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भारतीय अर्थव्यवस्था

भारत का अक्षय ऊर्जा विज़न: IREDA

  • 19 Feb 2024
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

पेरिस समझौता, भारत का अक्षय ऊर्जा विज़न: IREDA, विश्व बैंक (WB), जलवायु परिवर्तन

मेन्स के लिये:

भारत का अक्षय ऊर्जा विज़न: IREDA, विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप एवं उनकी रूपरेखा तथा कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे

स्रोत: पी.आई.बी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्था लिमिटेड (IREDA) ने विश्व बैंक (WB) द्वारा आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार को संबोधित किया जिसमें भारत के अक्षय ऊर्जा परिदृश्य और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए जलवायु परिवर्तन से निपटने के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्यों पर प्रकाश डाला गया।

वेबिनार में IREDA के संबोधन से संबंधित प्रमुख बिंदु क्या हैं?

  • जलवायु लक्ष्यों की पूर्ति हेतु भारी निवेश:
    • वर्ष 2030 के लिये भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) अथवा पेरिस समझौते के तहत इसकी जलवायु संबंधी प्रतिज्ञाओं की पूर्ति के लिये 30 लाख करोड़ रुपए के निवेश की आवश्यकता होगी।
      • भारत के NDC लक्ष्यों के अनुसार भारत वर्ष 2005 के स्तर से वर्ष 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की उत्सर्जन तीव्रता को 45% तक कम करने और वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा स्रोतों से विद्युत उत्पादन की लगभग 50% संचयी स्थापित क्षमता हासिल करने के लिये प्रतिबद्ध है।
    • सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रोलाइज़र, पवन और बैटरी स्पेस, पावर ट्रांसमिशन, ग्रीन हाइड्रोजन, हाइड्रो पावर तथा अपशिष्ट-से-ऊर्जा क्षेत्रों में विनिर्माण एवं क्षमता विस्तार के लिये निवेश की आवश्यकता है।
  • रूफ टॉप सोलर क्षेत्र का उन्नयन:
    • IREDA ने वेबिनार में रूफ टॉप सोलर योजना "PM सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना" के महत्त्व पर प्रकाश डाला।
    • उक्त दूरदर्शी परियोजना में 75,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया गया है। जिसका लक्ष्य प्रत्येक माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करके 1 करोड़ घरों को सौर ऊर्जा से लैस करना है।
      • यह योजना लोगों को न केवल पर्याप्त लाभ प्रदान करती है अपितु अक्षय ऊर्जा के बारे में उनकी जागरूकता भी बढ़ाती है जो वर्ष 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन और वर्ष 2047 तक ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के भारत के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य में योगदान देती है।
  • ऊर्जा मांग में वृद्धि:
    • IREDA के अनुसार देश के लिये सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजनाओं के कारण भारत की ऊर्जा मांग में महत्त्वपूर्ण वृद्धि होगी तथा अधिकतम ऊर्जा मांग की पूर्ति अक्षय/नवीकरणीय स्रोतों के माध्यम से की जाएगी।
    • ऊर्जा मांग के लगभग 90% की पूर्ति नवीकरणीय स्रोतों से की जाएगी।
      • नवीकरणीय ऊर्जा के लिये पर्याप्त ऊर्जा भंडारण का प्रयास जारी है किंतु इसकी प्राप्ति तक थर्मल ऊर्जा का भी विकास किया जाएगा।

IREDA क्या है?

  • भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्था लिमिटेड (IREDA) नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन भारत सरकार का एक मिनी रत्न प्रतिष्ठान है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1987 में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिये एक विशेष गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान के रूप में की गई थी।
  • IREDA नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से संबंधित परियोजनाओं के वित्तपोषण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो वित्तीय संस्थानों/बैंकों को इस क्षेत्र में ऋण प्रदान करने का विश्वास दिलाता है।

अक्षय ऊर्जा से संबंधित सरकारी पहल क्या हैं?

और पढ़ें…IEA की इलेक्ट्रिसिटी 2024 रिपोर्ट, इंडियन ऑयल मार्केट आउटलुक 2030: IEA

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. भारत में सौर ऊर्जा उत्पादन के संदर्भ में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. भारत प्रकाश- वोल्टीय इकाइयों में प्रयोग में आने वाले सिलिकॉन वेफर्स का दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
  2. सौर ऊर्जा शुल्क का निर्धारण भारतीय सौर ऊर्जा निगम के द्वारा किया जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (d)

व्याख्या:

  • सिलिकॉन वेफर्स अर्द्धचालक के पतले स्लाइस होते हैं, जैसे- क्रिस्टलीय सिलिकॉन (c-Si), एकीकृत/इंटीग्रेटेड सर्किट का निर्माण और प्रकाश- वोल्टीय सेल के निर्माण के लिये उपयोग किया जाता है। चीन अब तक सिलिकॉन का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है, इसके बाद रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्राज़ील का स्थान है। भारत सिलिकॉन एवं सिलिकॉन वेफर्स के शीर्ष पांँच उत्पादकों में शामिल नहीं है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • सौर ऊर्जा शुल्क का निर्धारण केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया जाता है, न कि भारतीय सौर ऊर्जा निगम द्वारा। अतः कथन 2 सही नहीं है।

अत: विकल्प (d) सही उत्तर है।


प्रश्न. कभी-कभी समाचारों में 'नेट मीटरिंग' (Net metering) निम्नलिखित में से किसको प्रोत्साहित करने के संदर्भ में देखा जाता है। (2016)

(a) परिवारों/उपभोक्ताओं द्वारा सौर ऊर्जा का उत्पादन और उपयोग
(b) घरों की रसोईघरों में पाइप प्राकृतिक गैस का उपयोग
(c) मोटरगाड़ियों में CNG किट लगवाना
(d) शहरी घरों में पानी के मीटर लगवाना

उत्तर: (a)


मेन्स:

प्रश्न. भारत में सौर ऊर्जा की प्रचुर संभावनाएँ हैं, हालाँकि इसके विकास में क्षेत्रीय भिन्नताएँँ हैं। विस्तृत वर्णन कीजिये। (2020)

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