अंतर्राष्ट्रीय संबंध
रूसी तेल पर पश्चिमी प्रतिबंधों पर भारत की चिंताएँ
- 23 Jul 2025
- 58 min read
प्रिलिम्स के लिये:उत्तर अटलांटिक संधि संगठन, क्वाड, ब्रिक्स, शंघाई सहयोग संगठन, सामरिक पेट्रोलियम भंडार मेन्स के लिये:ऊर्जा सुरक्षा और भारत की विदेश नीति, वैश्विक दक्षिण अर्थव्यवस्थाओं पर प्रतिबंधों का प्रभाव, भारत के तेल आयात के भू-राजनीतिक आयाम |
स्रोत: TH
चर्चा में क्यों?
भारत ने प्रस्तावित अमेरिकी रूसी प्रतिबंध अधिनियम, 2025 की तीखी आलोचना की है, जिसमें रूसी तेल और ऊर्जा उत्पादों का आयात करने वाले देशों पर 500% टैरिफ लगाने की धमकी दी गई है।
- यह कदम नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइज़ेशन (NATO) के कड़े दबाव के साथ आया है, जिसने भारत, चीन और ब्राज़ील को चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने रूसी तेल की खरीद जारी रखी, तो उन्हें 100% सेकेंडरी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।
- भारत ने पश्चिमी देशों पर "दोहरे मानदंड" अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि यूरोप अभी भी रूसी ऊर्जा खरीद रहा है जबकि अन्य देशों पर इसे रोकने का दबाव बना रहा है।
द्वितीयक प्रतिबंध (Secondary Sanctions) क्या होते हैं?
- परिचय: द्वितीयक प्रतिबंध एक प्रकार का आर्थिक दंड है जो सीधे तौर पर अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन करने वाले देश या इकाई को लक्षित नहीं करता है, बल्कि तीसरे पक्ष, आमतौर पर अन्य देशों, कंपनियों या व्यक्तियों को दंडित करता है जो प्राथमिक प्रतिबंध लक्ष्य के साथ व्यापार करना जारी रखते हैं।
- इसका लक्ष्य प्राथमिक लक्ष्य (जैसे: रूस, ईरान आदि) को और अधिक पूर्णतः अलग करना है तथा अन्य पक्षों को उनसे जुड़ने से हतोत्साहित करना है, भले ही वे तृतीय पक्ष स्वयं किसी अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन न कर रहे हों।
- मुख्य विशेषताएँ: ये प्राथमिक प्रतिबंधों को और प्रभावशाली बनाते हैं, तथा प्रतिबंध कानूनी खामियों (लूपहोल्स) को बंद करते हैं और प्रतिबंधों से बचने के तरीकों (वर्कअराउंड्स) को हतोत्साहित करते हैं।
- सेकेंडरी प्रतिबंध के तहत 100% टैरिफ (शुल्क) लगाया जा सकता है, वित्तीय पहुँच को अवरुद्ध किया जा सकता है तथा व्यापार पर रोक लगाई जा सकती है, यहाँ तक कि उन विदेशी संस्थाओं पर भी जो प्रतिबंध लगाने वाले देश से सीधे जुड़ी नहीं होतीं।
- सेकेंडरी प्रतिबंधों को लेकर चिंताएँ: ये प्रतिबंध एक देश के कानूनों को दूसरे देशों के मामलों में थोपते हैं, जिसे कई देश आर्थिक दबाव (इकोनॉमिक कोर्शन) मानते हैं।
- द्वितीयक प्रतिबंध राजनयिक संबंधों में तनाव उत्पन्न कर सकते हैं, खासकर यदि लक्षित तीसरा पक्ष सहयोगी हो।
रूसी तेल भारत के लिये कितना महत्त्वपूर्ण है?
- वैश्विक अस्थिरता के बीच रणनीतिक संरक्षण: रूस-यूक्रेन युद्ध (2022) के बाद पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के चलते रूसी तेल रियायती दरों पर बेचा गया। इसने भारत को मुद्रास्फीति (Inflation) को नियंत्रित करने, चालू खाता घाटा को स्थिर रखने तथा ईंधन सब्सिडी को कम करने में मदद की है।
- रूस से रियायती दर पर कच्चा तेल आयात करके भारत ने लगभग 13 बिलियन अमेरिकी डॉलर (2022-2024) की बचत की है।
- वर्ष 2022 के बाद बढ़ती निर्भरता: वित्त वर्ष 2022 में, भारत के तेल आयात में रूस का योगदान केवल 2.1% था। वित्त वर्ष 2025 तक, यह बढ़कर 35.1% हो गया, जिससे रूस पश्चिम एशियाई स्रोतों (कतर, यूएई) से आगे निकलकर शीर्ष आपूर्तिकर्त्ता बन गया।
- 2024 में, भारत ने रूस से प्रतिदिन लगभग 1.9 मिलियन बैरल तेल आयात किया, जबकि 2021 में यह मात्र 0.1 मिलियन बैरल/दिन (mb/d) था।
भारत रूसी प्रतिबंध अधिनियम और NATO के टैरिफ खतरों का विरोध क्यों कर रहा है?
- ऊर्जा सुरक्षा: भारत अपनी 85% से अधिक कच्चे तेल की आवश्यकता आयात करता है और वर्ष 2022 से रूसी तेल इसका एक प्रमुख स्रोत रहा है।
- रूस, जो वैश्विक तेल का 10% आपूर्ति करता है, को बाहर करने से कीमतें 130 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ सकती हैं, जिससे कीमतों में उछाल आएगा और उपभोक्ताओं को नुकसान होगा।
- पश्चिम द्वारा दोहरा मापदंड: भारत ने यह इंगित किया है कि कई यूरोपीय देश अब भी रूसी ऊर्जा खरीदते हैं, प्राय: किसी तीसरे देश के माध्यम से। उदाहरणस्वरूप, वर्ष 2024 में यूरोपीय संघ ने अपनी 18% प्राकृतिक गैस रूस से आयात की।
- भारत का तर्क है कि पश्चिमी देशों पर वही मानक लागू नहीं किये जाते, जिससे अमेरिका और NATO द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की वैधता और निष्पक्षता पर प्रश्न उठता है।
- व्यापारिक संप्रभुता को खतरा: प्रस्तावित 100%–500% टैरिफ भारत के सभी अमेरिकी निर्यातों को प्रभावित करेंगे, जिससे वर्ष 2024-25 में भारत के 41 बिलियन अमेरिकी डॉलर के व्यापार अधिशेष को खतरा है, विशेष रूप से IT, वस्त्र और दवा क्षेत्रों में।
- इससे पहले, वर्ष 2019 में भारत ने अमेरिका के द्वितीयक प्रतिबंधों के चलते ईरानी तेल आयात बंद किया था, जो उसकी आर्थिक संप्रभुता पर दबाव को दर्शाता है।
- वार्ता की रणनीति: भारत इन प्रतिबंधों की धमकी को दबाव की रणनीति मानता है तथा अमेरिका के साथ बातचीत कर रहा है ताकि अपनी चिंताओं को साझा कर सके और प्रस्तावित टैरिफ से छूट या रियायतें प्राप्त कर सके।
भूराजनीतिक दबाव के बीच ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु भारत कौन-सी रणनीतियाँ अपना सकता है?
- ऊर्जा आयात का विविधीकरण: भारत अब 40 देशों से कच्चा तेल आयात करता है, जबकि पहले यह संख्या 27 थी। अमेरिका और ब्राज़ील से आयात में वृद्धि हुई है।
- साथ ही भारत सऊदी अरब, इराक और अफ्रीकी देशों से तेल आयात बढ़ा रहा है ताकि रूस पर निर्भरता कम की जा सके।
- भारत को ऊर्जा अनुकूलन के लिये क्वाड, ब्रिक्स, शंघाई सहयोग संगठन (SCO), सार्क और बिम्सटेक जैसे मंचों के साथ सहयोग मज़बूत करना चाहिये।
- साथ ही, उसे G20 और अमेरिका व यूरोपीय संघ के साथ 2+2 वार्ता जैसे रणनीतिक संवाद मंचों का उपयोग करके प्रतिबंधों से छूट प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिये।
- सामरिक तेल भंडार (Strategic Oil Reserves) बनाना: भारत को अपने सामरिक पेट्रोलियम भंडार (SPR) के विस्तार की गति तीव्र करनी चाहिये ताकि वैश्विक आपूर्ति में रुकावट के समय यह एक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य कर सके।
- विश्वसनीय आपूर्तिकर्त्ताओं के साथ भविष्य-उन्मुख समझौते करें, जिससे सुनिश्चित और पूर्वानुमेय कीमतों पर तेल की आपूर्ति बनी रहे।
- घरेलू ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाना: नीतिगत समर्थन और सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के माध्यम से घरेलू तेल तथा गैस क्षेत्रों में निवेश बढ़ाना। कच्चे तेल पर निर्भरता कम करने के लिये इथेनॉल मिश्रण, जैव-ईंधन और हाइड्रोजन उत्पादन को बढ़ाना।
- राष्ट्रीय सौर मिशन और ग्रीन हाइड्रोजन पहलों के तहत बड़े पैमाने पर तैनाती जारी रखना। नवीकरणीय ऊर्जा के समावेशन के लिये भंडारण और ट्रांसमिशन बुनियादी ढाँचे में सुधार करना।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. भारत रूस के साथ ऊर्जा व्यापार में पश्चिम के "दोहरे मानदंडों" की निंदा करता है। इस आलोचना और भारत के भू-राजनीतिक रुख को आकार देने में इसकी प्रासंगिकता का विश्लेषण कीजिये। |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्सप्रश्न. भट्टी के तेल के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) प्रश्न. कभी-कभी समाचारों में पाया जाने वाला शब्द 'वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट' निम्नलिखित में से किसे संदर्भित करता है: (2020) (a) कच्चा तेल उत्तर: (a) मेन्स:प्रश्न. भारत की ऊर्जा सुरक्षा का प्रश्न भारत की आर्थिक प्रगति का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भाग है। पश्चिम एशियाई देशों के साथ भारत के ऊर्जा नीति सहयोग का विश्लेषण कीजिये। (2017) प्रश्न. वहनीय (अफोर्डेबल), विश्वसनीय, धारणीय तथा आधुनिक ऊर्जा तक पहुँच संधारणीय विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये अनिवार्य हैं। भारत में इस संबंध में हुई प्रगति पर टिप्पणी कीजिये। (2018) |