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भारतीय अर्थव्यवस्था

नमक क्षेत्र संकट

  • 27 Jun 2022
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

सेंधा नमक खनन, रण सरोवर, न्यूनतम समर्थन मूल्य 

मेन्स के लिये:

नमक क्षेत्र का संकट, नमक उद्योग के विकास में सरकार की भूमिका 

चर्चा में क्यों? 

नमक उद्योग को मांग को पूरा करने और नमक किसानों एवं श्रमिकों के सामने आने वाले संकट से निपटने में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। 

  • न्यूनतम समर्थन मूल्य न होने से जहांँ किसान कम कीमतों का सामना कर रहे हैं, वहीं मज़दूरी और सामाजिक सुरक्षा की उचित व्यवस्था नहीं होने से श्रमिक भी संकट में हैं। 

नमक क्षेत्र की स्थिति:  

  • भारत: 
    • अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में नमक के उत्पादन में भारत तीसरे स्थान पर है। 
    • समुद्री नमक देश के कुल नमक उत्पादन का लगभग 70% है। 
    • नमक निर्माण गतिविधियाँ गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गोवा के तटीय राज्यों और राजस्थान के भीतरी इलाकोंं में की जाती हैं। 
      • गुजरात में प्रतिवर्ष लगभग 28.5 मिलियन टन नमक का उत्पादन होता है, जो देश के कुल उत्पादन का 80% से अधिक है। 
  • विश्व: 
    • दुनिया भर में नमक का उत्पादन वर्तमान में 200 मिलियन टन है और इसमें तेज़ी से वृद्धि हो रही है। 
    • दुनिया भर के उद्योग न केवल उपभोग के लिये बल्कि अखाद्य और औद्योगिक उद्देश्यों के लिये भी बड़ी मात्रा में नमक का उत्पादन करते हैं। 

उत्पादन विधि: 

  • सौर वाष्पीकरण विधि: 
    • सौर नमक उत्पादन आमतौर पर उथले तालाबों में खारे जल का संचयन है जहांँ सूर्य अधिकांश जल को वाष्पित करता है। 
  • रॉक साॅल्ट खनन विधि: 
    • नमक प्राचीन भूमिगत समुद्र तल में जमा के रूप में मौजूद है, जो हज़ारों वर्षों में विवर्तनिक परिवर्तनों के माध्यम से दब गया। कई नमक खदानें खनन के "कमरे और स्तंभ (Room and Pillar)" प्रणाली का उपयोग करती हैं।  
      • शाफ्ट को खदान के तल पर नीचे डुबो दिया जाता है और कमरे को शाफ्ट के बीच ड्रिलिंग, काटने और ब्लास्टिंग द्वारा सावधानीपूर्वक बनाया जाता है, जिससे एक चेकरबोर्ड स्वरूप बनता है। 
      • नमक को हटाने और तोड़ने के बाद एक कन्वेयर बेल्ट द्वारा इसे सतह पर ले जाया जाता है। इस तरह से उत्पादित अधिकांश नमक का उपयोग रॉक साॅल्ट के रूप में किया जाता है। 
  • निर्वात वाष्पीकरण विधि: 
    • इसमें बड़े वाणिज्यिक बाष्पीकरणकर्त्ताओं, जिन्हें वैक्यूम पैन कहा जाता है, में भाप की गर्मी द्वारा नमकीन जल का वाष्पीकरण शामिल है। 
    • इस विधि से प्राप्त उच्च शुद्धता वाला नमक, जो कि बनावट में महीन होता है, मुख्य रूप से उन अनुप्रयोगों में उपयोग किया जाता है जिनमें उच्चतम गुणवत्ता वाले नमक की आवश्यकता होती है। 

नमक क्षेत्र का संकट: 

  • न्यूनतम समर्थन मूल्य: 
    • इंडियन सॉल्ट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) ने उद्योग और खान मंत्रालय द्वारा शासित उद्योग के रूप में अपनी वर्तमान स्थिति के बजाय कृषि मंत्रालय के तहत नमक उत्पादन को कृषि गतिविधि के रूप में वर्गीकृत करने की मांग की है। 
      • खनन से मुश्किल से 0.5% नमक पैदा होता है। 99.5% नमक या तो समुद्र के जल से या मृदा के नीचे के जल से बनता है और पूरी प्रक्रिया बीज, खेती एवं कटाई द्वारा की जाती है। 
      • बेमौसम वर्षा और बाढ़ के कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग बढ़ रही है। 
        • न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price-MSP) कृषि उत्पादकों को कृषि कीमतों में किसी भी तीव्र ह्रास या गिरावट कि स्थिति में बीमा के माध्यम से भारत सरकार द्वारा बाज़ार में हस्तक्षेप का एक रूप है। 
          • प्रमुख उद्देश्य किसानों को उनकी उपज के कम मूल्य की स्थिति में समर्थन देना और सार्वजनिक वितरण के लिये खाद्यान्न की खरीद करना है। 
  • मज़दूरी और सामाजिक सुरक्षा: 
    • कंपनियों ने सहकारी समितियों की जगह ले ली है और वे इन श्रमिकों की मज़दूरी और किसानों के उत्पादन का फैसला करती हैं। इनमें ज़्यादातर प्रवासी मज़दूर हैं। 
    • सहकारी क्षेत्र कमोबेश निष्क्रिय है। न्यूनतम मज़दूरी या सामाजिक सुरक्षा के बिना श्रमिक गंभीर स्वास्थ्य मुद्दों और आर्थिक संकट से गुज़र रहे हैं। 
      • मोरबी में एक पैकिंग यूनिट की दीवार गिरने से 12 मज़दूरों की मौत हो गई। 
      • इस क्षेत्र के 5,000 वर्ग किलोमीटर में मीठे पानी की झील के निर्माण की परियोजना (रण सरोवर) लगभग 50,000 लोगों को बेरोज़गार कर देगी।

नमक उद्योग के विकास में सरकार की भूमिका: 

  • नमक एक केंद्रीय विषय है जिसे संविधान की 7वीं अनुसूची की संघ सूची की मद संख्या 58 के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। यह एक खनन उद्योग के रूप में सूचीबद्ध है। 
    • भारत सरकार ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क और नमक अधिनियम, 1944 में नमक से संबंधित प्रावधानों को हटाकर नमक उद्योग को लाइसेंस मुक्त कर दिया है। 
  • नमक आयुक्त संगठन देश में नमक उद्योग के समग्र विकास और विकास में सहायक की भूमिका निभाता है। 
  • नमक उत्पादन के संबंध में सामान्य नियमों और विनियमों के साथ एक अलग नोडल एजेंसी की आवश्यकता है। पूरे देश के लिये एक समान नीति के साथ न्यूनतम मज़दूरी एवं सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिये। 

विगत वर्षों के प्रश्न: 

प्रश्न: निम्नलिखित में से किसने अप्रैल 1930 में नमक कानून तोड़ने के लिये तंजौर तट पर एक मार्च का आयोजन किया था? (2015)  

(a) वी.ओ. चिदंबरम पिल्लै 
(b) सी. राजगोपालाचारी 
(c) के. कामराज 
(d) एनी बेसेंट 

उत्तर: (b) 

  • दांडी मार्च की तर्ज पर वेदारण्यम नमक मार्च का नेतृत्व सी. राजगोपालाचारी ने त्रिचिनोपोली से तटीय शहर वेदारण्यम तक किया। 
  • राजगोपालाचारी और 150 से अधिक स्वयंसेवकों ने नमक कानून को दरकिनार करते हुए सीधे नमक एकत्र किया। जातिगत भेदभाव और खादी के उपयोग जैसे राष्ट्रीय मुद्दों पर जागरूकता इस मार्च का हिस्सा थी। 

अतः विकल्प (B) सही उत्तर है। 

स्रोत: द हिंदू 

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