवाल भित्तियाँ, समुद्री क्षेत्र (6 मीटर से कम ऊँचे ज्वार वाले स्थान) के अलावा मानव निर्मित आर्द्रभूमि जैसे- अपशिष्ट जल उपचार तालाब एवं जलाशय आदि शामिल होते हैं। 
  • महत्त्व: 
    • आर्द्रभूमियांँ हमारे प्राकृतिक पर्यावरण का महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये बाढ़ की घटनाओं में कमी लाती हैं, तटीय इलाकों की रक्षा करती हैं, साथ ही प्रदूषकों को अवशोषित कर पानी की गुणवत्ता में सुधार करती हैं। 
    • आर्द्रभूमि मानव और पृथ्वी के लिये महत्त्वपूर्ण हैं। 1 बिलियन से अधिक लोग जीवन-यापन के लिये उन पर निर्भर हैं और दुनिया की 40% प्रजातियाँ आर्द्रभूमि में रहती हैं तथा प्रजनन करती हैं। 
    • ये भोजन, कच्चे माल, दवाओं के लिये आनुवंशिक संसाधनों और जलविद्युत के महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं। 
    • भूमि आधारित कार्बन का 30% पीटलैंड (एक प्रकार की आर्द्रभूमि) में संग्रहीत है। 
    • ये परिवहन, पर्यटन और लोगों के सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक कल्याण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। 
    • कई आर्द्रभूमियाँ प्राकृतिक सुंदरता के क्षेत्र हैं और आदिवासी लोगों के लिये महत्त्वपूर्ण हैं। 

मेनार वेटलैंड की मुख्य विशेषताएंँ: 

  • मेनार वेटलैंड के बारे में: 
    • मेनार गाँव की दो झीलें- ब्रह्मा और धंध हर वर्ष बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों की मेज़बानी करती हैं। 
      • वन विभाग ने मेनार को आर्द्रभूमि के रूप में अधिसूचित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो तलछट और पोषक तत्त्वों के भंडारण में इसकी भूमिका को पहचानेगी तथा संबंधित झीलों के संरक्षण में स्थानीय अधिकारियों को मदद करेगी। 
    • आर्द्रभूमि की स्थिति के साथ जलीय पौधों को बढ़ाने और जैवविविधता की रक्षा के लिये दो झीलों को मज़बूत किया जाएगा। 
  • निवास करने वाली स्पीशीज़: 
    • सर्दियों के मौसम में दोनों झीलों में स्थानीय और प्रवासी पक्षियों की 150 से अधिक प्रजातियांँ निवास करती हैं। 
      • इनमें ग्रेटर फ्लेमिंगो, व्हाइट-टेल्ड लैपविंग, पेलिकन, मार्श हैरियर, बार-हेडेड गूज, कॉमन टील, ग्रीनशैंक, पिंटेल, वैग्टेल, ग्रीन सैंडपाइपर और रेड-वॉटल्ड लैपविंग शामिल हैं। 
  • अन्य रामसर स्थल: 
    • वर्तमान में राजस्थान में रामसर स्थलों के रूप में मान्यता प्राप्त दो आर्द्रभूमि हैं- 

रामसर सूची का महत्त्व: 

  • यह एक ISO (International Organization for Standardization) सर्टिफिकेशन की तरह है। किसी भी स्थल को इस सूची से हटाया भी जा सकता है  यदि यह लगातार उनके मानकों को पूरा नहीं करता है। यह उस मूल्यवान वस्तु की तरह है जिसकी एक लागत तो है पर उस लागत का भुगतान तभी किया जा सकता है जब उस वस्तु की ब्रांड वैल्यू हो। 
  • रामसर टैग किसी भी स्थल की मज़बूत सुरक्षा व्यवस्था पर निर्भर करता है और अतिक्रमण के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। 
  • पक्षियों की कई प्रजातियाँ यहाँ प्रवेश करने के दौरान हिमालय क्षेत्र में जाने से बचना पसंद करती हैं और इसके बजाय गुजरात और राजस्थान के माध्यम से भारतीय उपमहाद्वीप में प्रवेश करने के लिये अफगानिस्तान व पाकिस्तान से गुज़रने वाले मार्ग का चयन करती हैं। इस प्रकार गुजरात कई अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी प्रजातियों जैसे- बतख, वेडर, प्लोवर, टर्न, गल आदि व शोरबर्ड के साथ-साथ शिकारी पक्षियों का पहला ‘लैंडिंग पॉइंट’ बन गया है। 
  • भारत में आर्द्रभूमि सर्दियों के दौरान प्रवासी पक्षियों के लिये चारागाह और विश्राम स्थल के रूप में कार्य करती है। 

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs): 

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: 

  1. रामसर सम्मेलन के अनुसार, भारत के राज्यक्षेत्र में सभी आर्द्रभूमियों को बचाना और संरक्षित रखना भारत सरकार के लिये अधिदेशात्मक है। 
  2. आर्द्रभूमि (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2010, भारत सरकार ने रामसर सम्मेलन की संस्तुतियों के आधार पर बनाए थे। 
  3. आर्द्रभूमि (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2010, आर्द्रभूमियों के अपवाह क्षेत्र या जलग्रहण क्षेत्रों को भी सम्मिलित करते हैं, जैसा कि प्राधिकार द्वारा निर्धारित किया गया है।।। 

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? 

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 2 और 3 
(c) केवल 3 
(d) 1, 2 और 3 

उत्तर: C 

स्रोत: द हिंदू 

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow