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इंडिया यंग वाटर प्रोफेशनल प्रोग्राम

  • 30 Nov 2021
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

इंडिया यंग वाटर प्रोफेशनल प्रोग्राम, राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना, जल जीवन मिशन

मेन्स के लिये:

इंडिया यंग वाटर प्रोफेशनल प्रोग्राम : उद्देश्य एवं महत्त्व

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा इंडिया यंग वाटर प्रोफेशनल प्रोग्राम (India Young Water Professional Programme) के पहले संस्करण की शुरुआत की गई।

  • यह कार्यक्रम ऑस्ट्रेलिया-भारत जल संबंधों में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भविष्य का जल नेतृत्वकर्त्ता तैयार करना है।

प्रमुख बिंदु

  • परिचय:
    • यह कार्यक्रम राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना के तहत शुरू किया गया है। इसे ऑस्ट्रेलिया-इंडिया वाटर सेंटर (ऑस्ट्रेलियाई और भारतीय विश्वविद्यालयों का एक संघ) द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा।
    • यह एंगेज़्ड ट्रेनिंग एंड लर्निंग मॉडल (Engaged Training and Learning Model) पर केंद्रित है। कार्यक्रम का लक्ष्य होगा 70-20-10 फ्रेमवर्क के माध्यम से अपने उद्देश्यों को प्राप्त करना, जिसमें कहा गया है कि सीखने के लिये तीन प्रकार के अनुभव की आवश्यकता होती है:
      • एक्सपीरिएंस 70% (नौकरी के लिये सीखना और विकास करना)
      • एक्सपोज़र 20% (दूसरों के माध्यम से सीखना और विकास करना)
      • एजुकेशन 10% (औपचारिक प्रशिक्षण के माध्यम से सीखना और विकास करना)
    • यह लैंगिक समानता और विविधता पर भी ध्यान केंद्रित करता है, क्योंकि स्थायी जल प्रबंधन का लाभ केवल समाज के सभी सदस्यों के विचारों और कौशल से प्राप्त हो सकता है।
    • यह परिणाम-संचालित है और जब तक ये कार्यक्रम पूर्ण हो जाएंगे तब तक प्रतिभागियों के पास कुछ उपकरण और तकनीकें होंगी। 
    • इस संस्करण की सफलता के आधार पर वर्ष 2022 के उत्तरार्द्ध में यंग वाटर प्रोफेशनल (YWP) के दूसरे चरण की योजना बनाई जाएगी।
  • उद्देश्य:
    • इसका उद्देश्य भारत में जल प्रबंधन सुधारों का समर्थन करने के लिये रणनीतिक और दीर्घकालिक निवेश के साथ क्षमता निर्माण हेतु एक संरचनात्मक मंच प्रदान करना है।
    • वाटर प्रोफेशनल्स को आवश्यक कौशल, ज्ञान, व्यवहार और नेटवर्क से सुसज्जित किया जाएगा जो उन्हें भारत में जल संसाधनों के विकास व प्रबंधन में योगदान करने और भारत में जल क्षेत्र की क्षमता संबंधी आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं को संबोधित करने में सक्षम बनाता है।
  • महत्त्व:
    • यह सतही जल बनाम भूजल के साइलो (Silos) को तोड़ने में मदद करेगा और जल संसाधन प्रबंधन के बारे में प्रतिभागी के व्यापक दृष्टिकोण को उपलब्ध कराएगा।
  • संबंधित पहलें:

राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना:

  • राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना के बारे में:
    • इसे वर्ष 2016 में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में शुरू किया गया था और यह विश्व बैंक द्वारा समर्थित है।
  • उद्देश्य:
    • जल संसाधनों की जानकारी की सीमा, विश्वसनीयता और पहुंँच में सुधार करना।
    • भारत में लक्षित जल संसाधन प्रबंधन संस्थानों की क्षमता को मज़बूत करना।
    • प्रभावी जल संसाधन विकास और कुशल प्रबंधन के लिये मार्ग प्रशस्त करने वाली विश्वसनीय जानकारी प्राप्त करने में सहायता प्रदान करना।
  • परियोजना लाभार्थी:
    • नदी बेसिन संगठनों सहित सतह और/या भूजल नियोजन एवं प्रबंधन के लिये ज़िम्मेदार केंद्रीय तथा राज्य कार्यान्वयन एजेंसियाँ।
    • विश्व भर तथा विभिन्न क्षेत्रों में ‘जल संसाधन सूचना प्रणाली’ (WRIS) के उपयोगकर्त्ता।
      • WRIS जल संसाधनों की वर्तमान स्थिति और जल सुरक्षा के समग्र लक्ष्य की दिशा में उनकी रुचि को आकर्षित कर प्रभावी प्रबंधन हेतु जनता एवं हितधारकों के बीच जागरूकता में वृद्धि सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।

स्रोत: पीआईबी

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