जयपुर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 7 अक्तूबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

चीन के 17+1 से लिथुआनिया का इस्तीफा

  • 25 May 2021
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में लिथुआनिया ने मध्य और पूर्वी यूरोप के साथ चीन के 17+1 सहयोग मंच (17+1 Cooperation Forum) को "विभाजनकारी" कहकर छोड़ दिया, जिसके बाद इसका स्वरूप अब 16+1 हो गया है।

  • लिथुआनिया ने (बाल्टिक देश) अन्य यूरोपीय संघ (European Union) के सदस्यों से "चीन के साथ अधिक प्रभावी 27+1 दृष्टिकोण (27+1 Approach) अपनाने तथा संवाद जारी रखने’ का भी आग्रह किया है।

प्रमुख बिंदु

17+1 के विषय में:

  • गठन:
    • 17+1 (चीन और मध्य तथा पूर्वी यूरोप के देश) पहल चीन के नेतृत्व वाला एक प्रारूप है, जिसकी स्थापना वर्ष 2012 में बुडापेस्ट में बीजिंग एवं मध्य व पूर्वी यूरोप (Central and Eastern Europe- CEE) के सदस्य देशों के बीच सीईई क्षेत्र में निवेश और व्यापार पर सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से की गई थी।
  • सदस्य देश:
    • इस पहल में यूरोपीय संघ के  बारह सदस्य राज्य और पाँच बाल्कन राज्य (अल्बानिया, बोस्निया, हर्जेगोविना, बुल्गारिया, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, एस्टोनिया, ग्रीस, हंगरी, लातविया, लिथुआनिया, मैसेडोनिया, मोंटेनेग्रो, पोलैंड, रोमानिया, सर्बिया, स्लोवाकिया और स्लोवेनिया) शामिल हैं।
  • लक्ष्य और उद्देश्य:
    • यह सदस्य राज्यों में पुलों, मोटरमार्गों, रेलवे लाइनों और बंदरगाहों के आधुनिकीकरण जैसी बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं पर केंद्रित है।
    • इस मंच को चीन की बेल्ट एंड रोड पहल (Belt and Road initiative- BRI) के विस्तार के रूप में देखा जाता है।
      • भारत ने लगातार बीआरआई का विरोध किया है क्योंकि इसका एक प्रमुख हिस्सा पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर (PoK) से होकर गुज़रता है।

घटते संबंधों की पृष्ठभूमि:

  • 17+1 पहल पर चीन का पक्ष:
    • चीन का कहना है कि उसका उद्देश्य इस पहल के माध्यम से पश्चिमी यूरोपीय राज्यों की तुलना में कम विकसित यूरोपीय देशों के साथ अपने संबंधों को सुधारना है।
    • चीन और सीईई देशों के बीच व्यापार संबंध साधारण बने रहें, क्योंकि इसकी स्थापना के बाद से सीईई देशों का व्यापार घाटा बढ़ता जा रहा है।
  • बढ़ती दूरी:
    • वास्तविक निवेश की कमी का हवाला देते हुए 17+1 पहल के नौवें शिखर सम्मेलन को छोड़ने के चेक गणराज्य के राष्ट्रपति के फैसले ने बीजिंग और प्राग के बीच मतभेदों को प्रदर्शित किया था।
    • कुछ सीईई देशों ने वर्ष 2020 में बीआरआई कार्यक्रम में भाग लेने से इनकार कर दिया।
  • हुआवेई संतुलन:
    • कुछ सीईई देशों ने चीन के 5जी नेटवर्क विस्तार पर प्रतिबंध लगाने के लिये अमेरिका के साथ एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किये।

बाल्टिक देश

Estonia

  • बाल्टिक देशों में यूरोप का उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और बाल्टिक सागर के पूर्वी किनारे पर स्थित देश एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया शामिल हैं।
  • बाल्टिक देश पश्चिम और उत्तर में बाल्टिक सागर (Baltic Sea) से घिरे हुए हैं जिसके नाम पर क्षेत्र का नाम रखा गया है।
  • बाल्टिक क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध नहीं है। हालाँकि एस्टोनिया खनिज तेल उत्पादक है लेकिन इस क्षेत्र में खनिज और ऊर्जा संसाधनों का एक बड़ा हिस्सा आयात किया जाता है।
  • भारत और बाल्टिक देशों के बीच ऐतिहासिक संपर्क और भाषायी मूल की समानता (Common linguistic Roots) विद्यमान हैं। बाल्टिक देशों की अत्याधुनिक तकनीक और नवाचार परिवेश भारत के विशाल बाज़ार और इन तकनीकी आवश्यकता के पूरक हैं।

बाल्कन देश

The-Balkans

  • इस भौगोलिक शब्द का उपयोग दस संप्रभु राज्यों (अल्बानिया, बोस्निया, हर्जेगोविना, बुल्गारिया, क्रोएशिया, कोसोवो, मैसेडोनिया, मोंटेनेग्रो, रोमानिया, सर्बिया और स्लोवेनिया) के लिये किया जाता है।
  • इस क्षेत्र का नाम बाल्कन पर्वत पर पड़ा है जो दक्षिणी यूरोप में स्थित है।
  • इस क्षेत्र की अधिकांश आबादी दक्षिण स्लावों की है।
  • इस क्षेत्र में एक बहुत ही विविध जातीय-भाषायी परिदृश्य है। बल्गेरियाई, मैसेडोनियन और स्लोवेनियाई अपनी-अपनी स्लाव भाषा बोलते हैं, जबकि सर्बिया, क्रोएशिया, बोस्निया, हर्जेगोविना तथा मोंटेनेग्रो के स्लाव सभी सर्बो-क्रोएशियाई बोलियाँ बोलते हैं।

स्रोत: द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2