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प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना

  • 30 Jan 2024
  • 7 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री ने 'प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना' शुरू की, जो एक नवाचारी सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य देश में एक करोड़ घरों की छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली या रूफटॉप सोलर पैनल स्थापित करना है।

रूफटॉप सोलर पैनल क्या है?

  • परिचय: रूफटॉप सोलर एक फोटोवोल्टिक प्रणाली है जिसमें विद्युत उत्पादन करने वाले सौर पैनल आवासीय या व्यावसायिक भवन या संरचना की छत पर लगे होते हैं।
  • लाभ: यह ग्रिड से जुड़ी विद्युत की खपत को कम करता है और उपभोक्ता के लिये विद्युत की लागत बचाता है। 
    • रूफटॉप सोलर प्लांट से उत्पन्न अधिशेष सौर ऊर्जा इकाइयों को मीटरिंग प्रावधानों के अनुसार ग्रिड में निर्यात किया जा सकता है।
    • उपभोक्ता प्रचलित नियमों के अनुसार अधिशेष निर्यातित विद्युत के लिये मौद्रिक लाभ प्राप्त कर सकता है।
  • संबंधित सरकारी पहल: सरकार ने वर्ष 2014 में रूफटॉप सोलर प्रोग्राम लॉन्च किया, जिसका लक्ष्य वर्ष 2022 तक 40,000 मेगावाट (MW) या 40 गीगावाट (GW) की संचयी संस्थापित क्षमता हासिल करना था।
    • हालाँकि यह लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सका। परिणामस्वरूप, सरकार ने समय-सीमा वर्ष 2022 से बढ़ाकर वर्ष 2026 कर दी।
    • कुछ रिपोर्टों के अनुसार, प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना 40 गीगावॉट रूफटॉप सोलर क्षमता के लक्ष्य तक पहुँचने में मदद करने का एक बड़ा प्रयास है।

भारत की मौजूदा सौर क्षमता की क्या स्थिति है?

  • भारत की वर्तमान सौर क्षमता:
    • रूफटॉप सौर क्षमता: दिसंबर 2023 तक छत पर लगाए गए/रूफटॉप सोलर प्रणाली की कुल क्षमता लगभग 11.08 गीगावॉट है।
      • गुजरात 2.8 गीगावॉट के साथ सूची में शीर्ष पर है जिसके बाद महाराष्ट्र 1.7 गीगावॉट की क्षमता के साथ दूसरे स्थान पर है।
      • ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (Council on Energy, Environment and Water- CEEW) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार कुल रूफटॉप सोलर प्रणाली की मात्र 20% स्थापनाएँ आवासीय क्षेत्र में की गई हैं तथा अधिकांश रूफटॉप सोलर प्रणाली वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्रों में हैं।
        • रिपोर्ट के अनुसार भारत के 25 करोड़ घर छतों पर कुल 637 गीगावॉट की क्षमता की सोलर प्रणाली स्थापित कर सकते हैं तथा इसकी कुल क्षमता का मात्र एक-तिहाई हिस्सा देश में संपूर्ण आवासीय क्षेत्रों की विद्युत की मांग को पूरा कर सकता है।
    • स्थापित सोलर प्रणाली की कुल क्षमता: नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार दिसंबर 2023 तक भारत में छतों पर स्थापित सोलर प्रणाली की क्षमता लगभग 73.31 गीगावॉट तक पहुँच गई है।
      • कुल सौर क्षमता के मामले में राजस्थान 18.7 गीगावॉट के साथ शीर्ष पर है। गुजरात 10.5 गीगावॉट के साथ दूसरे स्थान पर है।
      • छत पर स्थापित सोलर प्रणाली क्षमता के संदर्भ में गुजरात 2.8 गीगावॉट के साथ सूची में सबसे ऊपर है इसके बाद महाराष्ट्र 1.7 गीगावॉट के साथ दूसरे स्थान पर है।

भारत की बढ़ती ऊर्जा मांग

  • अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (International Energy Agency) के अनुसार भारत को अगले तीन दशकों में वैश्विक स्तर पर ऊर्जा मांग में सबसे अधिक वृद्धि का अनुभव करना पड़ सकता है।
  • इसके अलावा, देश का लक्ष्य वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 50% विद्युत् ऊर्जा उत्पादन का है, जो पहले ही 43% तक पहुँच चुका है जिसमें कुल स्थापित क्षमता में नवीकरणीय ऊर्जा का योगदान 30% है।
    • बढ़ती विद्युत् ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिये नवीकरणीय क्षमता, विशेषकर सौर ऊर्जा में तेज़ी से वृद्धि आवश्यक है।

सौर ऊर्जा का प्रयोग करने के लिये अन्य सरकारी पहल क्या हैं? 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:  

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)

  1. अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance) को वर्ष 2015 के संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में प्रारंभ किया गया था।
  2. इस गठबंधन में संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश सम्मिलित हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2

उत्तर: (a)


मेन्स 

प्रश्न. भारत में सौर ऊर्जा की प्रचुर संभावनाएँ हैं, हालाँकि इसके विकास में क्षेत्रीय भिन्नताएँ हैं। विस्तृत वर्णन कीजिये। (2020)

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